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Showing posts from January, 2020

मुकनायक की शताब्दी सोलापूर में मा मधु कांबळे जी का व्याख्यान

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सोलापुर शहर में मुख्य नायक कि शताब्दी संपन्न की गई सोलापूर मुख्य नायक शताब्दी समिति के द्वारा इस समारोह का आयोजन किया गया था लोकसत्ता मुंबई के सर् संपादक मधु काम्बले जी का व्याख्यान बाबा साहब आंबेडकर मुख्य नायक के दीप स्तंभ इस विषय पर अभ्यास पूर्ण उनका व्याख्यान रहा 31 जनवरी 1920 में मुख्य नायक वर्तमान पत्र का आरंभ हो गया और यह पत्रकारिता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बात रही जिन लोगों के लिए किसी भी प्रकार का अधिकार नहीं था लिखने का पढ़ने का बोलने का बात करने का यह सारे के सारे अधिकार मूकनायक के द्वारा एक लोगों के मन में चेतना पैदा करने का काम मुख्य के द्वारा डॉक्टर आंबेडकर जी ने किया इसका प्रतिबिंब आज के समारोह में हमें दिखाई दिया उन्होंने बहुत सारे वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उदाहरण देकर आज की पत्रकारिता भारतीय संविधान को लेकर जा रही है या नहीं इस पर उन्होंने प्रश्नचिन्ह प्रस्तुत किए चतुर्थ संभव के रूप में पत्रकारिता को देखा जाता है लेकिन आज की पत्रकारिता भारतीय संविधान के अनुसार काम करती है तो सही मायने में व चतुर्थ स्तंभ के रूप में अपना दायित्व निभा रही है ऐसा हम मानते हैं लेकिन ऐसा दिखा...

साहित्यिक लिखते हैं

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साहित्यिक लिखते क्यों है इसका अर्थ अगर हम जानेंगे देखेंगे तो हमें पता चलेगा साहित्यिक अपनी क्षमता को समृद्ध करने के लिए अपनी मन की चेतना को समृद्ध करने के लिए दुख दर्द बेचैनी पीड़ा को प्रकट करने के लिए शब्दों के माध्यम से कागज पर लिखता है जब कागज पर लिखता है तो पूरा का पूरा साहित्य बन जाता है साहित्यकार का सबसे बड़ा फर्क यह बनता है उसे समाज में दिखाई देने वाली हर एक समस्या को शब्द के द्वारा वाणी के द्वारा उसे अर्थ देने का काम साहित्यकार करता है साहित्यकार अपनी सृजनशीलता किरण अपनी योग्यता के बल के कारण साहित्य कृति का निर्माण करता साहित्य कृति सदियों के लिए वो काम में आती है आने के बाद हमें पता चलता है कि यह तो हमारा सारा समाज का ही प्रतिबिंब है साहित्य और साहित्य क्या हो सकता है साहित्य तो समाज के द्वारा समाज के लिए लिखा गया समाज का प्रबोधन करने हेतु लिखा गया तो साहित्य होता लेकिन इसे पढ़ने का काम हमें करना बहुत ही आवश्यक है आज के दौर में अगर देखा जाए तो बहुत सारे लोग मोबाइल टीवी इंटरनेट आदि समस्याओं में आदि जंजाल में इतने व्यस्त हैं कि उनके पास पढ़ने के लिए पर्याप्त समय नहीं है ऐसा कह...

लुम्बिनि प्रकाशन सोलापूर

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लुम्बिनी प्रकाशन सोलापुर द्वारा मैं सभी साहित्यिक कवि लेखक तथा अन्य सारे साहित्यकार से विनती करना चाहता हूं लुम्बिनी प्रकाशन के द्वारा  कला कृतियां प्रकाशित हो रही है मैं उन कलाकृतियों के द्वारा साहित्यिक लोगों की सेवा रसिक लोगों की सेवा करना चाहते हैं इस प्रकाशन   के द्वारा 2007 से लेकर आज तक लगातार प्रकाशन के द्वारा साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन किया गया है  साथ अन्य साहित्य के द्वारा प्रकाशन के क्षेत्र में अपना एक अलग योगदान देने के काम इस प्रकाशन के द्वारा हो रहा है अब राहुल सांकृत्यायन के साहित्य में बौद्ध दर्शन नामक किताब का विमोचन कुछ ही दिनों में होने वाला है मैं सभी साहित्यकार से सभी लेखक से सभी कवियों से विनती करना चाहूंगा अगर आपकी  रचना है आपका संग्रह है तो उसे प्रकाशित करने के लिए अगर आपके पास समय है अगर आप चाहते हैं यह रचना प्रकाशित  हो तो लुम्बिनी प्रकाशन को आप उसे दीजिए उसे हम प्रकाशित करने का दायित्व हम निभाएंगे इस प्रकार की आशा हम करते हैं

मुकनायक पाक्षिक शताब्दी

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मुख्य नायक डॉक्टर बाबा साहब आंबेडकर जीने 1920 में समाज की चेतना विद्रोह प्रकट करने हेतु इस पक्षी का आरंभ 31 जनवरी 1920 में पहला अंक प्रकाशित किया था इसके संपादक पांडुरंग नंदराम हटकर  उस समय डॉक्टर बाबा साहब आंबेडकर  की धन हम कॉलेज में प्रोफेसर थे इसलिए उन्हें खुलेआम संपादक पद पर काम करना आसान नहीं था इसलिए उन्होंने मुख्य नायक के व्यवस्थापक पद पर ज्ञानदेव ध्रुवनाथ घोलप  की नियुक्ति की थी प्रथम अंक में मनोगत नामक अग्रलेख डॉक्टर अंबेडकर जी ने लिखा था बाद में 13 अंकों में उन्होंने लेखन किया था मु कराएं के लिए छत्रपति राजर्षी शाहू महाराज ने ₹2500 सहयोग किया था डॉक्टर अंबेडकर जी ने को मराठी में मुंबई से उसे प्रकाशित किया था मुख्य का उद्देश्य दलित पीड़ित शोषित जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाना था तथा जनता को जागृत करना था डॉक्टर अंबेडकर जी द्वारा चाहते थे कि राजनीतिक शिक्षा  ज्ञान प्राप्त करके सभी का उद्धार करना उनका लक्ष्य था 5 जुलाई 1920 में डॉक्टर अंबेडकर जी आगे की शिक्षा प्राप्त करने हेतु लंदन चले गए 31 जुलाई 1920 से मुख्य नायक का संपादक पद ज्ञानेश्वर ध्रुव ना...

71 वा प्रजासत्ताक दिन चिरायु हो

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आज पूरे भारतवर्ष में 26 जानेवारी प्रजासत्ताक दिवस के उपलक्ष में 71 वा प्रजासत्ताक दिन पूरे आनंद उल्लास के साथ मनाया जा रहा है भारतीय संविधान जो है मुल रूप से 12 परिशिष्ट 22 भाग 395 कलम इसमें समावेश है भारत का संविधान निर्माण करने के लिए भारत के संविधान के शिल्पकार संविधान शिल्पी डॉक्टर बाबा साहब आंबेडकर  जी को 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन भारत का संविधान लिखने के लिए लगे 165 दिनों तक भारतीय संविधान निर्मिती के समय इस पर चर्चा चलती रही 299 सदस्यों ने इस पर चर्चा की भारतीय संविधान में जो मूल अंग्रेजी शब्द है 117 369 शब्द इसमें है साथी साथ 2000 मसूदा अंतिम पुणे के लिए दो हजार दुरुस्ती सूचना है इसमें सम्मिलित हो गए थे इसमें जो मूलभूत अधिकार जो है समानता का अधिकार कलम 14 से 18 स्वतंत्रता का अधिकार कलम 1922 शोषण के विरुद्ध अधिकार कलम 23 24 धर्म स्वतंत्रता का अधिकार कलम 25 से 28 सांस्कृतिक शैक्षणिक अधिकार कलम 29 37 संपत्ति का अधिकार कलम 31 अधिकार 44when घटना दुरुस्ती से निकाला गया है संवैधानिक उपाय योजना का अधिकार कलम 32 भारतीय संविधान में नागरिकों के लिए जो मूलभूत अधिकार दिए गए हैं मूलभूत कर्त...

आज की समस्या

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आज की समस्या में आज की समस्या में हम अगर देखें तो भारत में बेरोजगारी यह सबसे बड़ी समस्या है साथ ही साथ देश की आर्थिक स्थिति बहुत ही नाजुक खतरे में है उसको सही ढंग से ठीक करना है आज की सबसे बड़ी समस्या है साथ ही साथ आज पूरे देश भर में अलग-अलग आंदोलन होने के कारण अलग अलग मूड में अलग अलग माहौल में लोग तनावग्रस्त में अपना जीवन जी रहे हैं हमें चाहिए कि देश में वातावरण शांतिपूर्ण हो देश के सारे लोग सुख शांति समाधान से रहे अगर हम कुछ भी कानून कायदा अगर बनाना चाहते हैं तो देश के लिए हित के लिए लोगों के हित के लिए यह कायदा कानून होना चाहिए अगर लोग चाहते हैं कि यह कानून हमें लाभदायक नहीं है यह हमारे लिए बहुत ही मुसीबत खड़ा करने वाला है तो शासन करता को सरकार को जान लेना चाहिए अगर जनता नहीं आती है तो जनता के ऊपर किसी भी प्रकार का कोई भी कानून उनके मन के खिलाफ उनके ऊपर देना जबरदस्ती करना यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है इसलिए आज सबसे बड़ी समस्या है सभी को शिक्षा मिलनी चाहिए सभी को नौकरी मिली चाहिए देश में रहने वाले बालकों को भोजन मिलना चाहिए जितनी भी सारी बेरोजगारी है उसे दूर करना चाहिए निजी करण के क्ष...

शिंदे शाही का योगदान

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शिंदे शाही का सबसे बड़ा योगदान अंबेडकरी गीत गायन में माना जाता है प्रल्हाद शिंदे से लेकर आज तक के आघाडी के गायक आदर्श शिंदे तक का यह सफर लगातार आगे बढ़ रहा है शिंदेशाही में प्रल्हाद शिंदे ने जो भी गीत गाए हैं वह सारे के सारे गीत आज भी अजर अमर है अगर हमें कव्वाली सुनना है तो हम एक ही नाम ले सकते हैं पहाड़ी आवाज के रूप में वह स्वर सम्राट प्रल्हाद शिंदे उसके बाद यह परंपरा आगे बढ़ाई आनंद-मिलिंद की जोड़ी ने आनंद मिलिंद इन दोनों भाइयों ने जो गीत गाए है जो कि आज राम वर किए हैं आने वाली सदियों तक यह गीत अजर अमर रहेंगे बुद्ध धर्म का प्रचार और प्रसार गीतों के माध्यम से करना यह भी एक सबसे बड़ा काम होता है बाबा साहब अंबेडकर का मोमेंट आगे बढ़ाने के लिए शिंदेशाही के इन यूर पुरुषों ने जो काम किया है काम कर रहे हैं यह अनूठा काम है लगातार इसी काम को आगे बढ़ाने का जिम्मेदार दायित्व निभा रहे हैं आदर्श शिंदे क्लासिकल गायन हो फिल्मी गीत हो जाए सीरियल के गीत हो इन गीतों के माध्यम से अपना दबदबा अपनी एक शान अपनी एक संदेश आई स्थापित करने में यह अपने बलबूते पर अपनी योग्यता पर यह आगे आ रहे हैं स्वर के माध्यम से ...

भारतीय संविधान का सन्मान

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भारत का संविधान सबसे बड़ा हमारा राष्ट्र ग्रंथ है देश के लिए देश चलाने के लिए भारत का संविधान हमारे लिए पूज्य है पूजनीय है चलो हमें भारतीय संविधान का सम्मान करना हमारा हमारा सबसे बड़ा धर्म है जब तक हम भारत के संविधान के प्रति श्रद्धा निष्ठा प्रेम नहीं रखेंगे तब तक हमारा देश आगे बढ़ने वाला नहीं है भारत का संविधान निर्माण करने वाले हमारे संविधान शिल्पी डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर जी ने इस संविधान का निर्माण करते समय किसी भी जाति धर्म के प्रति इस प्रकार का भाव उन्होंने प्रकट किया है इस देश में रहने वाला किसी भी समुदाय का व्यक्ति हो उसका कल्याणी तुत उसकी समृद्धि भारत के संविधान में हमें दिखाई देती है भारत के संविधान के कारण ही आज हमारा देश अखंड है संभव है इस देश का संविधान ही सर्वश्रेष्ठ है इसलिए इस देश के कानून के प्रति इस देश के संविधान के प्रति हमारे निष्ठा बढ़नी चाहिए भारत का संविधान सभी वर्गों के प्रति शिक्षा का अधिकार बहाल करता है भारत का संविधान सबकी विकास की बात करता है भारत का संविधान सारे नागरिकों के प्रति समानता का अधिकार बहाल करता है भारत का संविधान सारी वर्गों के शिक्षा के बारे मे...

दहेज मुक्त भारत

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आज के संदर्भ में कहना चाहता हूं कि पूरा भारत वर्ष जो है दहेज मुक्त होना चाहिए दहेज की एक ऐसी समस्या है इस समस्या में हर समाज हर नागरिक हर नारी हर माता-पिता को इस समस्या से बहुत सारी परेशानी उठानी पड़ रही है समाचार पत्रों में हम पढ़ते हैं कि बहुत सारी लड़कियां हैं जो दहेज न देने के कारण उनके खिलाफ संघर्ष करना उन्हें पड़ा है इतना ही नहीं उन्हें अपनी जान तक भी देनी पड़ी है इतना ही नहीं जिन माता-पिता के पास धन नहीं है रुपया नहीं है संपत्ति नहीं है वह कैसे देंगे और इसलिए कुछ ऐसी लड़कियां जो है आज भी कुंवारी बैठी है जो दहेज ना होने के कारण आज उनकी शादी नहीं हो रही है यह हमारी सबसे बड़ी समस्या है आज भी भारत वर्ष में इस प्रकार की समस्या को लेकर हमारे देश में हर एक समाज में इस प्रकार की जागृति होना बहुत ही आवश्यक है कि कोई भी लड़की चाहे लड़का हो या लड़की हो इस प्रकार की प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि मैं अपनी शादी में किसी भी प्रकार की दहेज के रूप में चाहे वस्तु हो या हो सोना चांदी हो चाय किस प्रकार की भी किसी भी प्रकार की वस्तु क्यों ना हो मैं उसका स्वीकार नहीं करूंगा मैं अपनी शादी में बस...

छपाक फिल्म की समीक्षा

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आज के दौर में फिल्मों में जो दिखाया जा रहा है वास्तविकता जो दिखाई दी जा रही है मेरे ख्याल से बहुत ही अच्छा लग रहा है छपाक फिल्में भी ऐसी है आज के दौर में हमारे समाज में माता-पिता ओं के द्वारा अपने बच्चों के किए जाने वाले हर कार्य पर किस प्रकार से अंधे का किया जाता है किस प्रकार से अपने बच्चों पर उंगली उठाई जाती है छोटा या मोटा किस प्रकार का भी काम किए हैं काम के लिए अपने बच्चों के ऊपर विश्वास नहीं किया जाता बच्चों पर किए गए हर काम पर किसी न किसी प्रकार का सेक्स किया जाता है बच्चों का दोस्त हूं ना रहते हुए भी उनके ऊपर किसी भी प्रकार का दोषारोपण किया जाता है बच्चे आज ऐसी अवस्था में गुजर रहे हैं कि किसी भी प्रकार का उनका दोषारोपण ना होने के बावजूद भी आज बच्चों के ऊपर इस प्रकार का अन्याय हो रहा है अत्याचार हो रहा है और उसी का प्रतिबिंब में छपा में भी हमें देता है जो कि जो छात्र हमेशा हमेशा के लिए अपनी सावधानी के कारण अपने प्रगति के लिए अपनी योग्यता दिखाने के लिए प्रयास करता है आगे बढ़ता है कोशिश करता है लेकिन उसकी कोशिश करने के बावजूद भी उसके साथ किस प्रकार से हार होती है उसका ...

तन्हाजी फिल्म की समीक्षा

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कल मैंने तानाजी फिल्म को देखा और इस फिल्म में मुझे बहुत ही बढ़िया एक्टिंग लगी अजय देवगन की साथी साथ सैफ अली खान साथी साथ काजोल की अभिनेता को देखकर मुझे बहुत ही आनंद का अनुभव हुआ पिक्चर देखते समय ऐसा अनुभव मुझे हो रहा था कि यह सारा का सारा युद्ध कोंडाणा किला की लड़ाई मेरे सामने मेरे आंखों के सामने घटित हो रही है इस प्रकार की फीलिंग 3D फिल्म के कारण यह मुझे अनुभव हो रहा था छत्रपति शिवाजी महाराज का यह मामला किस प्रकार से अपनी जान देने के लिए तैयार है छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि को छत्रपति शिवाजी महाराज का आदेश लेकर स्वयं का लड़का राय वा की शादी छोड़कर पहले कोंडाना को प्राप्त करने के लिए चला जाता है और वहां पर जाकर अपनी जी जान लगाकर अपना सारा वैभव अपनी सारी ताकत एकनाथ लगाकर गोंडवाना को प्राप्त करता है और कुंड आना को प्राप्त करने के बाद अपनी जान दे देता है यह शौर्य की गाथा वीरता की गाथा हमें दिखाई दी है तानाजी फिल्म में मैं अजय देवगन जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने इतिहास को साकार रूप देने का प्रयास इस फिल्म के माध्यम से किया है मैं पूरे जनता को युवा वर्ग को चाहूंगा कि इस फिल्म क...

93 वा अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन उस्मानाबाद 10,11,12जनवरी 2020

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93 अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन उस्मानाबाद में दस ग्यारह बारह जनवरी 2020 को संपन्न हुआ इस सम्मेलन में कवि सम्मेलन बाल साहित्य पर चर्चा कवि सम्मेलन में अन्य अन्य कविताओं का विमोचन कविता का पाठ साथी साथ परिसंवाद का भी आयोजन इस परिसंवाद में किया गया था 12 जनवरी को मैंने इस सम्मेलन में अपना योगदान देने का मैंने काम किया वहां जाकर मैंने वा की सारी व्यवस्था को देखा और यह बात मुझे बहुत ही अच्छी लगी कि वहां के पुस्तक संग्रहालय के रूप में पुस्तक का सॉन्ग है बहुत ही अच्छे ढंग से लगाया गया था करीबन 200000 किताबें वहां पर मौजूद थी लोगों में एक उत्साह था बहुत ही अच्छा माहौल मुझे वहां दिखाएं दिया बहुत सारे लोग किताबें खरीद कर रहे थे बहुत सारे लोगों के हाथों में मैंने किताबे लिखी यह आने वाले दिनों में लोगों के लिए तथा पढ़ाई करने वाले लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है साथ ही साथ वहां पर मैंने भी मैंने देखे जो ऑनलाइन और सीडी डीवीडी के रूप में भी यह सारे के सारे बुक्स मैंने वहां पर देखें वहां पर ध्यान पर एक कक्ष मैंने देखा उसमें बहुत सारे साथी ध्यान कर रहे थे डॉ बाबासाहेब आंबेडकर का पूरा समग्र साहि...

भारत मेरा महान

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मेरा भारत महान है और इस महान देश की परंपरा ऋषि मुनि और सभी संत जनों की यह भारत की हमारी परंपरा है इस देश को बनाने के लिए इस देश की हर एक जनता का हर एक नागरिक का अपना एक खून बहा है इस देश की मिट्टी में देश की मिट्टी हमें यह संदेश देती है कि हम इस देश को जब तक इस देश में हम रह रहे हैं तब तक हम इस देश के वासी है इसलिए इस देश को बनाने में हर एक व्यक्ति का अपना योगदान है इसलिए हमारी परंपरा हमारी संस्कृति हमारी भाषा हमारी सभ्यता हमारे रहन-सहन एकता बनाए रखने का हमारा देश विश्व में सबसे महान है या का लोकतंत्र यहां की सारी पद्धतियां या के सारे रीति रिवाज अपने आप में अद्भुत है या के प्राचीन धरोहर के रूप में कहीं नहीं मिलेंगे इतना वैभव परंपरा हमारे देश का सबसे बड़ा योगदान है कि वह धर्मनिरपेक्षता धर्मनिरपेक्ष धर्मनिरपेक्षता का भाव हमें ध्यान में रखते हुए इस देश को आगे बढ़ाने के लिए हर एक युवक हर एक युवती को आगे आना चाहिए जब तक हम देश की एकता को अखंड रखने के लिए आगे नहीं आएंगे देश में शांति बनाए रखने के लिए हम आगे नहीं बढ़ेंगे तब तक हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि हम वह भावेश भाक...

भारतीय एकात्मता

भारतीय एकात्मता आज केवल आवश्यकता बन गई है आज हम देख रहे हैं पूरे भारतवर्ष में हर कोई अपने आप में खो चुका है एकता अखंडता के नाम केवल भारत में अनाचार अंधाधुन भी फैल रही है एकात्मता हमें अखंडता रखने हेतु भारत में बहुत ही आवश्यक है जाति धर्म पंथ ढेर सारे अमानुष भेदभाव दूर करके विषमता का भाव दूर करके एकात्मता की डोर खींचना बहुत ही आवश्यक है हमारे देश में आज भी एकात्मता केवल कागज पर भारतीय संविधान के अनुसार सारे भाई-बहन सारे धर्म समान कोई भी श्रेष्ठ नहीं है कोई भी पूछा नहीं है फिर भी आज हम देख रहे हैं हर कोई अपने-अपने नारे लगाकर देश की एकता अखंडता को कायम रखने हेतु प्रयास करने के बजाए अपना-अपना जयघोष कर रहा है भारतीय एकता की यह सबसे बड़ी आवश्यकता है कि हम सब मिलकर भारत को आगे ले जाए भारत की अखंडता को बनाए रखने हेतु हमारे नौजवानों ने जो योगदान दिया है उस योगदान को हमें याद रखना चाहिए

ब्राह्मी लिपि (धम्म लिपि)

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ब्राह्मी लिपि हमारे देश की सबसे प्राचीन और अध्यापक रिध्दि मानी जाती है इस लिपि में सारी भाषाओं की स्रोत जननी के रूप में इसे जाना जाता है इसका इतिहास अगर देखा जाए तो हजारों वर्ष पहले इस लिपि का आरंभ भारत में हुआ और हमारे प्राचीन पुरुषों ने इसकी खोज की और इसका विकास जो हुआ रविकांत इसका विकास जो हमें दिखाई देता है वह सम्राट अशोक के कालखंड में इसका विकास शिलालेखों के लिए इसका उपयोग किया गया आज के दौर में ब्राह्मी लिपि को ही धम्मदीप पी वि सम्राट अशोक ने कहा है इसलिए इस लिपि में जो भी इतिहास छिपा है उस इतिहास को खोज कर निकाला हमारा सबसे बड़ा फर्ज बनता है इसके लिए जी-जान मेहनत करेंगे और इस लिपि का समर्थन करेंगे इस लिपि को मायाजाल स्रोत पर यानी कि इंटरनेट पर एक पाउंड के रूप में इसका उपयोग किस प्रकार से हो जाए और जो प्राचीन शिलालेख है उसे पढ़ने के लिए भी हमारे लिए एक सबसे बड़ा माध्यम यह लिपि हो सकती है इसलिए मैं चाहता हूं कि बहुत सारे लोग आए और इस लिपि को अपना हम संगमेश्वर महाविद्यालय में जून महीने से ब्राह्मी लिपि वर्ग का आयोजन कर रहे हैं इस लिपि का अध्ययन करने के लिए जो भी व्यक्ति या जो भी श्...

अजंता लेणी

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अजन्ता लेने का एक दिवसीय सफर संगमेश्वर महाविद्यालय हिंदी विभाग द्वारा आयोजित किया गया था इस यात्रा में हिंदी विभाग के बहुत सारे छात्र उपस्थित थे बहुत ही अच्छा लगा इस यात्रा में कुल मिलाकर हमने 26 लेडीस समूह को हमने देखा हर्ले ने समूह में अलग-अलग चित्रकारी थी उसमें गौतम बुद्ध की बहुत सारी मूर्तियां हमें नजर आए 1000 वर्ष पूर्व की चित्रकारी था वहां पर हमें अधिकारी यह जो चित्रकारी ता है दूसरी शताब्दी में बनाया गया यह पूरा का पूरा शिल्प समूह में बहुत ही अच्छा लगा फर् लेडीस समूह में अलग-अलग चित्रकारी था और अलग-अलग प्रकार की मूर्तियां हमें वहां पर अधिकारी हर लेनी में अलग-अलग प्रकार के भाव हमें दिखाई दिए लेनी क्रमांक एक में एक बहुत ही चमत्कारिक बुद्ध की मूर्तियां मेरी जो एक ही मूर्ति में तीन प्रकार के भाव हमें दिखाए देते हैं अलग-अलग जगह से खड़े होने के बाद अलग-अलग के भाव उस मूर्ति में हमें दिखाए देते हैं पूरी दीवारों पर चित्रकारी ता देखने से पता चलता है कि भगवान गौतम बुद्ध के जीवन और चरित्र को उनके उपदेशों को चित्रों के माध्यम से यहां पर स्पष्ट किया गया है यह देखते समय हमें एक ऐसा अनुभव आ रहा ...

एक दिवसीय औरंगाबाद यात्रा

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एक दिवसीय औरंगाबाद की यात्रा का आयोजन हिंदी विभाग संगमेश्वर महाविद्यालय की ओर से 5 जनवरी 2020 को आयोजन किया गया था इसमें कुल 12 छात्रों ने हिस्सा लिया सबसे पहले हम गए औरंगाबाद औरंगाबाद में हमने पहला जो क्षेत्र है देखने लायक वह है अजंता लेणी  के उस समूह एक से लेकर 26 लेणी  समूह का यह दो दूसरी शताब्दी में बना यह लेणी  समूह एक से 26 तक का पूरा चित्रकारी पत्थर को तराशा कर इसे बनाया गया है यह विश्व धरोहर के रूप में भी यह बहुत ही प्रसिद्ध है और लाखों सैलानी लाखों पर्यटक देश विदेश से इस क्षेत्र को देखने के लिए आते हैं यह हमारे देश के लिए और महाराष्ट्र के लिए विशेष रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है इसका संरक्षण होना संवर्धन होना बहुत ही आवश्यक है महाराष्ट्र सरकार में विनती करना चाहूंगा कि औरंगाबाद जाने के लिए जो रास्ता बन रहा है उस ठीक है लेकिन लेनी के बाजू में से जब हम बाहर निकलते हैं तो ऊपर ही पड़ाव पर रास्ता बहुत ही खराब है जब हम औरंगाबाद वापस आ रहे हैं तो इसका सा...

सुहाना सफर औरंगा बाद

आज हम औरंगाबाद सिटी में आए हैं बहुत ही अच्छा लग रहा है सबसे पहले हम जाएंगे अजंता केव्स 1000 वर्ष पूर्व की यह सारी दुनिया जो है 26 लेनी है उसे हम देखेंगे उसके बाद औरंगाबाद सिटी आएंगे औरंगाबाद सिटी में जितने भी सारे प्राचीन स्मारक है उसे हम देखेंगे और उन प्राचीन स्मारकों को देखने के बाद दौलताबाद किला जो है फॉल्ट है उसे हम देखेंगे उसके बाद जो बचा हुआ समय है वह पूरा औरंगाबाद सिटी देखेंगे और उसके बाद हमारा सफर फिर सोलापूर के लिए शुरू हो जाएगा संगमेश्वर महाविद्यालय हिंदी विभाग के छात्र मेरे साथ में है देखना है कि आज का सफर हमारा किस प्रकार का होता है सफर बहुत ही अच्छा है देखिए आप भी आइए सफर के लिए सफर करना है तो बहुत ही अच्छा लगता है मुझे भी बहुत ही अच्छा लग रहा है छात्रों के साथ कई बार आ चुका हूं आज भी मैं देख चुका हूं इसके पहले कितनी बार मैं देखा हूं आज भी देखने का मन हो रहा है तो आने वाली पीढ़ी के लिए युवाओं के लिए मैं चाहता हूं कि आप भी अजन्ता को देखिएगा धन्यवाद

आज की समस्या और उसका समाधान

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आज भारत की सबसे बड़ी समस्या यह है कि बेरोजगारी बहुत ही बढ़ चुकी है हर एक युवक चाहता है कि उसे काम मिले लेकिन काम नहीं मिल रहा है यह हमारी सबसे बड़ी समस्या है साथ ही साथ हमारे देश में आर्थिक समस्या बढ़ रही है इसके कारण बहुत सारे लोग आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं इसे निपटाना बहुत ही आवश्यक है हमारे देश में आज की घड़ी में एक ऐसी व्यवस्था चल रही है जो अमीर है वह अमीर बन रहा है जो गरीब है वह गरीब बन रहा है इसलिए अमीरी और गरीबी का भेद अगर मिटाना है तो हमें सबसे पहले यह कदम उठाना पड़ेगा कि जो लोग अमीरी के सर पर है वह गरीब लोगों की सहायता करें लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है यह हमारी सबसे बड़ी समस्या है आज के युवा वर्ग को यह चाहिए कि छोटा-मोटा अगर उसे काम मिले मिल जाए तो वह युवक अपनी समस्या हल करके देश को आगे ले जाने के लिए अपना योगदान दे सकता है लेकिन आज का युवक पढ़ लिख कर भी निराश हताश है उसके पास किसी भी प्रकार की उम्मीद नहीं है ऊंची उपाधिया सेठ नेट जैसी उपाधियां इंजीनियरिंग डॉ फिर भी उसके पास काम नहीं है यह सबसे बड़ी समस्या आज के हमारे युवक के पास है हम चाहते हैं कि हमारा युवा युवा स्वरोजगार बने स...

सावित्रीबाई फुले को अभिवादन

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सावित्रीबाई फुले जयंती जयंती के उपलक्ष में सावित्रीबाई फुले को वंदन करना  चाहता हूं सावित्रीबाई फुले ने जो काम किया है और अद्वितीय है अविस्मरणीय काम उन्होंने किया महाराष्ट्र में साहित्य के क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान रहा है योगदान सराहनीय है उन्होंने जो काम किया है आने वाली सदियों तक जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक सावित्रीबाई और ज्योतिबा फुले का नाम नारी  शिक्षा के लिए महिलाओं के लिए अनाथ महिलाओं के लिए परित्यक्ता महिलाओं के लिए उन्होंने जो काम किया है काम अतुलनीय है ऐसा काम कोई कर नहीं सकता आज जो नारी  पढ़ रही है लिख रही है आगे बढ़ रही है उसके पीछे सावित्री का त्याग समर्पण भावना है  /

नव वर्ष सकंल्प 2020

नव वर्ष के उपलक्ष में बहुत सारे संकल्प मैंने किए हैं पहला संकल्प यह है कि इस वर्ष में इतना लिखूंगा इतना लिखूंगा लिखते लिखते मैं इतना पढ़ लूंगा पढ़ लूंगा कि ताकि मैं अपनी अध्ययन क्षमता को और ज्यादा मजबूत बना सकूं लिखते लिखते में समीक्षा लिखूंगा साधना करूंगा साहित्य की साधना करूंगा साथ ही साथ जितने भी मेरे सहयोगी दोस्त है उनके बारे में उनके किताबों के बारे में लिखूंगा संशोधन के छात्र में 2 छात्रों को मैं मार्गदर्शन कर रहा हूं उनके संशोधन में नयापन किस प्रकार से आएगा इस प्रकार की कोशिश लगातार करता रहूंगा जो भी साथी मेरे साथ जुड़ेंगे उनके साथ मिलकर मैं अपना काम करता रहूंगा साथ ही साथ आने वाले दिनों में एक ऐसा संकल्प मेरे मन में है कि मैं जो भी काम करूं उससे ही सच्ची लगन निष्ठा के साथ में काम करो उसमें किसी भी प्रकार की कठिनता ना आए मैं सारे दोस्तों से कहना चाहूंगा अगर मैं अपने जीवन में किसी के साथ अपशब्द कहे हो या किसी का मन दुखित हुआ हो उनके प्रति भी मैं एक प्रकार की आस्था प्रकट करना चाहता हूं कि मैं उनके प्रति मेरे मन में किसी भी प्रकार का भाव नहीं है मैं सारे दोस्तों के प्रति सारी जनता ...