मुकनायक की शताब्दी सोलापूर में मा मधु कांबळे जी का व्याख्यान

सोलापुर शहर में मुख्य नायक कि शताब्दी संपन्न की गई सोलापूर मुख्य नायक शताब्दी समिति के द्वारा इस समारोह का आयोजन किया गया था लोकसत्ता मुंबई के सर् संपादक मधु काम्बले जी का व्याख्यान बाबा साहब आंबेडकर मुख्य नायक के दीप स्तंभ इस विषय पर अभ्यास पूर्ण उनका व्याख्यान रहा 31 जनवरी 1920 में मुख्य नायक वर्तमान पत्र का आरंभ हो गया और यह पत्रकारिता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बात रही जिन लोगों के लिए किसी भी प्रकार का अधिकार नहीं था लिखने का पढ़ने का बोलने का बात करने का यह सारे के सारे अधिकार मूकनायक के द्वारा एक लोगों के मन में चेतना पैदा करने का काम मुख्य के द्वारा डॉक्टर आंबेडकर जी ने किया इसका प्रतिबिंब आज के समारोह में हमें दिखाई दिया उन्होंने बहुत सारे वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उदाहरण देकर आज की पत्रकारिता भारतीय संविधान को लेकर जा रही है या नहीं इस पर उन्होंने प्रश्नचिन्ह प्रस्तुत किए चतुर्थ संभव के रूप में पत्रकारिता को देखा जाता है लेकिन आज की पत्रकारिता भारतीय संविधान के अनुसार काम करती है तो सही मायने में व चतुर्थ स्तंभ के रूप में अपना दायित्व निभा रही है ऐसा हम मानते हैं लेकिन ऐसा दिखाई नहीं देता इस प्रकार की यात्रा किस प्रकार का कीर् उन्होंने प्रकट किया इस समारोह में प्राध्यापक एमआर काम्बले जी ने प्रस्तुत किया सुधीर चन्दनशिवे ने अपनी भूमिका अदा की और इस समारोह की अध्यक्षता दत्ता गायकवाड जी ने किया और मनीष सुरवसे ने इस समारोह के प्रमुख अतिथि मधु जी का परिचय दिया इस समारोह में सोलापूर के बहुत सारे पत्रकारों का सम्मान किया गया शाल पुष्पगुच्छ और स्मृति चिह्न देकर उन सारे पत्रकारों का सम्मान किया गया प्रतिनिधि के रूप में इनका सत्कार जो है वह किरण बनसोडे का सत्कार इस समय किया गया और वे अपने विचारों से भी लाभान्वित हो गए बहुत सारे लोगों को उन्होंने अपनी मनोकामनाएं अपनी भावनाएं प्रकट की इस प्रकार से यह समारोह सफलतापूर्वक सफल रहा

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