जनसंचार का बदलता रूप स्पष्ट कीजिए

# **जन संचार का बदलता रूप: पारंपरिक से डिजिटल तक का सफर**  

जन संचार का स्वरूप तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक बदलावों के साथ लगातार विकसित हो रहा है। पिछले कुछ दशकों में **पारंपरिक मीडिया (टीवी, अखबार, रेडियो)** से लेकर **डिजिटल और सोशल मीडिया** तक इसने एक क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। आइए, इसके बदलते रूप को समझते हैं:

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## **1. पारंपरिक जन संचार से डिजिटल युग तक का सफर**  

### **(A) पारंपरिक मीडिया का दौर (1990 तक)**  
- **प्रिंट मीडिया (अखबार, पत्रिकाएँ):** सूचना का प्रमुख स्रोत, लेकिन धीमा और सीमित पहुँच।  
- **रेडियो:** गाँव-गाँव तक पहुँच, लेकिन एकतरफा संचार।  
- **टेलीविजन (दूरदर्शन):** 1980-90 के दशक में क्रांति, लेकिन सरकारी नियंत्रण के कारण सीमित विविधता।  

### **(B) उदारीकरण और निजी मीडिया का उदय (1990-2010)**  
- **1991 के बाद भारत में टीवी चैनलों का विस्फोट:**  
  - स्टार टीवी, ZEE, सोनी जैसे निजी चैनलों ने मनोरंजन और समाचार को बदला।  
  - 24/7 न्यूज़ चैनलों (जैसे Aaj Tak, India TV) ने त्वरित समाचार देना शुरू किया।  
- **FM रेडियो का प्रसार:** युवाओं के लिए संगीत और चुटकुलों का माध्यम बना।  

### **(C) डिजिटल क्रांति (2010 के बाद से अब तक)**  
- **इंटरनेट और स्मार्टफोन की लोकप्रियता:**  
  - **सोशल मीडिया (Facebook, Twitter, WhatsApp, Instagram)** ने जन संचार को "व्यक्तिगत" और "तत्काल" बना दिया।  
  - **यूजर-जनरेटेड कंटेंट (User-Generated Content):** अब हर व्यक्ति अपनी बात सीधे दुनिया तक पहुँचा सकता है।  
- **ओटीटी प्लेटफॉर्म (Netflix, Amazon Prime, Hotstar):** टीवी का विकल्प बना, जहाँ दर्शक अपनी पसंद का कंटेंट देख सकते हैं।  

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## **2. जन संचार के बदलते रूप की प्रमुख विशेषताएँ**  

| **पहले**                  | **अब**                      |  
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| एकतरफा संचार (टीवी, रेडियो) | द्विमार्गी संचार (कमेंट, लाइक, शेयर) |  
| सीमित पहुँच (शहरी केंद्रित)   | वैश्विक पहुँच (गाँव-गाँव तक इंटरनेट) |  
| सरकारी/निजी नियंत्रण       | नागरिक पत्रकारिता (सिटीजन जर्नलिज़्म) |  
| समाचार देने में समय लगता था  | रीयल-टाइम अपडेट (लाइव स्ट्रीमिंग) |  

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## **3. जन संचार के नए रूप और प्रभाव**  

### **(A) सोशल मीडिया: जनसंचार का नया राजा**  
- **फेक न्यूज़ और वायरल संस्कृति:** गलत जानकारी तेजी से फैलती है (जैसे कोविड काल में भ्रामक दावे)।  
- **नागरिक पत्रकारिता:** आम लोग मोबाइल से वीडियो बनाकर खबरें बना रहे हैं (जैसे किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग)।  

### **(B) मीडिया का व्यावसायीकरण**  
- **टीआरपी की दौड़:** समाचार चैनल सनसनीखेज खबरों पर निर्भर।  
- **न्यूज़ एंटरटेनमेंट (Infotainment):** समाचारों को ड्रामाई ढंग से पेश किया जाता है।  

### **(C) डिजिटल डिवाइड (Digital Divide)**  
- शहरी क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट, जबकि ग्रामीण इलाकों में अभी भी पहुँच सीमित।  

### **(D) रेगुलेशन और सेंसरशिप की चुनौती**  
- सरकारें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Twitter, Facebook) पर नियंत्रण चाहती हैं।  
- **IT Rules 2021** जैसे नियमों से डिजिटल मीडिया प्रभावित।  

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## **4. भविष्य की दिशा: AI और मेटावर्स का युग**  
- **AI समाचार पत्रकार (AI Anchors):** चीन में 'Xinhua' न्यूज़ एजेंसी ने AI एंकर पेश किया।  
- **वर्चुअल रियलिटी (VR) न्यूज़:** दर्शक खुद खबर के माहौल में महसूस कर सकेंगे।  
- **लोकल भाषाओं में कंटेंट:** भारत में क्षेत्रीय भाषाओं (बांग्ला, तमिल, भोजपुरी) में डिजिटल मीडिया का विस्तार।  

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## **5. निष्कर्ष: क्या जन संचार अब जन-सशक्तिकरण का माध्यम है?**  
जन संचार अब सिर्फ सूचना देने का जरिया नहीं, बल्कि **सामाजिक बदलाव, राजनीतिक जागरूकता और वैश्विक संवाद** का केंद्र बन चुका है। हालाँकि, **फेक न्यूज़, डेटा प्राइवेसी और मीडिया के एकाधिकार** जैसी चुनौतियाँ भी सामने हैं। भविष्य में **डिजिटल लोकतंत्र (Digital Democracy)** की अवधारणा और मजबूत होगी, जहाँ हर नागरिक के पास अपनी आवाज़ उठाने का मंच होगा।  

> _"पहले सूचना सत्ता में थी, अब सूचना की सत्ता जनता के हाथ में है।"_

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