हिंदी भाषा की उत्पत्ति उद्गम और विकास स्पष्ट कीजिएप्रा डॉ संघप्रकाश दुड्डे
हिंदी भाषा की उत्पत्ति, विकास और उसके ऐतिहासिक योगदान को समझने के लिए हमें विभिन्न पहलुओं पर विचार करना होगा। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
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### **1. हिंदी भाषा की उत्पत्ति और उद्गम**
हिंदी भाषा का उद्गम **भारतीय-आर्य भाषा परिवार** से हुआ है, जो स्वयं **संस्कृत** से विकसित हुई। इसका विकास क्रम निम्नलिखित है:
- **संस्कृत (1500 ई.पू. – 500 ई.पू.)**: वैदिक संस्कृत से शास्त्रीय संस्कृत तक।
- **पालि और प्राकृत (500 ई.पू. – 500 ई.)**: बौद्ध और जैन ग्रंथों में प्रयुक्त।
- **अपभ्रंश (500 ई. – 1000 ई.)**: प्राकृत के बाद की भाषा, जिससे आधुनिक भारतीय भाषाएँ विकसित हुईं।
- **खड़ी बोली और हिंदी (1000 ई. के बाद)**: अपभ्रंश से विकसित होकर **दिल्ली-मेरठ क्षेत्र** की खड़ी बोली से आधुनिक हिंदी का जन्म हुआ।
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### **2. हिंदी भाषा का कालखंड और विकास**
हिंदी के विकास को निम्न कालखंडों में बाँटा जा सकता है:
#### **(क) आदिकाल (1000–1400 ई.)**
- इस दौरान **अपभ्रंश** से **पुरानी हिंदी** (देवनागरी लिपि में) का उदय हुआ।
- **अमीर खुसरो** ने हिंदी-उर्दू मिश्रित रचनाएँ लिखीं।
#### **(ख) भक्ति काल (1400–1800 ई.)**
- **कबीर, सूर, तुलसीदास, मीराबाई** जैसे संत-कवियों ने हिंदी को जनभाषा बनाया।
- **ब्रजभाषा और अवधी** साहित्यिक माध्यम बनीं (जैसे—रामचरितमानस)।
#### **(ग) आधुनिक काल (1800 ई.–वर्तमान)**
- **भारतेन्दु हरिश्चंद्र** ("हिंदी नवजागरण के पिता") ने हिंदी को राष्ट्रीय पहचान दी।
- **महात्मा गांधी** ने हिंदी को **राष्ट्रभाषा** का दर्जा देने की वकालत की।
- **1949 में** हिंदी को **भारतीय संविधान** द्वारा राजभाषा घोषित किया गया।
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### **3. "हिंदी" शब्द की उत्पत्ति**
- "हिंदी" शब्द **फारसी शब्द "हिंद"** (सिंधु नदी से व्युत्पन्न) से आया, जिसका अर्थ है "भारत की भाषा"।
- **अमीर खुसरो** (13वीं सदी) ने सर्वप्रथम "हिंदवी" शब्द का प्रयोग किया।
- **मुगलकाल** में फारसी-हिंदी मिश्रित "रेख़्ता" भाषा प्रचलित हुई।
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### **4. हिंदी भाषा का वैभव और विशेषताएँ**
- **सरल व्याकरण**: संस्कृत की तुलना में आसान वाक्य संरचना।
- **विशाल साहित्य**: भक्ति काल से लेकर आधुनिक कविता, उपन्यास और पत्रकारिता तक।
- **लचीलापन**: अंग्रेज़ी, उर्दू, संस्कृत और क्षेत्रीय भाषाओं के शब्दों को आत्मसात करने की क्षमता।
- **वैज्ञानिकता**: देवनागरी लिपि ध्वन्यात्मक है, जिसमें "जैसा लिखो, वैसा पढ़ो" का सिद्धांत लागू होता है।
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### **5. हिंदी की उपयोगिता**
- **राजभाषा**: केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा।
- **संचार का माध्यम**: 50 करोड़ से अधिक लोगों की मातृभाषा और 120 करोड़ भारतीयों की संपर्क भाषा।
- **डिजिटल युग**: इंटरनेट पर हिंदी सामग्री तेजी से बढ़ रही है (YouTube, Wikipedia, सोशल मीडिया)।
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### **6. राष्ट्रीय एकता और अखंडता में योगदान**
- **सांस्कृतिक संबंध**: हिंदी ने उत्तर-दक्षिण के बीच सेतु का काम किया (जैसे—बॉलीवुड फिल्मों के माध्यम से)।
- **स्वतंत्रता संग्राम**: **महात्मा गांधी** ने हिंदी को जन-जन तक पहुँचाकर अंग्रेज़ों के विरुद्ध एकजुटता बनाई।
- **राजभाषा विवाद**: हिंदी के समर्थन में **दक्षिण भारतीय नेताओं** (जैसे—सुब्रमण्यम भारती) ने भी सहयोग दिया।
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### **7. स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदी का योगदान**
- **प्रेस और पत्रकारिता**: **भारतेन्दु हरिश्चंद्र** के "कविवचन सुधा" और "हरिश्चंद्र मैगज़ीन" ने जागृति फैलाई।
- **राष्ट्रीय नारे**: "**वंदे मातरम**" (बंकिम चंद्र चटर्जी) और "**स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है**" (बाल गंगाधर तिलक) हिंदी/मराठी में गूँजे।
- **गांधी जी का दृष्टिकोण**: उन्होंने **हिंदी** को "राष्ट्रभाषा" बताया और **दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा** (1918) की स्थापना की।
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### **8. सबसे अधिक विकास का काल**
हिंदी का सर्वाधिक विकास **भक्ति काल (14वीं–17वीं सदी)** और **आधुनिक काल (19वीं सदी के बाद)** में हुआ:
- भक्ति काल में जन-जन तक पहुँच।
- आधुनिक काल में पत्रकारिता, सिनेमा और डिजिटल मीडिया ने हिंदी को वैश्विक पहचान दी।
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### **निष्कर्ष**
हिंदी न केवल एक भाषा है, बल्कि **भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक** है। यह स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज के डिजिटल युग तक राष्ट्र को जोड़ने का काम करती है। हिंदी का भविष्य उज्ज्वल है, बशर्ते हम इसके शुद्ध रूप के साथ-साथ उसके लचीलेपन को भी बनाए रखें।
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