अनुवाद की परिभाषा

### **अनुवाद की परिभाषा**  
अनुवाद एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी **स्रोत भाषा (Source Language)** के पाठ, विचार, या संदेश को **लक्ष्य भाषा (Target Language)** में इस प्रकार व्यक्त किया जाता है कि मूल भाव, अर्थ, और संदर्भ पूरी तरह से सुरक्षित रहें। यह केवल शब्दों का यांत्रिक रूपांतरण नहीं, बल्कि भाषा, संस्कृति, और सामाजिक परिवेश के सूक्ष्म अंतरों को समझकर किया जाने वाला **सृजनात्मक और विश्लेषणात्मक कार्य** है।  

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#### **मुख्य बिंदु**:  
1. **भाषिक समानता**: मूल पाठ और अनूदित पाठ के बीच **अर्थ की समतुल्यता (Equivalence)** बनाए रखना।  
2. **सांस्कृतिक अनुकूलन**: लोकोक्तियाँ, मुहावरे, या सांस्कृतिक संदर्भों को लक्ष्य भाषा के अनुरूप ढालना।  
   - उदाहरण: अंग्रेजी का "Break a leg" हिंदी में "कामयाबी मिले" हो सकता है।  
3. **उद्देश्य**: भाषा-अवरोधों को दूर कर **ज्ञान, साहित्य, और विचारों का वैश्विक प्रसार** करना।  

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#### **विद्वानों के अनुसार**:  
- **रोमन जैकबसन**: अनुवाद तीन प्रकार का होता है—अन्तरभाषिक (भाषा से भाषा), अन्तर्भाषिक (एक ही भाषा में रूपांतरण), और अंतरसंकेतिक (चित्र, संकेत आदि का शाब्दिक अनुवाद)।  
- **यूजीन नाइडा**: "अनुवाद मूल संदेश का प्राकृतिक और समकक्ष प्रतिबिंब है, जो लक्ष्य भाषा के पाठक को वैसा ही प्रभाव देता है जैसा मूल पाठ ने दिया।"  

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#### **सारांश**:  
अनुवाद **भाषाओं के बीच सेतु** का काम करता है। यह भाषिक सीमाओं को पार करके मानवीय संवाद, साहित्य, विज्ञान, और संस्कृति को साझा करने का माध्यम है। एक सफल अनुवादक वह है जो मूल पाठ की "आत्मा" को लक्ष्य भाषा में जीवित रखते हुए उसे स्वाभाविक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करे।

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