एक खबर कविता की समीक्षा कीजिये?
लीलाधर जगूड़ी की कविता "एक खबर" में आतंकवादी को "गन्ने के खेत में छुपा" होने का प्रतीकात्मक उल्लेख करने के पीछे कई गहरे सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ और काव्यात्मक विचार हैं। यहाँ इसके संभावित अर्थों की व्याख्या की गई है:
### 1. **यथार्थ और प्रतीक का संघर्ष**
जगूड़ी की कविताओं में यथार्थवादी छवियों के साथ प्रतीकों का गहन संयोजन होता है। गन्ने का खेत भारतीय ग्रामीण जीवन की समृद्धि और शोषण दोनों का प्रतीक है। आतंकवादी का वहाँ छिपे होने का उल्लेख शायद इस विरोधाभास को दर्शाता है कि हिंसा और अशांति कृषि जैसे सरल जीवन में भी घुसपैठ कर चुकी है ।
### 2. **सामाजिक विसंगति की अभिव्यक्ति**
गन्ने का खेत पारंपरिक रूप से मीठे रस (सामान्य जीवन) का प्रतीक है, लेकिन उसमें छिपा आतंकवादी इस बात का संकेत देता है कि सामाजिक सुख-शांति के बीच भी हिंसा और अराजकता की जड़ें फैली हुई हैं। जगूड़ी अक्सर समकालीन विडंबनाओं को ऐसे ही तीखे बिंबों से उजागर करते हैं ।
### 3. **राजनीतिक व्यंग्य**
यह पंक्ति शासन व्यवस्था या मीडिया द्वारा आतंकवाद को लेकर बनाई गई सरलीकृत छवि पर भी प्रहार कर सकती है। गन्ने के खेत जैसे सामान्य स्थान में आतंकवादी का छिपे होना यह दिखाता है कि हिंसा किसी दूरस्थ जंगल या पहाड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन के नजदीकी परिदृश्यों में घर कर चुकी है ।
### 4. **भाषाई नवाचार**
जगूड़ी भाषा के माध्यम से नए अर्थ गढ़ने में माहिर हैं। "गन्ने के खेत" जैसा सरल बिंब एक जटिल सच्चाई को उद्घाटित करता है। यह उनकी शैली की विशेषता है, जहाँ सामान्य वस्तुएँ असामान्य संदर्भों में गहरा प्रभाव छोड़ती हैं ।
### 5. **मानवीय संवेदना का पक्ष**
कवि शायद यह भी रेखांकित करना चाहते हैं कि आतंकवादी भी एक सामान्य मानव है जो समाज की विसंगतियों का शिकार होकर हिंसा की ओर मुड़ता है। गन्ने का खेत उसके "छिपे" होने की बजाय उसके सामाजिक आधार को भी दर्शा सकता है ।
### निष्कर्ष:
जगूड़ी की यह पंक्ति एक बहुआयामी दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जहाँ आतंकवाद के कारणों, प्रभावों और उसकी सामाजिक जड़ों को एक साथ रेखांकित किया गया है। उनकी कविताएँ अक्सर ऐसे ही प्रतीकों के माध्यम से जटिल सच्चाइयों को सरलता से व्यक्त करती हैं ।
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