CO-PO तैयार करने की पद्धत
NAAC (National Assessment and Accreditation Council) के लिए **CO (Course Outcomes)** और **PO (Program Outcomes)** को डिजाइन करना और उन्हें मापना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो शिक्षण-अधिगम की गुणवत्ता सुनिश्चित करती है। यहाँ विस्तृत पद्धति दी गई है:
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### **1. CO (Course Outcomes) तैयार करने की पद्धति**
**CO** किसी विशेष कोर्स (विषय) के अंत में छात्रों द्वारा हासिल किए जाने वाले ज्ञान, कौशल और योग्यताओं को दर्शाता है।
#### **चरण 1: CO का निर्माण**
- **ब्लूम्स टैक्सोनोमी** के आधार पर CO लिखें (जैसे: "समझना", "विश्लेषण करना", "लागू करना")।
- उदाहरण:
*"इस कोर्स के पूरा होने पर, छात्र डेटा स्ट्रक्चर्स का उपयोग करके प्रोग्राम लिखने में सक्षम होंगे।"*
#### **चरण 2: CO को पाठ्यक्रम से जोड़ना**
- प्रत्येक यूनिट/टॉपिक के लिए विशिष्ट CO निर्धारित करें।
- CO को सिलेबस और टीचिंग मेथड्स से मैप करें।
#### **चरण 3: CO का मूल्यांकन**
- **प्रत्यक्ष मापन (Direct Assessment):**
- परीक्षाओं, प्रोजेक्ट्स, प्रैक्टिकल्स के माध्यम से।
- रूब्रिक्स (Rubrics) का उपयोग करके स्कोरिंग।
- **अप्रत्यक्ष मापन (Indirect Assessment):**
- छात्र फीडबैक, सर्वेक्षण।
#### **चरण 4: परिणामों का विश्लेषण**
- **अटेनमेंट लेवल** (≥60% स्कोर) की गणना करें।
- सुधारात्मक कार्य (Remedial Actions) यदि CO प्राप्ति कम है।
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### **2. PO (Program Outcomes) तैयार करने की पद्धति**
**PO** पूरे प्रोग्राम (डिग्री/डिप्लोमा) के अंत में छात्रों में विकसित होने वाले समग्र कौशल को दर्शाता है। NAAC के अनुसार, PO को **NBA (National Board of Accreditation)** के दिशानिर्देशों के अनुरूप तैयार किया जाता है।
#### **चरण 1: PO का निर्माण**
- **12 मानक PO (NBA अनुसार)** जैसे:
- इंजीनियरिंग ज्ञान का अनुप्रयोग।
- समस्या-समाधान क्षमता।
- सामाजिक दायित्व।
- उदाहरण:
*"छात्र इंजीनियरिंग सिद्धांतों का उपयोग करके जटिल समस्याओं का समाधान कर सकेंगे।"*
#### **चरण 2: PO को CO से मैप करना**
- प्रत्येक CO, एक या अधिक PO से जुड़ा होना चाहिए।
- **मैट्रिक्स तैयार करें** (जैसे: 1-3 स्केल पर मैपिंग, जहाँ 3 = स्ट्रॉंग कोरिलेशन)।
#### **चरण 3: PO का मूल्यांकन**
- **डायरेक्ट मेथड्स:**
- सेमेस्टर परिणाम, प्रोजेक्ट्स, प्लेसमेंट डेटा।
- **इनडायरेक्ट मेथड्स:**
- एलुमनाई सर्वे, नियोक्ता फीडबैक।
#### **चरण 4: गैप विश्लेषण और सुधार**
- यदि PO अटेनमेंट कम है, तो पाठ्यक्रम या शिक्षण विधियों में बदलाव करें।
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### **3. NAAC प्रक्रिया में CO-PO का महत्व**
1. **डॉक्युमेंटेशन:**
- CO-PO मैट्रिक्स, अटेनमेंट रिपोर्ट्स, सुधार योजनाएँ।
2. **DVV (Data Validation and Verification):**
- NAAC टीम द्वारा डेटा की जाँच।
3. **क्रिटीरिया 2 (Teaching-Learning Process) में स्कोरिंग:**
- CO-PO का स्पष्ट संरेखण अधिक अंक दिलाता है।
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### **4. उदाहरण: CO-PO मैट्रिक्स**
| CO | PO1 | PO2 | PO3 |
|----|-----|-----|-----|
| CO1| 3 | 1 | 2 |
| CO2| 2 | 3 | 1 |
*(स्केल: 1 = कमजोर, 2 = मध्यम, 3 = मजबूत)*
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### **5. सुझाव**
- **OBE (Outcome-Based Education)** फ्रेमवर्क अपनाएँ।
- **मॉडरेटर (बाहरी विशेषज्ञ)** से CO-PO की वैधता सुनिश्चित करें।
- नियमित **अटेनमेंट विश्लेषण** करें।
इस प्रक्रिया से संस्थान NAAC मूल्यांकन में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है और शिक्षण गुणवत्ता सुधार सकता है।
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