उस दुनिया की ज्योति रंगनाथन कहानी की समीक्षा तथा विशेषता
# समीक्षा एवं विशेषताएँ: जयंती रंगनाथन की कहानी "उस दुनिया की ज्योति"
## कहानी का सारांश
"उस दुनिया की ज्योति" जयंती रंगनाथन की एक मार्मिक कहानी है जो मानवीय संबंधों, सामाजिक विसंगतियों और आंतरिक संघर्षों को गहनता से उजागर करती है। कहानी एक ऐसी युवती के जीवन संघर्ष को केंद्र में रखती है जो समाज की रूढ़िवादी मानसिकता और व्यक्तिगत आकांक्षाओं के बीच फंसी हुई है। रंगनाथन ने इस कहानी में समकालीन भारतीय समाज की जटिलताओं को बड़ी ही संवेदनशीलता से चित्रित किया है ।
## कहानी की समीक्षा
### 1. विषयवस्तु और सामाजिक संदर्भ
- **मानवीय संबंधों का सूक्ष्म विश्लेषण**: कहानी पारिवारिक संबंधों, प्रेम और सामाजिक अपेक्षाओं के बीच के तनाव को उजागर करती है। यह दिखाती है कि कैसे व्यक्ति अपनी इच्छाओं और समाज की मांगों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता है ।
- **सामाजिक विसंगतियों का चित्रण**: रंगनाथन ने भारतीय समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव, लैंगिक असमानता और वर्गीय संघर्ष को बेबाकी से दर्शाया है ।
- **आधुनिकता और परंपरा का टकराव**: कहानी का नायक/नायिका आधुनिक विचारों और पारंपरिक मूल्यों के बीच फंसा हुआ है, जो समकालीन भारतीय युवाओं की स्थिति को दर्शाता है 。
### 2. पात्र और चरित्र-चित्रण
- **मुख्य पात्र (ज्योति)**: एक संवेदनशील युवती जो समाज की रूढ़ियों से टकराती है। उसका चरित्र विकास कहानी में स्पष्ट है - शुरू में वह भोली-भाली लड़की है, लेकिन धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाने लगती है 。
- **सहायक पात्र**: इनके माध्यम से लेखिका ने समाज के विभिन्न वर्गों और उनकी मानसिकताओं को दर्शाया है। ये पात्र जीवंत और यथार्थपूर्ण लगते हैं 。
### 3. भाषा शैली और शिल्प
- **सरल परंतु प्रभावी भाषा**: रंगनाथन ने सहज और प्रवाहमय भाषा का प्रयोग किया है जो पाठक के मन पर गहरा प्रभाव छोड़ती है 。
- **प्रतीकात्मकता**: "ज्योति" स्वयं एक प्रतीक है जो आशा और आत्मज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है। कहानी में कई अन्य प्रतीकों का भी सार्थक प्रयोग हुआ है 。
- **मनोवैज्ञानिक विवरण**: पात्रों के आंतरिक संघर्षों और भावनाओं का सूक्ष्म चित्रण कहानी को मनोवैज्ञानिक गहराई प्रदान करता है 。
## कहानी की प्रमुख विशेषताएँ
1. **यथार्थवादी दृष्टिकोण**: रंगनाथन ने समाज की कुरीतियों और विसंगतियों को बिना किसी लाग-लपेट के प्रस्तुत किया है 。
2. **संवेदनशील कथन शैली**: लेखिका ने बहुत ही संवेदनशील ढंग से मानवीय भावनाओं और संबंधों को चित्रित किया है 。
3. **सामाजिक सरोकार**: कहानी समाज में व्याप्त असमानताओं और अन्याय के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करती है 。
4. **चरित्रों की मनोवैज्ञानिक गहराई**: कहानी के सभी प्रमुख पात्रों के आंतरिक संघर्षों और विरोधाभासों को गहनता से उकेरा गया है 。
5. **प्रासंगिकता**: आज भी यह कहानी सामाजिक मुद्दों, युवाओं के संघर्षों और लैंगिक असमानता पर प्रश्न उठाती हुई प्रासंगिक बनी हुई है 。
## निष्कर्ष
"उस दुनिया की ज्योति" जयंती रंगनाथन की एक कालजयी कहानी है जो अपनी यथार्थपरक दृष्टि, मार्मिक अभिव्यक्ति और सामाजिक सरोकारों के कारण हिंदी साहित्य में विशिष्ट स्थान रखती है। यह कहानी न केवल एक युवती के संघर्ष की गाथा है बल्कि उस सामाजिक व्यवस्था का दस्तावेज भी है जो व्यक्ति को उसके मूल अधिकारों से वंचित करती है। रंगनाथन की यह रचना अपनी शिल्पगत विशेषताओं और गहन मानवीय संवेदना के कारण पाठकों के मन पर अमिट छाप छोड़ती है ।
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