एक रात -रांगेय राघव रिपोर्ताज



रांगेय राघव का रिपोर्ताज “एक रात” बंगाल के अकाल की भयावहता और वहाँ के लोगों की दुर्दशा का संवेदनशील चित्रण है। इस रिपोर्ताज में उन्होंने बंगाल के कुष्टिया क्षेत्र की स्थिति का वर्णन किया है, जहाँ अकाल के कारण लोग भुखमरी और कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे थे12.

विशेषताएँ:

  1. संवेदनशीलता और यथार्थवाद: रांगेय राघव ने अकाल की विकट परिस्थितियों को बहुत ही संवेदनशीलता और यथार्थवाद के साथ प्रस्तुत किया है। उन्होंने वहाँ के लोगों की दुखभरी और मार्मिक स्थितियों का सजीव चित्रण किया है1.

  2. प्रकृति का चित्रण: रिपोर्ताज में प्राकृतिक सौंदर्य और दु:ख का समन्वय मिलता है। रांगेय राघव ने बंगाल की शान्त, सुरम्य प्रकृति और वहाँ के लोगों के दु:ख को एकाकार कर दिया है2.

  3. सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण: उन्होंने अकाल के कारण उत्पन्न सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों का भी विश्लेषण किया है। उन्होंने दिखाया है कि कैसे अकाल ने समाज के विभिन्न वर्गों को प्रभावित किया और किस प्रकार लोगों ने इस संकट का सामना किया1.

  4. मानवता का चित्रण: रांगेय राघव ने अपने रिपोर्ताज में मानवता के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है। उन्होंने दिखाया है कि कैसे लोग अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे थे और किस प्रकार की कठिनाइयों का सामना कर रहे थे2.

रांगेय राघव का “एक रात” रिपोर्ताज न केवल एक साहित्यिक कृति है, बल्कि यह उस समय की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों का भी महत्वपूर्ण दस्तावेज है।


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