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विश्व धरोहर शिल्प समूह अजन्ता

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एक विश्व धरोहर स्थल, महाराष्ट्र के सात आश्चर्यों में से एक, विश्व प्रसिद्ध बौद्ध गुफाएँ अजंता, भित्तिचित्र, अभूतपूर्व शिला के माध्यम से तथागत बुद्ध के जीवन की घटनाएं और बोधिसत्वों की जातक कथाओं का अनमोल खजाना इस गुफा की खोज के बाद से दुनिया भर के मूर्तिकला प्रेमियों, चित्रकारों, बौद्ध विद्वानों, गुफा विद्वानों का खजाना रहा है। पिछले 200 साल. आकर्षित करता रहा है पुरातत्वविदों ने दर्ज किया है कि यह गुफा दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 5वीं शताब्दी ईस्वी तक भौर्य-सातवाहन और वाकाटक शासकों के शासनकाल के दौरान बनाई गई थी। इससे पता चलता है कि महाराष्ट्र में बुद्ध के धम्म के आगमन के बाद बौद्ध धर्म कितना फला-फूला था। भारत में लगभग 1,500 गुफाओं में से लगभग 1,200 अकेले महाराष्ट्र में हैं, जो महाराष्ट्र क्षेत्र पर बौद्ध धर्म के प्रभाव को दर्शाता है। भारत में पाई गई सभी बौद्ध गुफाओं में एक बात समान है। इसमें अजंता भारतीय कला (मूर्तिकला, चित्रकला) का अभूतपूर्व संग्रह है। गुफाओं के इस समूह में कुल 30 गुफाएँ हैं और आप इन्हें प्रत्येक चरण में पा सकते हैं विभिन्न मूर्तियां और पेंटिंग देखने के लिए पाना गुफा न...

कक्षा में विविधता को संबोधित करने की रणनीतियाँ -डॉ संघप्रकाश दुड्डे , हिंदी विभाग प्रमुख संगमेश्वर कॉलेज सोलापुर ,smdudde@gmail.com,9766997174

कक्षा में विविधता को संबोधित करने की रणनीतियाँ -डॉ संघप्रकाश दुड्डे , हिंदी विभाग प्रमुख संगमेश्वर कॉलेज सोलापुर , smdudde@gmail.com ,9766997174 प्रस्तावना- कक्षा में विविधता को संबोधित करने की रणनीति या विभिन्न प्रकार की होती है और उसे विभिन्न  रणनीतियों को अपना कर छात्रों के जीवन को बदलने की कला अध्यापक में होना बहुत ही आवश्यक है जब तक हम तीन रणनीतियों को अपनाते नहीं तब तक हमें उसे लक्ष्य तक पहुंचने में बहुत कठिनाई होगी इसलिए आज हम उसे रणनीतियों को अपनाने के लिए हमें किस प्रकार का प्रयास करना चाहिए इस संदर्भ में इस आलेख में हम चर्चा करेंगे कक्षा में विविधता को संबोधित करने के लिए कई प्रभावी रणनीतियाँ अपनाई जा सकती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख रणनीतियाँ दी गई हैं: 1विभेदित निर्देश (Differentiated Instruction): विभिन्न शिक्षण शैलियों और क्षमताओं को समायो जित करने के लिए शिक्षण विधियों और सामग्रियों को तैयार करना। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सभी छात्र पाठ्यक्रम तक पहुँच सकते हैं और उससे जुड़ सकते हैं1. 2सहयोगात्मक वातावरण (Collaborative Environment): छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और विशेषज्...

धम्मचक्रप्रवर्तन, धर्मांतर एवं अशोक विजयादशमी -डॉ संघप्रकाश दुड्डे

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धम्मचक्रप्रवर्तन, धर्मांतर एवं अशोक विजयादशमी -डॉ संघप्रकाश दुड्डे धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस बौद्ध धर्म में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह दिन 14 अक्टूबर 1956 को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा नागपुर में हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन को अशोक विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि सम्राट अशोक ने भी इसी दिन बौद्ध धर्म अपनाया था। धम्मचक्र प्रवर्तन का अर्थ है धर्म का चक्र चलाना। भगवान बुद्ध ने सारनाथ में अपने पहले पांच शिष्यों को अष्टांगिक मार्ग की शिक्षा दी थी, जिसे धर्मचक्र प्रवर्तन कहा जाता है। यह बौद्ध धर्म के प्रचार और प्रसार का प्रतीक है। धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस एक महत्वपूर्ण बौद्ध उत्सव है, जिसे हर साल 14 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 1956 में नागपुर के दीक्षाभूमि में अपने लगभग 600,000 अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था12. इस दिन को अशोक विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि सम्राट अशोक ने भी इसी दिन बौद्ध धर्म अपनाया था1. धम्मचक्र प्रवर्तन ...