B.A.-I Sem-I : - IKS-1: Brahmi Lipi-23IK03111 CO-PO मैपिंग प्रा डॉ संघप्रकाश दुड्डे संगमेश्वर कॉलेज सोलापूर
CO-PO मैट्रिक्स (सुसंगतता मानचित्रण) – ब्राह्मी लिपि पाठ्यक्रम
| CO | **PO1**<br>(अनुशासनात्मक ज्ञान) | PO2**<br>(संचार कौशल) | **PO3**<br>(आलोचनात्मक चिंतन) | **PO4**<br>(समस्या समाधान) | **PO5**<br>(विश्लेषणात्मक तर्क) | **PO6**<br>(शोध-संबंधी कौशल) | **PO7**<br>(सहयोग/टीम वर्क) | **PO8**<br>(वैज्ञानिक तर्क) | **PO9**<br>(चिंतनशील चिंतन) | **PO10**<br>(सूचना/डिजिटल साक्षरता) | **PO11**<br>(स्व-निर्देशित शिक्षण) | **PO12**<br>(बहुसांस्कृतिक क्षमता) | **PO13**<br>(नैतिक जागरूकता) | **PO14**<br>(नेतृत्व तत्परता) | **PO15**<br>(आजीवन शिक्षण) |
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| **CO1** (ब्राह्मी लिपि लेखन प्रक्रिया से परिचय) | ✔ | ✔ | ✔ | - | ✔ | - | - | - | ✔ | - | ✔ | ✔ | - | - | ✔ |
| **CO2** (ब्राह्मी लिपि के प्रति अभिवृद्धि) | ✔ | ✔ | - | - | - | - | - | - | ✔ | - | - | ✔ | ✔ | - | ✔ |
| **CO3** (ब्राह्मी लिपि के बारे में ज्ञानवृद्धि) | ✔ | ✔ | ✔ | - | ✔ | ✔ | - | - | ✔ | ✔ | ✔ | ✔ | - | - | ✔ |
| **CO4** (भारतीय भाषा और लिपि का दर्शन) | ✔ | ✔ | ✔ | - | ✔ | - | - | - | ✔ | - | - | ✔ | ✔ | - | ✔ |
| **CO5** (ब्राह्मी लिपि के माध्यम से सक्षमता) | ✔ | ✔ | - | ✔ | - | - | ✔ | - | ✔ | - | ✔ | ✔ | - | ✔ | ✔ |
| **CO6** (ब्राह्मी लिपि से रोजगार के अवसर) | ✔ | ✔ | - | ✔ | - | - | - | - | - | ✔ | ✔ | - | - | ✔ | ✔ |
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सुसंगतता की विस्तृत व्याख्या:
1. CO1: ब्राह्मी लिपि लेखन प्रक्रिया से परिचय
- PO1 (अनुशासनात्मक ज्ञान):** लिपि के ऐतिहासिक और भाषाई पहलुओं का ज्ञान।
- PO2 (संचार कौशल):** लिपि को पढ़ने-लिखने की क्षमता।
- PO3 (आलोचनात्मक चिंतन):** लिपि के विकास का तुलनात्मक अध्ययन।
- PO5 (विश्लेषणात्मक तर्क):** लिपि के संरचनात्मक विश्लेषण की क्षमता।
- PO9 (चिंतनशील चिंतन):** लिपि के सांस्कृतिक महत्व का विचार।
- PO11 (स्व-निर्देशित शिक्षण):** स्वयं लिपि सीखने की प्रेरणा।
- PO12 (बहुसांस्कृतिक क्षमता):** भारतीय भाषाओं की विविधता का सम्मान।
- PO15 (आजीवन शिक्षण):** लिपि के ज्ञान का दीर्घकालिक उपयोग।
2. CO2: ब्राह्मी लिपि के प्रति अभिवृद्धि**
- PO1 (अनुशासनात्मक ज्ञान):** लिपि के प्रति समर्पण भाव।
- PO2 (संचार कौशल):** लिपि को सिखाने और प्रचारित करने की क्षमता।
- PO9 (चिंतनशील चिंतन):** लिपि के प्रति जागरूकता।
- PO12 (बहुसांस्कृतिक क्षमता):** लिपि की सांस्कृतिक महत्ता को समझना।
- PO13 (नैतिक जागरूकता):** प्राचीन लिपि के संरक्षण की जिम्मेदारी।
- PO15 (आजीवन शिक्षण):** लिपि के प्रति सतत रुचि।
3. CO3: ब्राह्मी लिपि के बारे में ज्ञानवृद्धि**
- PO1, PO2, PO3, PO5:** लिपि के ऐतिहासिक, भाषाई और तार्किक पहलुओं की गहन समझ।
- PO6 (शोध-संबंधी कौशल):** लिपि पर शोध करने की क्षमता।
- PO10 (डिजिटल साक्षरता):** डिजिटल माध्यमों पर ब्राह्मी लिपि का अध्ययन।
- PO11 (स्व-निर्देशित शिक्षण):** स्वयं ज्ञान अर्जित करना।
- PO12 (बहुसांस्कृतिक क्षमता):** लिपि की बहुसांस्कृतिक भूमिका को समझना।
4. CO4: भारतीय भाषा और लिपि का दर्शन**
- PO1, PO2, PO3, PO5:** भाषा और लिपि के दार्शनिक पहलुओं की समझ।
- PO9 (चिंतनशील चिंतन):** लिपि के सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव पर विचार।
- PO12 (बहुसांस्कृतिक क्षमता):** भारतीय भाषाई विविधता का ज्ञान।
- PO13 (नैतिक जागरूकता):** लिपि के संरक्षण की नैतिक जिम्मेदारी।
5. CO5: ब्राह्मी लिपि के माध्यम से सक्षमता**
- **PO1, PO2:** लिपि का प्रयोग करने की कुशलता।
- PO4 (समस्या समाधान):** लिपि संबंधी चुनौतियों का समाधान।
- PO7 (सहयोग/टीम वर्क):** समूह में लिपि सिखाने की क्षमता।
- PO9, PO11, PO12:** लिपि के प्रति रचनात्मक दृष्टिकोण।
- PO14 (नेतृत्व तत्परता):** लिपि को प्रोत्साहित करने की भूमिका।
6. CO6: ब्राह्मी लिपि से रोजगार के अवसर**
- PO1, PO2:** लिपि ज्ञान का व्यावसायिक उपयोग।
- PO4 (समस्या समाधान):** लिपि-आधारित रोजगार के नए रास्ते खोजना।
- PO10 (डिजिटल साक्षरता):** डिजिटल संसाधनों का उपयोग।
- PO11 (स्व-निर्देशित शिक्षण):** स्वरोजगार के लिए कौशल विकास।
- PO14 (नेतृत्व तत्परता):** लिपि-आधारित उद्यमिता।
-NAAC के लिए उपयोगिता:
- यह मैट्रिक्स दर्शाता है कि पाठ्यक्रम के परिणाम (CO) कार्यक्रम के उद्देश्यों (PO) से कैसे जुड़े हैं।
- प्रत्येक CO कम से कम **3-5 PO** से मैप किया गया है, जो NAAC की गुणवत्ता आवश्यकताओं को पूरा करता है।
- शोध, नैतिकता, संचार, डिजिटल साक्षरता और आजीवन सीखने** जैसे मानकों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इस प्रकार, यह **CO-PO Alignment** NAAC मूल्यांकन के लिए पूर्णतः उपयुक्त है।
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