रेडियो का इतिहास स्पष्ट कीजिए
रेडियो का इतिहास एक रोचक और क्रांतिकारी यात्रा है, जिसने संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाए। यहां रेडियो के विकास और भारत में इसके इतिहास की मुख्य घटनाओं को स्पष्ट किया गया है:
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### **रेडियो का आविष्कार और वैश्विक शुरुआत**
1. **आविष्कार और प्रारंभिक प्रयोग**:
- रेडियो तरंगों की खोज इटली के वैज्ञानिक **गुग्लिल्मो मार्कोनी** ने 1890 के दशक में की थी। उन्होंने 1895 में पहली बार कई किलोमीटर की दूरी पर संकेत भेजने में सफलता प्राप्त की और 1901 में इंग्लैंड से अमेरिका तक बेतार संदेश भेजा ।
- **24 दिसंबर 1906** को कनाडाई वैज्ञानिक **रेगिनाल्ड फेसेंडेन** ने पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण किया, जिसमें उन्होंने वायलिन बजाया और संगीत को अटलांटिक महासागर में जहाजों पर सुना गया। यह दुनिया का पहला ब्रॉडकास्टिंग प्रसारण माना जाता है ।
2. **पहले रेडियो स्टेशन**:
- 1918 में **ली द फोरेस्ट** ने न्यूयॉर्क में दुनिया का पहला रेडियो स्टेशन शुरू किया, लेकिन इसे जल्द ही बंद कर दिया गया। 1920 में **फ्रैंक कॉनार्ड** को पहला कानूनी रेडियो स्टेशन शुरू करने की अनुमति मिली ।
- 1923 में रेडियो पर विज्ञापनों की शुरुआत हुई, और बीबीसी (ब्रिटेन), सीबीएस व एनबीसी (अमेरिका) जैसे प्रमुख स्टेशन स्थापित हुए ।
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### **भारत में रेडियो का इतिहास**
1. **प्रारंभिक चरण (1921–1936)**:
- 1921 में **टाइम्स ऑफ इंडिया** ने बॉम्बे में पहला प्रायोगिक प्रसारण किया। 1923 में **रेडियो क्लब ऑफ बॉम्बे** ने नियमित प्रसारण शुरू किया ।
- 1927 में **इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC)** की स्थापना हुई, जिसने बॉम्बे और कलकत्ता में स्टेशन शुरू किए, लेकिन आर्थिक कारणों से यह 1930 में बंद हो गई ।
2. **सरकारी नियंत्रण और आकाशवाणी**:
- 1936 में **इम्पीरियल रेडियो ऑफ इंडिया** की स्थापना हुई, जो आजादी के बाद **ऑल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी)** बना ।
- 1947 में भारत में केवल 6 रेडियो स्टेशन थे, जिनकी पहुंच 11% लोगों तक थी। आज आकाशवाणी के **223 स्टेशन** हैं और इसकी पहुंच 99.1% जनता तक है ।
3. **स्वतंत्रता संग्राम में रेडियो की भूमिका**:
- **कांग्रेस रेडियो (1942)**: उषा मेहता और नरीमन प्रिंटर ने गुप्त रूप से इस स्टेशन से "भारत छोड़ो आंदोलन" के संदेश प्रसारित किए। यह स्टेशन अंग्रेजों के खिलाफ जनजागरण का माध्यम बना ।
- **आजाद हिंद रेडियो**: सुभाष चंद्र बोस ने 1942 में जर्मनी, सिंगापुर और रंगून से भारतीयों को संबोधित किया, जिसमें उनका प्रसिद्ध नारा "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" शामिल था ।
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### **स्वतंत्रता के बाद का विकास**
1. **एफएम और निजी रेडियो**:
- 2006 तक रेडियो पर सरकार का एकाधिकार था। इसके बाद कैंपस और सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को अनुमति मिली, हालांकि समाचार प्रसारण पर पाबंदी बनी रही ।
- एफएम रेडियो के आगमन (जैसे **विविध भारती**, 1963) ने शहरी श्रोताओं को फिर से आकर्षित किया ।
2. **ऐतिहासिक घटनाएं**:
- 1947 में आजादी की घोषणा रेडियो पर हुई।
- 1947 में महात्मा गांधी ने आकाशवाणी से शरणार्थियों को संबोधित किया, जो उनका एकमात्र प्रसारण था ।
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### **निष्कर्ष**
रेडियो ने संचार क्रांति में अहम भूमिका निभाई है। भारत में यह स्वतंत्रता संग्राम का हथियार, सरकारी प्रचार का माध्यम और अब मनोरंजन व सूचना का लोकप्रिय स्रोत बना हुआ है। आज भी **विश्व रेडियो दिवस (13 फरवरी)** इसके योगदान को याद कराता है ।
विस्तृत जानकारी के लिए आप [विकिपीडिया](https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B) या [JMC Study Hub](https://jmcstudyhub.com/history_of_radio_in_india/) देख सकते हैं।
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