राम भक्ति शाखा विशेषताएं स्पष्ठ कीजिये? डॉ संघप्रकाश दुड्डे, हिंदी विभाग प्रमुख,संगमेश्वर कॉलेज सोलापुर

राम भक्त शाखा, जिसे रामाश्रयी शाखा भी कहा जाता है, हिंदी साहित्य के भक्ति काल की एक महत्वपूर्ण धारा है। इस शाखा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  1. सगुण राम की उपासना: इस शाखा के कवियों ने भगवान राम को सगुण रूप में आराधना की है। वे राम को अपने आराध्य और आदर्श मानते हैं1.

  2. राम के शक्तिशाली और सौंदर्य का चित्रण: कवियों ने राम के शक्तिशाली और आदर्श रूप का सुंदर चित्रण किया है। उनके चरित्र में मर्यादा, धैर्य, और करुणा का विशेष स्थान है2.

  3. भक्ति और प्रेम: राम भक्त कवियों ने भक्ति और प्रेम को प्रमुखता दी है। उनके अनुसार, सच्ची भक्ति और प्रेम से ही भगवान राम की कृपा प्राप्त की जा सकती है2.

  4. सामाजिक समन्वय: राम भक्त कवियों ने समाज में समन्वय और एकता का संदेश दिया है। उन्होंने जाति-पांति और भेदभाव का विरोध किया है1.

  5. गुरु का महत्व: इस शाखा के कवियों ने गुरु को अत्यधिक महत्व दिया है। उनके अनुसार, गुरु ही सच्चे ज्ञान और भक्ति का मार्गदर्शक है2.

  6. सरल भाषा: राम भक्त कवियों ने अपनी रचनाओं में सरल और सहज भाषा का प्रयोग किया है, ताकि आम जनता भी उनके संदेश को समझ सके2.

  7. प्रमुख कवि: इस शाखा के प्रमुख कवियों में तुलसीदास, रामानंद, और नाभादास शामिल हैं। तुलसीदास की रचनाएँ, जैसे रामचरितमानस, इस शाखा की प्रमुख कृतियाँ हैं1.


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