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Showing posts from January, 2022

एक रुकी हुई जिंदगी समीक्षा-डॉ संघप्रकाश दुड्डे

एक रुकी हुई जिंदगी समीक्षा-डॉ संघप्रकाश दुड्डे  एक रुकी हुई जिंदगी कहानी अपने आप में सर्वश्रेष्ठ कहानी के रूप में गिनी जाती है जिस से लिखा है कमलेश्वर जी ने यह कहानी एक रुकी हुई जिंदगी कहानी दिल्ली महानगर के जीवन पर आधारित है जिसमें दिल्ली की होड़ में साधारण व्यापारी की दयनीय अवस्था को चित्रित किया गया है एक घड़ी बेचने वाला आदमी किस प्रकार से अपना जीवन बदल देता है किस प्रकार से अपना जीवन आरंभ कर देता है इसकी वास्तव वादी यह कहानी है दिल्ली के चांदनी चौक की चकाचौंध रास्ते के दुकानदारों का शोरगुल चटाई या बेचने वाले की मोलतोल मोटर गाड़ियों की घर घर स्कूटर की लंबी कतारें और इस सारी आपाधापी में गुरुद्वारों से निकलने वाली हल्की सी शब्द की गुनगुन आहट को शब्द बंद कर कमलेश्वर जी ने दिल्ली महानगर के भीड़भाड़ भरे माहौल को उभारने की कोशिश की है लेखक का चमन नामक एक मित्र है जो दिल्ली के चांदनी चौक में घड़ियां बेचने का काम करता है छोड़ के कारण उसका धंधा ठीक से नहीं चलता है वह अपनी पत्नी की ठीक से परवरिश भी नहीं कर सकता है अभावग्रस्त स्थितियों का सामना करते करते एक दिन रात 8:15 बजे चमन की पत्नी का...

संघर्ष कहानी समीक्षा-डॉ संघप्रकाश दुड्डे

संघर्ष कहानी समीक्षा-डॉ संघप्रकाश दुड्डे संघर्ष कहानी सुशीला टाकभौरे जी ने लिखी है इस कहानी में दलित जीवन का यथार्थ चित्रण उन्होंने दर्शकों के सामने रखने का प्रयास किया है यह कहानी हमें मजबूर करती है सोचने के लिए यह कहानी एक ऐसे यथार्थ को प्रकट करती है जिस यथार्थ को आज दुनिया देख रही है आज भी दलितों के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाता है चाहे शिक्षा हो चाहे सामाजिक क्षेत्र हो चाहे अन्य क्षेत्र हो उसमें दलितों का जीवन आदिवासियों का जीवन किस प्रकार से प्रताड़ित किया जा रहा है इसका लेखा-जोखा संघर्ष कहानी के माध्यम से सुशीला टाकभौरे जी ने दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया है यह कहानी एक छोटे लड़के की कहानी है जिसका नाम है शंकर शंकर बहुत ही शरारती करने वाला झगड़ालू लेकिन अपने आप में जिद्दी पराक्रमी होशियार लड़के के रूप में भी उसका व्यक्तित्व हमारे सामने उपस्थित होता है शंकर बहुत बड़ा आदमी बनना चाहता है लेकिन जातीयता के कारण छुआछूत के कारण उसका स्वप्ना जो है टूटने लगता है गांव में जातीयता का वातावरण है छुआछूत का वातावरण है जहां चला जाता है वहां पर विजय उससे छुआछूत की बदबू उसे दिखाई देती...