कहानी का स्वरूप स्पष्ट कीजिए-प्रा डॉ संघप्रकाश दुड्डे
कहानी का **स्वरूप** उसकी संरचना, शैली और प्रस्तुति को दर्शाता है। यह कहानी को एक विशिष्ट रूप देता है और पाठकों के साथ उसके संवाद का तरीका तय करता है। निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से कहानी के स्वरूप को स्पष्ट किया जा सकता है:
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### 1. **भाषा और शैली (Language and Style)**
- **सरल या जटिल भाषा**: कहानी की भाषा साधारण, व्यावहारिक या साहित्यिक हो सकती है।
- **शैली**: वर्णनात्मक, संवादात्मक, व्यंग्यात्मक, या काव्यात्मक शैली अपनाई जा सकती है।
- **बिंब और प्रतीक**: कहानी में प्रतीकात्मक भाषा या बिंबों का प्रयोग हो सकता है।
### 2. **कथानक (Plot)**
- **रेखीय (Linear)**: घटनाएँ क्रमबद्ध तरीके से चलती हैं।
- **अरेखीय (Non-linear)**: फ्लैशबैक, समयांतराल, या घटनाओं का उलटफेर हो सकता है।
- **संघनित या विस्तृत**: कहानी संक्षिप्त या विस्तृत हो सकती है।
### 3. **पात्र (Characters)**
- **मुख्य पात्र (Protagonist)**: कहानी का नायक/नायिका।
- **खलनायक (Antagonist)**: विरोधी शक्ति।
- **गोल या फ्लैट पात्र**: पात्रों का विकास या स्थिरता।
### 4. **दृष्टिकोण (Point of View)**
- **प्रथम पुरुष (First Person)**: "मैं" के रूप में कहानी।
- **तृतीय पुरुष (Third Person)**: वर्णनकर्ता द्वारा कहानी सुनाना।
- **सर्वज्ञ दृष्टिकोण (Omniscient)**: वर्णनकर्ता सभी पात्रों के मनोभाव जानता है।
### 5. **वातावरण (Setting)**
- **स्थान (Place)**: गाँव, शहर, काल्पनिक दुनिया आदि।
- **काल (Time)**: ऐतिहासिक, वर्तमान, या भविष्य।
- **माहौल (Mood)**: रहस्यमय, डरावना, रोमांटिक, या तनावपूर्ण।
### 6. **संवाद (Dialogue)**
- **प्रत्यक्ष संवाद**: पात्रों की बातचीत।
- **अप्रत्यक्ष संवाद**: वर्णनकर्ता द्वारा संवाद को समेटना।
### 7. **थीम (Theme)**
- कहानी का केंद्रीय विचार या संदेश (जैसे: प्रेम, सामाजिक अन्याय, मानवीय संघर्ष)।
### 8. **रोचकता (Suspense and Conflict)**
- **संघर्ष (Conflict)**: आंतरिक या बाह्य संघर्ष।
- **रहस्य या तनाव**: पाठक को बाँधे रखने के लिए।
### 9. **अंत (Ending)**
- **खुला अंत (Open Ending)**: पाठक की कल्पना पर छोड़ देना।
- **निश्चित अंत (Closed Ending)**: समाप्ति स्पष्ट होती है।
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### उदाहरण:
- **प्रेमचंद की कहानियाँ**: सामाजिक यथार्थ, सरल भाषा, और नैतिक संदेश।
- **मनोहर श्याम जोशी की कहानियाँ**: व्यंग्य और अप्रत्यक्ष शैली।
- **अज्ञेय की कहानियाँ**: अमूर्त और प्रयोगधर्मी स्वरूप।
कहानी का स्वरूप उसके उद्देश्य, लेखक की शैली और पाठकों की रुचि के अनुरूप बदलता रहता है।
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