93 वा अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन उस्मानाबाद 10,11,12जनवरी 2020
93 अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन उस्मानाबाद में दस ग्यारह बारह जनवरी 2020 को संपन्न हुआ इस सम्मेलन में कवि सम्मेलन बाल साहित्य पर चर्चा कवि सम्मेलन में अन्य अन्य कविताओं का विमोचन कविता का पाठ साथी साथ परिसंवाद का भी आयोजन इस परिसंवाद में किया गया था 12 जनवरी को मैंने इस सम्मेलन में अपना योगदान देने का मैंने काम किया वहां जाकर मैंने वा की सारी व्यवस्था को देखा और यह बात मुझे बहुत ही अच्छी लगी कि वहां के पुस्तक संग्रहालय के रूप में पुस्तक का सॉन्ग है बहुत ही अच्छे ढंग से लगाया गया था करीबन 200000 किताबें वहां पर मौजूद थी लोगों में एक उत्साह था बहुत ही अच्छा माहौल मुझे वहां दिखाएं दिया बहुत सारे लोग किताबें खरीद कर रहे थे बहुत सारे लोगों के हाथों में मैंने किताबे लिखी यह आने वाले दिनों में लोगों के लिए तथा पढ़ाई करने वाले लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है साथ ही साथ वहां पर मैंने भी मैंने देखे जो ऑनलाइन और सीडी डीवीडी के रूप में भी यह सारे के सारे बुक्स मैंने वहां पर देखें वहां पर ध्यान पर एक कक्ष मैंने देखा उसमें बहुत सारे साथी ध्यान कर रहे थे डॉ बाबासाहेब आंबेडकर का पूरा समग्र साहित्य मुझे वहां पर दिखाई दिया जो कि महाराष्ट्र साहित्य मंडल द्वारा सरकारी प्रकाशन द्वारा यह प्रकाशन किया जाता है वह भी मैंने वहां पर देखा साथी साथ बसवेश्वर महात्मा गांधी डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर ज्योति राव फूले तथा अन्य महापुरुषों के जीवन पर बहुत सारी महत्वपूर्ण किताबें वहां पर मुझे दिखाई दी महाराष्ट्र के बहुत सारे प्रकाशक वहां पर आए थे लेखक आए थे साहित्यकार आए थे साहित्य पर प्रेम करने वाले बहुत सारे साहित्य प्रेमी ने अपनी होजरी वहां पर लगाई साथ ही साथ कई ऐसे लोग मुझे वहां पर दिखाई दे जो गुरु काका कुमार के रूप में वहां पर बहुत सारे मिट्टी के बर्तन बनाए जा रहे थे यह भी एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि रहे जैसे कि इस काम के लिए आज लोग उपलब्ध नहीं है वहां पर मुझे इसका प्रत्यक्ष देखने को मिला बहुत ही अच्छा लगा कि हिंदी और मराठी दोनों भाषा एक साथ आगे बढ़ सकती है दोनों भी देवनागरी के रूप में अपना योगदान देने का काम कर रही है मुझे बहुत ही अच्छा लगा इस प्रकार का साहित्य सम्मेलन हर शहर में इसका आयोजन होना बहुत ही जरूरी है आयोजकों मैं धन्यवाद देना चाहता हूं
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