उसने कहा था कहानी का विस्तृत विश्लेषण
# **"उसने कहा था" कहानी का विस्तृत विश्लेषण**
## **1. कहानी का सारांश एवं कथानक**
"उसने कहा था" चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' द्वारा 1915 में लिखी गई एक अमर प्रेम और बलिदान की कहानी है। यह कहानी प्रथम विश्व युद्ध के पृष्ठभूमि में लिखी गई थी और इसमें मुख्य पात्र लहना सिंह का जीवन, उसका प्रेम, और उसके द्वारा दिए गए वचन की रक्षा का वर्णन है।
- **कथानक की संरचना**:
- कहानी की शुरुआत अमृतसर के बाजार से होती है, जहाँ 12 वर्षीय लहना सिंह और 8 वर्षीय एक लड़की (जो बाद में सूबेदारनी बनती है) का मिलन होता है।
- एक दुर्घटना में लहना सिंह लड़की की जान बचाता है और उससे पूछता है, *"तेरी कुड़माई हो गई?"* जिसका जवाब वह *"धत्त"* (नहीं) देती है।
- 37 साल बाद, लहना सिंह सेना में भर्ती होता है और युद्ध के दौरान सूबेदारनी के पति और बेटे की जान बचाते हुए खुद मर जाता है, क्योंकि उसने सूबेदारनी से वचन दिया था कि वह उनकी रक्षा करेगा।
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## **2. पात्रों का चरित्र-चित्रण**
### **(क) लहना सिंह**
- **विशेषताएँ**:
- निडर, साहसी और वचनबद्ध व्यक्ति।
- बचपन से ही त्याग और प्रेम की भावना से ओत-प्रोत।
- फौजी जीवन में भी उसकी निष्ठा और कर्तव्यपरायणता दिखाई देती है।
- अंत में वह सूबेदारनी के परिवार की रक्षा करते हुए शहीद हो जाता है, जो उसके चरित्र की उच्चता को दर्शाता है।
### **(ख) सूबेदारनी**
- **विशेषताएँ**:
- कहानी की रहस्यमयी नायिका, जिसका नाम कहानी में स्पष्ट नहीं होता।
- बचपन में मासूम और बड़े होकर एक समर्पित पत्नी व माँ के रूप में दिखाई देती है।
- उसका लहना सिंह से जुड़ाव एक अदृश्य प्रेम-बंधन की तरह है, जो कहानी को गहराई देता है।
### **(ग) वजीरा सिंह**
- **विशेषताएँ**:
- लहना सिंह का साथी सैनिक, जो युद्ध के दौरान उसका सहयोगी है।
- एक सरल और वफादार फौजी, जो अपने साथियों के लिए जीवन दाँव पर लगा देता है।
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## **3. कहानी की विशेषताएँ**
### **(क) भाषा और शैली**
- गुलेरी जी ने सरल, मार्मिक और प्रभावशाली भाषा का प्रयोग किया है।
- कहानी में यथार्थवादी वर्णन और मनोवैज्ञानिक गहराई है।
### **(ख) प्रेम और बलिदान का संदेश**
- यह कहानी प्रेम की शुद्धता और वचन की महत्ता को दर्शाती है।
- लहना सिंह का बलिदान यह दिखाता है कि सच्चा प्रेम स्वार्थरहित होता है।
### **(ग) फौजी जीवन का चित्रण**
- कहानी में सैनिकों का जीवन, उनकी वफादारी और युद्ध की विभीषिका को यथार्थवादी ढंग से दिखाया गया है।
- लहना सिंह और वजीरा सिंह जैसे पात्र फौजी जीवन की कठिनाइयों और उनके साहस को प्रस्तुत करते हैं।
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## **4. समग्र विशेषता**
"उसने कहा था" हिंदी साहित्य की एक कालजयी कहानी है, जो निम्नलिखित कारणों से विशिष्ट है:
1. **मनोवैज्ञानिक गहराई**: पात्रों के आंतरिक संघर्ष को बखूबी उकेरा गया है।
2. **यथार्थवादी चित्रण**: फौजी जीवन और प्रेम के बीच के द्वंद्व को सहज ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
3. **संवेदनशीलता**: कहानी का अंत पाठक की आँखें नम कर देता है।
4. **ऐतिहासिक महत्त्व**: यह हिंदी की पहली आधुनिक कहानियों में से एक है।
**निष्कर्ष**: गुलेरी जी की यह कहानी प्रेम, कर्तव्य और बलिदान का अनूठा संगम है, जो आज भी पाठकों के दिलों में जिंदा है।
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