नालंदा विश्वविद्यालय का प्राचीन इतिहास-प्रा डॉ संघप्रकाश दुड्डे

### 📜 **नालंदा विश्वविद्यालय: सम्पूर्ण इतिहास एवं विश्लेषण**  

#### 🏛️ **1. स्थापना एवं काल खंड**  
- **स्थापना**: 5वीं शताब्दी ईस्वी (लगभग 427 ई.) में गुप्त सम्राट **कुमारगुप्त प्रथम** द्वारा ।  
- **काल खंड**:  
  - **स्वर्ण युग**: 5वीं से 12वीं शताब्दी तक (600 वर्ष)।  
  - **अंत**: 1193 ई. में तुर्क आक्रमणकारी **बख्तियार खिलजी** द्वारा विध्वंस ।  
- **पुनर्जन्म**: 2010 में भारतीय संसद के अधिनियम द्वारा नए रूप में स्थापित, जिसे 2014 से शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रारंभ हुईं ।  

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#### 👑 **2. राज्याश्रय एवं विकास**  
नालंदा को क्रमिक शासक वंशों का संरक्षण मिला:  

| शासक वंश         | योगदान                                                                 |  
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| **गुप्त वंश**    | कुमारगुप्त प्रथम ने स्थापना की; स्कंदगुप्त ने पुस्तकालय बनवाया । |  
| **हर्षवर्द्धन** | 7वीं शताब्दी में विश्वविद्यालय का विस्तार किया; छात्रवृत्तियाँ प्रदान कीं । |  
| **पाल वंश**      | तांत्रिक बौद्ध धर्म को बढ़ावा; अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए आवास व्यवस्था । |  
| **अन्य**         | इंडोनेशिया के शैलेंद्र राजवंश ने मठों का निर्माण करवाया । |  

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#### 🧠 **3. प्रमुख आचार्य एवं बौद्ध ग्रंथ**  
- **आचार्य**:  
  - **नागार्जुन**: माध्यमिक दर्शन के प्रवर्तक।  
  - **आर्यभट्ट**: शून्य की अवधारणा और 'आर्यभटीय' ग्रंथ के रचयिता ।  
  - **धर्मकीर्ति**: तर्कशास्त्र में विशेषज्ञ।  
  - **राहुल श्रीभद्र**: आयुर्वेद विशेषज्ञ; बख्तियार खिलजी का इलाज किया ।  
- **बौद्ध ग्रंथ**:  
  - **त्रिपिटक** (विनय, सुत्त, अभिधम्म पिटक) की शिक्षा **पालि भाषा** में दी जाती थी।  
  - शिक्षण पद्धति: मौखिक व्याख्या, शास्त्रार्थ, और लेखन अभ्यास ।  

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#### 🔥 **4. विध्वंस का कारण एवं घटना**  
- **आक्रमणकारी**: 1193 ई. में **बख्तियार खिलजी** (कुतुबुद्दीन ऐबक का सेनापति) ।  
- **कारण**:  
  - खिलजी ने आचार्य राहुल श्रीभद्र से इलाज करवाया, लेकिन भारतीय ज्ञान की श्रेष्ठता से ईर्ष्या के कारण विश्वविद्यालय को जला दिया ।  
  - पुस्तकालय में 90 लाख पांडुलिपियाँ 3 महीने तक जलती रहीं ।  

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#### 🏫 **5. परिसर की विशेषताएँ**  
- **क्षेत्रफल**: 30 एकड़ (प्राचीन) ।  
- **संरचना**:  
  - **9 मंजिला पुस्तकालय** (रत्नसागर, रत्नोदधि, रत्नरंजन)।  
  - 10 मंदिर, 8 विशाल भवन, 300 कमरे, और 7 व्याख्यान कक्ष ।  
  - 10,000 छात्रों के आवास के लिए 13 मठ (खुदाई में प्राप्त) ।  
- **सुरक्षा**: विशाल दीवार एवं एक मुख्य द्वार ।  

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#### 📚 **6. प्रवेश प्रक्रिया एवं पाठ्यक्रम**  
- **प्रवेश**:  
  - छात्रों का चयन **शास्त्रार्थ** (वाद-विवाद) और **मौखिक परीक्षा** द्वारा होता था।  
  - आचार्यों द्वारा शैक्षणिक योग्यता एवं नैतिक चरित्र की जाँच ।  
- **प्रमुख विषय**:  
  | विषय          | विवरण |  
  |---------------|-------|  
  | बौद्ध दर्शन  | महायान, हीनयान, तंत्रयान |  
  | तर्कशास्त्र  | न्याय एवं प्रमाण सिद्धांत |  
  | चिकित्सा     | आयुर्वेद |  
  | खगोलशास्त्र  | ग्रहों की गणना |  
  | भाषाएँ       | संस्कृत, पालि, प्राकृत |  

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#### ⛏️ **7. पुरातात्विक खोज एवं विशेषताएँ**  
- **खोजकर्ता**:  
  - **1812**: स्कॉटिश सर्वेक्षक **फ्रांसिस बुकानन-हैमिल्टन** ने बौद्ध मूर्तियाँ खोजीं ।  
  - **1861**: **सर अलेक्जेंडर कनिंघम** ने आधिकारिक रूप से पहचान की ।  
- **विशेषताएँ**:  
  - खुदाई में 13 मठ, स्तूप, और अभिलेख मिले।  
  - **यूनेस्को विश्व धरोहर**: 2016 में 23 हेक्टेयर क्षेत्र को मान्यता ।  

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#### 🌱 **8. आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय**  
- **स्थान**: राजगीर, बिहार (प्राचीन खंडहर से 12 किमी दूर) ।  
- **परिसर**:  
  - **455 एकड़** में फैला "नेट ज़ीरो एमिशन" ग्रीन कैंपस।  
  - सौर ऊर्जा, जल पुनर्चक्रण, और 100 एकड़ जलाशय ।  
- **शैक्षणिक ढाँचा**:  
  - **स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज**: एमए इन बौद्ध दर्शन।  
  - **स्कूल ऑफ इकोलॉजी**: एमएससी इन एनवायरनमेंटल स्टडीज।  
  - **प्रवेश**: स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए CUET-PG, MBA के लिए CAT/MAT ।  

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#### 💎 **9. विरासत का वैश्विक प्रभाव**  
- **ज्ञान का प्रसार**:  
  - चीनी यात्री **ह्वेनसांग** ने 5 वर्ष यहाँ अध्ययन किया और 657 ग्रंथ चीन ले गए ।  
  - **शून्य की अवधारणा** यूरोप तक पहुँची, जिससे बीजगणित का विकास हुआ ।  
- **आवासीय शिक्षा मॉडल**: ऑक्सफोर्ड एवं कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों की संरचना नालंदा से प्रेरित ।  

नालंदा विश्वविद्यालय की यह समृद्ध विरासत न केवल भारत बल्कि समस्त मानव जाति के ज्ञानकोश का अमर प्रतीक है। इसका पुनरुत्थान 21वीं सदी में एशियाई शैक्षणिक उत्कृष्टता के नए युग का सूत्रधार बना है 🌍।

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