सुरंग -दयानंद बटोही

दयानंद बटोही की कहानी “सुरंग” में मुख्य पात्र का नाम रामू है, जो एक दलित समुदाय से आता है। कहानी का मुख्य विषय जातिगत भेदभाव और सामाजिक अन्याय है, जिसे रामू अपने जीवन में झेलता है।

कहानी का सारांश: रामू एक मेहनती और ईमानदार व्यक्ति है, जो अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन की तलाश में है। लेकिन समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव के कारण उसे हर कदम पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कहानी में दिखाया गया है कि कैसे रामू को अपने काम के दौरान और सामाजिक जीवन में भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

मुख्य बिंदु:

संघर्ष और संघर्षशीलता: रामू का संघर्ष केवल आर्थिक नहीं है, बल्कि सामाजिक और मानसिक भी है। वह अपने अधिकारों के लिए लड़ता है और समाज में अपनी पहचान बनाने की कोशिश करता है।
सामाजिक भेदभाव: कहानी में जातिगत भेदभाव के विभिन्न रूपों को उजागर किया गया है, जैसे कि शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक संबंधों में भेदभाव।
प्रेरणा: रामू की कहानी अन्य दलित समुदायों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कहानी का संदेश: “सुरंग” एक प्रेरणादायक कहानी है जो यह संदेश देती है कि कठिनाइयों और भेदभाव के बावजूद, अगर हम अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें और हार न मानें, तो हम अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।

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