बुधिया रेखाचित्र की विशेषता स्पष्ट कीजिए
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बुधिया रेखाचित्र की विशेषता
रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा रचित ‘बुधिया’ रेखाचित्र एक सामान्य स्त्री के जीवन के तीन प्रमुख चरणों - बचपन, जवानी और बुढ़ापे - का मार्मिक चित्रण है1.
- बचपन: बुधिया का बचपन चंचल और चुलबुली है। वह एक छोटी सी बच्ची है, जो फटे-पुराने कपड़े पहनती है और उसके बाल बिखरे रहते हैं1.
- जवानी: जवानी में बुधिया गाँव के नौजवानों की दिल की धड़कन बन जाती है। उसकी सुंदरता और आकर्षण का वर्णन किया गया है1.
- बुढ़ापा: बुढ़ापे में बुधिया का जीवन संघर्षपूर्ण हो जाता है। उसके कपड़े फटे-पुराने होते हैं और चेहरा सूखा और झुर्रियों से भरा होता है1.
बेनीपुरी जी ने बुधिया के माध्यम से स्त्री जीवन के विभिन्न पहलुओं को बड़े ही प्रभावशाली और संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत किया है1.
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