माननीय मुख्यमंत्री महाराष्ट्र महोदय को नालासोपारा विशाल स्तूप हेतु आवेदन पत्र

**आवेदन पत्र**  
**प्रति,**  
**माननीय मुख्यमंत्री महोदय,**  
**महाराष्ट्र सरकार,**  
**मुंबई।**  

**विषय:** नाला सोपारा में भगवान बुद्ध के भिक्षा पात्र पर स्तूप एवं स्मृति संग्रहालय निर्माण हेतु अनुरोध।  

महोदय,  

1. **पृष्ठभूमि:**  
   - वैशाली (बिहार) में **बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप** के उद्घाटन ने भगवान बुद्ध की ऐतिहासिक विरासत को वैश्विक पहचान दिलाई है। यहाँ **भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश** स्थापित है, जिसका उल्लेख चीनी यात्री ह्वेनसांग ने किया था ।  
   - इसी प्रकार, **नाला सोपारा (महाराष्ट्र)** में खुदाई में प्राप्त **भगवान बुद्ध के भिक्षा पात्र** का ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्व है, जो बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत पवित्र है।  

2. **प्रस्ताव:**  
   - नाला सोपारा में **एक भव्य स्तूप एवं स्मृति संग्रहालय** का निर्माण किया जाए, जहाँ भिक्षा पात्र को संरक्षित रखा जाए।  
   - वैशाली मॉडल के अनुसार, राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से निर्मित, पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन, और आधुनिक सुविधाओं (ध्यान केंद्र, पुस्तकालय, सौर ऊर्जा संयंत्र) से युक्त परिसर विकसित किया जाए ।  

3. **लाभ:**  
   - **पर्यटन एवं अर्थव्यवस्था:** यह परियोजना महाराष्ट्र को वैश्विक बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करेगी, जिससे रोजगार एवं स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा ।  
   - **सांस्कृतिक विरासत:** बौद्ध धर्म से जुड़े देशों (जैसे चीन, जापान, श्रीलंका) के श्रद्धालुओं का आकर्षण बढ़ेगा ।  
   - **ऐतिहासिक न्याय:** वैशाली की तरह, यह महाराष्ट्र की बौद्ध विरासत को पुनर्जीवित करेगा।  

4. **अनुरोध:**  
   - इस परियोजना हेतु एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाए, जो वैशाली मॉडल का अध्ययन करे ।  
   - केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता एवं UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का प्रयास किया जाए।  

**निवेदन है कि इस ऐतिहासिक अवसर का लाभ उठाते हुए महाराष्ट्र को बौद्ध विरासत का केंद्र बनाया जाए।**  

**धन्यवाद सहित,**  
**[आपका नाम]**  
[संपर्क विवरण]  

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### **समर्थन में तर्क:**  
- **वैशाली का उदाहरण:** 550 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस परियोजना ने बिहार को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई है ।  
- **पुरातात्विक महत्व:** नाला सोपारा, प्राचीन शूपनाक (Suparaka) नगरी है, जो बौद्ध युग का प्रमुख बंदरगाह था।  
- **महाराष्ट्र की संभावना:** मुंबई के निकट होने से यह परियोजना वैश्विक पर्यटकों के लिए सुगम होगी।  

**संलग्नक:** वैशाली परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट एवं नाला सोपारा के ऐतिहासिक प्रमाण।  

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यह पत्र महाराष्ट्र सरकार को बौद्ध विरासत के संरक्षण एवं पर्यटन विकास की दिशा में एक ठोस पहल के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।

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