नक्खत्तजातक" (Nakkhatta Jataka) का परिचय और उसकी विशेषताएँ प्रस्तुत हैं।

"नक्खत्तजातक" (Nakkhatta Jataka) का परिचय और उसकी विशेषताएँ प्रस्तुत हैं।

नक्खत्तजातक का परिचय

नक्खत्तजातक, जिसे "नक्षत्र जातक" भी कहा जा सकता है, थाईलैंड, लाओस और कंबोडिया आदि देशों में प्रचलित बौद्ध ज्योतिष (Buddhist Astrology) की एक महत्वपूर्ण और लोकप्रिय शाखा है। यह भारतीय ज्योतिष से निकली हुई एक परंपरा है, जिस पर थाई और खमेर संस्कृतियों की गहरी छाप है।

इसका नाम दो शब्दों से मिलकर बना है:

· नक्खत्त (नक्षत्र): थाई भाषा में नक्षत्रों (तारामंडलों/चंद्र नक्षत्रों) को कहते हैं।
· जातक: संस्कृत/पाली का शब्द है जिसका अर्थ है "जन्म" या "जन्म से संबंधित"।

सरल शब्दों में, नक्खत्तजातक चंद्र आधारित ज्योतिष है, जो किसी व्यक्ति के जन्म के दिन (विशेष रूप से जन्म के दिन वाला नक्षत्र) के आधार पर उसके चरित्र, भविष्य, और जीवन पथ का विश्लेषण करता है।

भारतीय ज्योतिष में 27 नक्षत्रों का प्रयोग होता है, लेकिन नक्खत्तजातक में सप्ताह के सात दिनों को प्रमुखता दी जाती है। हालाँकि, इसमें नक्षत्रों का भी समावेश है, और प्रत्येक दिन को एक विशेष नक्षत्र और एक रक्षक देवता (देवता/बोधिसत्व) से जोड़ा जाता है।

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नक्खत्तजातक की विशेषताएँ (Characteristics)

नक्खत्तजातक की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं, जो इसे पश्चिमी या भारतीय वैदिक ज्योतिष से कुछ अलग बनाती हैं:

1. जन्मदिन (वार) का प्राथमिक महत्व:

· नक्खत्तजातक में कुंडली बनाने के लिए जन्म के दिन (सोमवार, मंगलवार, आदि) को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। जन्म का समय और स्थान अक्सर गौण होता है या बाद में विस्तार से देखा जाता है।
· प्रत्येक दिन का अपना एक रंग, देवता, और गुण होता है।

2. सात दिनों का विस्तृत विभाजन:

· सप्ताह के सातों दिनों को आगे उप-भागों में बाँटा गया है। जन्म के समय के आधार पर एक ही दिन में जन्मे व्यक्ति का "जातक" अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, रविवार को जन्मे व्यक्तियों को दो या चार भागों में बाँटा जा सकता है।

3. रक्षक देवताओं (Phra Phithi Chado) की central भूमिका:

· प्रत्येक दिन एक विशेष बौद्ध देवता या बोधिसत्व के संरक्षण में माना जाता है। ये देवता व्यक्ति के व्यक्तित्व, सौभाग्य और जीवन पर अपनी छाप छोड़ते हैं। यह इस ज्योतिष पद्धति की सबसे अनूठी और सुंदर विशेषता है।
  · रविवार: भगवान सूर्य
  · सोमवार: भगवान चंद्र
  · मंगलवार: मंगल देवता
  · बुधवार (सुबह): बुध देवता
  · बुधवार (शाम): राहु (एक विशेष और महत्वपूर्ण विभाजन)
  · गुरुवार: बृहस्पति गुरु
  · शुक्रवार: शुक्र देवी
  · शनिवार: शनि देवता

4. भाग्यशाली और अशुभ रंग:

· प्रत्येक दिन के लिए विशेष "शुभ रंग" और कभी-कभी "अशुभ रंग" भी निर्धारित हैं। लोग अपने दिन के अनुसार रंग के कपड़े पहनकर, रत्न धारण करके या उस रंग की वस्तुओं का उपयोग करके अपना सौभाग्य बढ़ाने की कोशिश करते हैं।
  · उदाहरण: रविवार के लिए लाल या नारंगी, सोमवार के लिए पीला आदि।

5. व्यावहारिक और जीवनोपयोगी सलाह:

· नक्खत्तजातक सिर्फ भविष्य बताने तक सीमित नहीं है। यह बहुत ही व्यावहारिक जीवन सलाह देता है, जैसे:
  · उपयुक्त व्यवसाय और करियर के रास्ते।
  · विवाह और प्रेम संबंधों में अनुकूलता।
  · उपयुक्त मित्र और जीवनसाथी का चुनाव।
  · शुभ तिथियाँ (जैसे विवाह, नया व्यवसाय शुरू करना)।
  · व्यक्तित्व की कमजोरियों और उनके समाधान के बारे में मार्गदर्शन।

6. सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सम्मिलन:

· नक्खत्तजातक थाई बौद्ध धर्म और स्थानीय animist (प्रकृति-पूजा) विश्वासों का एक सुंदर मिश्रण है। यह केवल एक भविष्यवाणी का उपकरण नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक कम्पास है जो लोगों को उनके दैनिक जीवन में मार्गदर्शन प्रदान करता है।

7. शुभ प्रतीक और मंत्र:

· प्रत्येक दिन के जातक के लिए विशेष यन्त्र (शुभ चिन्ह) और मंत्र भी होते हैं, जिनके जाप और धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

नक्खत्तजातक एक सरल, सहज लेकिन गहन ज्योतिषीय प्रणाली है जो व्यक्ति के जीवन को समझने के लिए चंद्र और सप्ताह के दिनों को आधार बनाती है। इसकी सबसे बड़ी ताकत इसका व्यावहारिक उपयोग और सांस्कृतिक जुड़ाव है। यह लोगों को उनके दैनिक निर्णयों, यहाँ तक कि कपड़े पहनने जैसे छोटे निर्णयों में भी, एक आध्यात्मिक और शुभ ढाँचा प्रदान करती है, जिससे वे अपने जीवन को अधिक सामंजस्य और सौभाग्य के साथ जी सकें।

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