जामाता पलायि जातक: एक परिचय
"जामाता पलायि जातक" (Jāmāta Palāyi Jātaka) कथा का परिचय प्रस्तुत है। जामाता पलायि जातक: एक परिचय "जामाता पलायि जातक" बौद्ध जातक साहित्य की एक रोचक और शिक्षाप्रद कथा है। इसका नाम, यानी "जामाता पलायि", इसकी मुख्य घटना को दर्शाता है - "दामाद भाग गया" (The Son-in-Law who Fled)। यह कथा मुख्य रूप से मूर्खता, डर और गलतफहमी के विषय पर केंद्रित है। जातक कथाएँ गौतम बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियाँ हैं, जहाँ वे बोधिसत्त्व के रूप में विभिन्न पशु-पक्षी या मनुष्य योनि में जन्म लेते हैं और कोई न कोई नैतिक शिक्षा देते हैं। --- कथा का सारांश (संक्षेप में) 1. पृष्ठभूमि: बोधिसत्त्व का जन्म एक सेठ (धनी व्यापारी) के रूप में हुआ था। उनकी एक सुन्दर बेटी थी, जिसका विवाह एक नवयुवक से हुआ था। 2. घटना: एक बार की बात है, वह दामाद अपनी पत्नी (बोधिसत्त्व की पुत्री) के साथ रथ पर सवार होकर कहीं जा रहा था। रास्ते में उन्हें एक खरगोश दिखाई दिया, जो अचानक उनके रथ के सामने से कूदकर भागा। 3. मूर्खतापूर्ण प्रतिक्रिया: दामाद ने खरगोश को देखा और उसे कोई भयानक राक्षस या अशुभ संकेत समझ...