श्रव्य माध्यम में भाषा की प्रकृति स्पष्ट कीजिए

#### **श्रव्य माध्यम में भाषा की प्रकृति**  

श्रव्य माध्यम (रेडियो, पॉडकास्ट, ऑडियोबुक आदि) में भाषा की प्रकृति **मौखिक संचार** पर आधारित होती है, जिसमें **ध्वनि, स्वर, लय और स्पष्टता** महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहाँ इसकी प्रमुख विशेषताएँ स्पष्ट की गई हैं:  

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## **1. सरल एवं बोलचाल की भाषा (Simple & Conversational)**  
- श्रव्य माध्यम में भाषा **सहज, आम बोलचाल के करीब** होनी चाहिए ताकि श्रोता आसानी से समझ सकें।  
- उदाहरण:  
  - **लिखित भाषा:** "आज दोपहर 3 बजे एक दुर्घटना घटित हुई।"  
  - **श्रव्य भाषा:** "आज दोपहर तीन बजे एक हादसा हो गया।"  

## **2. संक्षिप्तता (Brevity)**  
- वाक्य **छोटे और सीधे** होने चाहिए, क्योंकि श्रोता का ध्यान लंबे वाक्यों में भटक सकता है।  
- उदाहरण:  
  - **अस्पष्ट:** "जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वर्षा ऋतु में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है..."  
  - **स्पष्ट:** "बारिश में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।"  

## **3. स्वाभाविक लय एवं ताल (Rhythm & Pace)**  
- भाषा में **स्वर का उतार-चढ़ाव (Modulation)** और **गति (Pacing)** होना चाहिए ताकि श्रोता ऊब महसूस न करें।  
- उदाहरण: समाचार वाचक खुशखबरी को **तेज और उत्साहित** स्वर में बताता है, जबकि दुखद समाचार को **धीमी और गंभीर** आवाज़ में।  

## **4. ध्वनि प्रभावों का सहारा (Use of Sound Effects)**  
- भाषा को **ध्वनि प्रभावों (Sound Bites, Background Score)** के साथ जोड़कर प्रभावी बनाया जाता है।  
- उदाहरण:  
  - "बारिश की आवाज़ के साथ: मॉनसून ने दस्तक दे दी है!"  

## **5. स्थानीय भाषा एवं उच्चारण (Local Language & Pronunciation)**  
- श्रोताओं तक बेहतर ढंग से पहुँचने के लिए **स्थानीय बोली और सही उच्चारण** का उपयोग किया जाता है।  
- उदाहरण:  
  - दिल्ली के रेडियो पर "आप" का प्रयोग, जबकि मुंबई में "तुम" या "तू"।  

## **6. पुनरावृत्ति (Repetition for Clarity)**  
- महत्वपूर्ण जानकारी (जैसे तिथि, स्थान) को **दोहराया** जाता है ताकि श्रोता उसे याद रख सकें।  
- उदाहरण:  
  - "याद रखिए, यह कार्यक्रम कल सुबह 10 बजे है... दोबारा, कल सुबह 10 बजे।"  

## **7. संवादात्मक शैली (Interactive Tone)**  
- श्रोताओं को जोड़ने के लिए **प्रश्न पूछने** या **सीधे संबोधित करने** की शैली अपनाई जाती है।  
- उदाहरण:  
  - "क्या आप जानते हैं कि आज तापमान कितना बढ़ गया है?"  

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## **श्रव्य माध्यम में भाषा के उदाहरण**  
1. **रेडियो समाचार:**  
   - "अभी-अभी मिली खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री ने नई योजना की घोषणा की है।"  

2. **पॉडकास्ट:**  
   - "दोस्तों, आज हम बात करेंगे उन 5 तरीकों के बारे में जो आपकी ज़िंदगी बदल देंगे!"  

3. **ऑडियो विज्ञापन:**  
   - "खुशखबर! अब आपके फोन पर मिलेंगे 50% तक के डिस्काउंट!"  

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### **निष्कर्ष:**  
श्रव्य माध्यम में भाषा **सरल, संवादात्मक और ध्वनि-केंद्रित** होती है। यह श्रोता की **कल्पना शक्ति और भावनाओं** से सीधा जुड़ती है, इसलिए इसमें **स्पष्टता, लय और स्थानीयपन** पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

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