बौद्ध धर्म ने सामाजिक और सांप्रदायिक संघर्ष से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका-डॉ संघप्रकाश दुड्डे, हिंदी विभाग प्रमुख,संगमेश्वर कॉलेज सोलापुर




बौद्ध धर्म ने सामाजिक और सांप्रदायिक संघर्ष से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके कुछ प्रमुख पहलू निम्नलिखित हैं:

  1. अहिंसा और करुणा: बौद्ध धर्म का मुख्य सिद्धांत अहिंसा है, जो किसी भी प्रकार की हिंसा का विरोध करता है। यह सिद्धांत सामाजिक और सांप्रदायिक संघर्षों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने में मदद करता है1.

  2. समानता और समावेशिता: बौद्ध धर्म जाति, वर्ग, और लिंग के भेदभाव को अस्वीकार करता है। यह सभी व्यक्तियों को समान मानता है, जिससे समाज में समावेशिता और समानता को बढ़ावा मिलता है2.

  3. ध्यान और मानसिक शांति: बौद्ध धर्म में ध्यान और मानसिक शांति पर जोर दिया जाता है। यह व्यक्तिगत स्तर पर तनाव और क्रोध को कम करने में मदद करता है, जिससे सामाजिक संघर्षों की संभावना कम होती है3.

  4. संवाद और समझ: बौद्ध धर्म में संवाद और समझ को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विभिन्न समुदायों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करता है, जिससे सांप्रदायिक संघर्षों को सुलझाने में मदद मिलती है4.

  5. धार्मिक सहिष्णुता: बौद्ध धर्म अन्य धर्मों के प्रति सहिष्णुता और सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है। यह विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सद्भावना और शांति को प्रोत्साहित करता है5.

बौद्ध धर्म के ये सिद्धांत और मूल्य सामाजिक और सांप्रदायिक संघर्षों को कम करने और एक शांतिपूर्ण समाज की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है/

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