भाव और भाषा कविता की आत्मा है - प्रा ममता बोल्ली

भाव और भाषा कविता की आत्मा है - प्रा ममता बोल्ली संगमेश्वर महाविद्यालय सोलापुर हिंदी विभाग तथा हिंदी विकास मंच सोलापुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 10 दिवसीय राष्ट्रीय व्याख्यानमाला में दशम पुष्प प्रस्तुत करते समय ममता बोली ने कहा कि कविता का रस ग्रहण करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जब कभी जब कभी हम कविता को पढ़ते हैं तो कभी के भाव उस कविता में दिखाई देते हैं साथ ही कविता अंतरात्मा की आवाज बन जाती है कभी शांत सुखाए के लिए लिखता है लेकिन वह कविता हर एक के अंतःकरण का भाव बन जाती है कविता में रसग्रहण का भाव होना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है कविता के माध्यम से कविता का बीज पढ़ना समझना और उसके भाव को देखना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है कविता का उद्भव और विकास अगर हम देखें तो कविता का भी समय रामायण में प्राप्त होता है वाक्य रसात्मक काव्यम भी कुछ लोगों ने कहा है रस से युक्त काव्य है उसमें प्रतिभा और उसकी उत्पत्ति का भाव होना भी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है कवि की प्र...