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Showing posts from November, 2020

बड़े घर की बेटी की समीक्षा -डॉ संघप्रकाश दुड्डे

बड़े घर की बेटी की समीक्षा हिंदी साहित्य जगत में कहानीकार उपन्यासकार के रूप में जाने माने जाने वाले प्रसिद्ध कहानी का मुंशी प्रेमचंद जी ने बड़े घर की बेटी द्वारा बहुत ही महत्वपूर्ण कहानी है इस कहानी में उन्होंने संयुक्त परिवार में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को पलकों को बात का बतंगड़ बन जाने और फिर आपसी समझदारी से बिगड़ती पर स्थिति को सामान्य करने का हुनर को दर्शाया है बड़े घर की बेटी में कहानीकार ने पारिवारिक मनोविज्ञान को बड़ी ही सूक्ष्मता से दिखाया गया है बेनी माधव सिंह गौरीपुर के जमींदार है उनके बड़े पुत्र की पत्नी आनंदी देवर द्वारा खड़ाऊ मारने पर कोप भवन में चली जाती है और अपने पति से देवर की शिकायत करती है श्रीकांत क्रोधित होकर भाई का मुख ना देखने की कसम खाते हैं परिवार में क्लेश और झगड़ा देखने के लिए कई लोग हुक्का चिलम के बहाने घर में जुट जाते हैं दुखी लाल बिहारी घर छोड़कर जाने लगता है जाते-जाते भाभी से क्षमा मांग लेता है आनंदी का ह्रदय पिघल जाता है और अपने देवर लाल बिहारी को क्षमा कर देती है दोनों भाई गले मिलते हैं और सब कुछ पहले की तरह सामान्य और आनंददायक हो जाता है पहले बेनी म...

बिरादरी बाहर कहानी की समीक्षा -डॉ संघप्रकाश दुड्डे

बिरादरी बाहर कहानी की समीक्षा राजेंद्र यादव नई कहानी के सशक्त हस्ताक्षर है वह सामाजिक संचेतना के कहानीकार है साथ ही प्रगतिशील कालावधी रचनाकार हैं  अभिमन्यु की हत्या आत्महत्या, किनारे से किनारे तक, खेल खिलौने, टूटना ,अपने पार, जहां लक्ष्मी कैद है ,मेरी प्रिय कहानियां ,राजेंद्र यादव की श्रेष्ठ कहानियां ,रेखाएं लहरें और परछाइयां ,देवताओं की मूर्तियां, छोटे-छोटे  ताजमहल, प्रतिक्षा ,आदि राजेंद्र यादव प्रसिद्ध कहानी संग्रह हैं/  राजेंद्र यादव की कहानियों में भिन्न-भिन्न वर्गों का चित्रण पाया जाता है तथा के अधिकतर कहानियों में इन्होंने मध्यम वर्ग को विषय बनाया है और मध्यम वर्ग की सामाजिक तथा धार्मिक रूढ़ियों का चित्रण किया है नारी की दयनीय ता से अधिक प्रभावित है अर्थ की चक्की पीसने वाले किसान मजदूर धर्म के बोझ से दबे अज्ञानी प्रेमचंद कुंठा से ग्रस्त स्त्री-पुरुष मुक्त यौनाचार को स्वीकृति देने वाले उच्च वर्गीय संभ्रांत लोग उनकी कहानियों में स्थान पा चुके हैं इसलिए इनकी कहानियों में निम्न मध्यमवर्गीय और उच्च वर्गीय तीनों वर्गों के पात्र कार्यरत है तथा उनमें मानव सुलभ गुण दोष भी पा...

पंचलाइट कहानी की समीक्षा -डॉ संघप्रकाश दुड्डे

पंचलाइट कहानी की समीक्षा इस कहानी के द्वारा फणीश्वर नाथ रेणु जी ने ग्रामीण जीवन का वास्तविक चित्रण जो है पंचलाइट कहानी में फणीश्वर नाथ रेणु जी ने वास्तविक दर्शन हमारे सामने प्रस्तुत करने का प्रयास किया है ग्रामीण जीवन आज भी किस प्रकार से पिछड़ा है ग्रामीण जीवन आज भी हमारे अलग-अलग प्रकार के सुविधाओं से किस प्रकार से वंचित है इसका वास्तविक दर्शन करने वाला इस कहानी का चित्रण फणीश्वर नाथ रेणु जी ने हमारे सामने रखने का प्रयास किया है महत्त्व टोली में गांव की कुछ अशिक्षित लोग है उन्होंने रामनवमी के मेले में एक पेट्रोमैक्स खरीदा है इस पेट्रोमैक्स को गांव वाले पंचलाइट कहकर पुकारते थे पंचलाइट खरीदने के बाद जो ₹10 बच गए थे उनसे पूजा का सामान लाया गया सबको पंचलाइट आने की प्रसन्नता थी इस खुशी में कीर्तन का आयोजन भी किया गया था थोड़ी देर में टोली के सभी लोग पंचलाइट देखने के लिए एकत्र हो गए सरदार ने पंच लाइट खरीदने का पूरा किस्सा लोगों को सुनाया टोली के लोगों ने अपने सरदार और दीवान को श्रद्धा भरी नजरों से देखा लेकिन प्रश्न यह था कि पंच लाइट को जलाए गा को खरीदने से पहले किसी के मन में यह बात नहीं आई ...

गूँगे कहानी की समीक्षा -डॉ संघप्रकाश दुड्डे

गूंगे कहानी की समीक्षा गूंगे कहानी पूरी कहानी में  किशोर के माध्यम से शोषित पीड़ित मानव की अवस्था का चित्रण लेखक रागेव राघव ने बहुत ही अच्छे ढंग से करने का प्रयास किया है ऐसे विकलांगों के प्रति व्याप्त संवेदनहीनता को रेखांकित करने का प्रयास गूंगे कहानी में करने का प्रयास किया है ऐसे व्यक्तियों को जो देखते सुनते हुए भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर पाते उन्हें गूंगे कहते हैं और और बाहर कहां गया है इसीलिए गूंगे कहानी का शीर्षक जो है पूर्णतया सार्थक लगता है कहानी का प्रमुख पात्र गूंगा किशोर है वह जन्म से बहरा होने के कारण गूंगा है गूंगा बहुत मेहनती एवं स्वाभिमानी है गूंगा किशोर तीव्र बुद्धिमान है वह हाथ के इशारे से बताता है कि जब वह छोटा था उसकी मां उसे छोड़कर चली गई थी क्योंकि उसका बाप मर गया था वह यह भी बताता है कि वह भीख नहीं लेता मेहनत का खाता है गूंगा गला खोल कर दिखाता है कि बचपन में गला साफ करने की कोशिश में किसी ने उसका का कल काट दिया चमेली ने पहली बार का कल के महत्व को अनुभव किया जो कि उसको महसूस हुआ कि किशोर के गले को किसी ने काट दिया है चमेली बहुत भावुक महिला थी उसने चार रुपए औ...

संगमेश्वर कॉलेज सोलापुर ,हिंदी साहित्य मंडल तथा हिंदी विकास मंच आयोजित काव्य दीपोत्सव 2020

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संगमेश्वर महाविद्यालय सोलापुर द्वारा आयोजित काव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन 22 नवंबर 2020 को जूम एप के द्वारा आयोजित किया गया इस समारोह में अध्यक्षता के रूप में सोलापुर विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति डॉ इरेश स्वामी सर् स्थित है प्रारंभ में डॉ  संघप्रकाश  दुड्डे हिंदी विभाग प्रमुख प्रास्ताविक भाषण और अन्य अतिथि गणों का मान्यवर कविता पाठ करने वाले कवियों का शब्द सुमन के द्वारा सभी महानुभव के प्रति कृतज्ञता की भावना प्रकट की और अपने प्रास्ताविक में संगमेश्वर महाविद्यालय की हिंदी परंपरा को आगे बढ़ाने में सहयोग करने वाले सभी छात्रों के प्रति कृतज्ञता की भावना प्रकट की हिंदी विकास मंच तथा संगमेश्वर महाविद्यालय हिंदी साहित्य मंडल द्वारा आयोजित इस समारोह में देश के विभिन्न प्रदेशों से उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक के मान्यवर महान कवियों के द्वारा इस काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया इस काव्य गोष्ठी में प्राध्यापक समाधान भड़कुबे पुणे ,माध...

संगमेश्वर कॉलेज सोलापुर हिंदी साहित्य मंडल का उद्धघाटन डॉ दामोदर खडसे जी के करकमलों द्वारा संपन्न/8 नवंबर 2020 zoom पर सुबह 10 से 11

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संगमेश्वर महाविद्यालय हिंदी विभाग द्वारा आयोजित हिंदी साहित्य मंडल का उद्घघाटन हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक वक्ता साहित्यकार समीक्षक आदरणीय डॉ दामोदर खडसे पुणे द्वारा  हिंदी साहित्य मंडल का उद्घघाटन   का कार्यक्रम आयोजित किया गया था  इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में वे अपनी बात रखते समय कहां की संगमेश्वर महाविद्यालय की परंपरा बहुत ही महत्वपूर्ण है इस परंपरा को आगे बढ़ाने का काम संगमेश्वर महाविद्यालय केहिंदी विभाग  द्वारा किया जा रहा है आज के इस समारोह में हिंदी साहित्य मंडल का उद्घाटन मेरे कर कमलों द्वारा हो रहा है यह मेरा सबसे बड़ा सौभाग्य है इसलिए मैं सबसे पहले डॉ इरेश स्वामी जी और डॉक्टर संघ प्रकाश दुड्डे तथा डॉ  दादा साहेब खांडेकर जी का मैं तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं/  सबसे पहले कार्यक्रम का आरंभ जो है प्रास्ताविक और स्वागत से हो गया इसमें प्राध्यापक डॉ संघप्रकाश दुड्डे जी ने प्रमुख अतिथि डॉ दामोदर खडसे पुणे अध्यक्ष महोदय डॉ इरेश स्वामी जी का शब्द सुमन के द्वारा  स्वागत किया और अपने प्रास्ताविक में संगमेश्वर महाविद्यालय क...