गुरुजनों के साथ माता-पिता का भी सम्मान करो-डॉ इरेश स्वामी 
संगमेश्वर महाविद्यालय सोलापुर हिंदी विभाग द्वारा आयोजित हिंदी उत्सव प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह के समय डॉक्टर इरेश  स्वामी जी ने कहा कि माता-पिता के साथ-साथ गुरुजनों का सम्मान भी करना चाहिए गुरुजनों का सम्मान माता-पिता के सम्मान जैसा है और गुरु ही हमें मार्ग क्रमण कर सकता है साथ ही साथ हर एक क्षेत्र में उन्नति करने के पश्चात जो भी ऊंचाई हम हासिल करते हैं इसकी बुनियाद माता-पिता के चरणों पर होती है तो हमें हर कोई पुरस्कार माता-पिता के चरणों पर अर्पित करके उनके पास से आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए इस प्रकार की मनोकामना छात्रों में जागने का कार्य डॉ इरेश  स्वामी जी ने अपने अध्यक्ष की मंतव्य से कहा उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी को छात्र जीवन में हर एक प्रतियोगिता में भाग लेना बहुत ही आवश्यक है आपको सफलता मिले या ना मिले लेकिन प्रतियोगिता में हिस्सा लेना बहुत ही आवश्यक है जब हम प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे तो हमारा मानसिक धैर्य बढ़ जाता है हमें प्रतियोगिता में प्रतियोगिता के साथ प्रतिस्पर्धी बनने की तमन्ना बढ़ जाती है साथ ही साथ हमारे मन में जो डर का भाव होता है वह डर का भाव अपने आप निकल जाता है छात्रों के मन में इस प्रकार की प्रतियोगिता की भावना पैदा करने में गुरुजनों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है डॉक्टर इरेश स्वामी जी ने अपने समय के गुरुवार या टिक ले पोता बत्ती तथा भगवान दास तिवारी को याद किया जिन्होंने हिंदी की सेवा की है हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है हिंदी में बोलना हिंदी में बातचीत करना हमारा धर्म बनता है हमें धर्म की ताकत हिंदी से ही प्राप्त होती है हिंदी हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है संगमेश्वर महाविद्यालय की हिंदी की परंपरा को दोहराते हुए उन्होंने अनेक साहित्यकारों को याद किया जिन्होंने इसी भित्ति पत्रिका से अपना साहित्य लेखन करते-करते बहुत बड़े महान साहित्यकार बन गए इस प्रकार की आदत छात्र जीवन से ही अगर छात्र डालते हैं तो उनमें एक नई चेतना पैदा होती है एक नया आदर्श उनके सामने उपस्थित होता है इस प्रकार के कार्यक्रम करने के लिए उन्होंने हिंदी विभाग को धन्यवाद दिया आरंभ में हिंदी विभाग प्रमुख डॉक्टर संघ प्रकाश दुड्डे  ने प्रस्ताविक और अतिथि का परिचय करके दिया आरंभ में दिव्यांग छात्रों ने इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का  विश्वास कमजोर होना यह गीत गाकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई साथ ही साथ उप प्रधानाचार्य डॉ सुहास  पुजारी के कर कमल द्वारा डॉ  इरेश स्वामी जी सम्मान किया गया साथ ही साथ दूसरे प्रमुख अतिथि डॉ राजकुमार वडजे जी का भी सम्मान डॉक्टर सुहास् पुजारी के कर कमल द्वारा किया गया डॉक्टर संघ प्रकाश दुड्डे के कर कमल द्वारा डॉक्टर सुहास  पुजारी का सम्मान किया गया इस समारोह में अपने मंतव्य में एनएसएस अधिकारी डॉक्टर राजकुमार वडजे  जी ने कहा कि मैं इसी छात्र का कॉलेज का छात्र हूं इसी कालेज ने मुझे बहुत कुछ दिया है इस कॉलेज में मैंने अपना जीवन किया है अपने जीवन के महत्वपूर्ण पल इसी महाविद्यालय में बिताए हैं मैं भी अपने छात्र जीवन में बहुत सारे अभिलेख लेख लिखे थे और उसी की शुरुआत जो है इसी भित्ति पत्रिका ने की थी मुझे याद है सर जी के चरण में बैठकर मैंने लिखना आरंभ किया और आज बड़े-बड़े पद पर हम पहुंच गए हैं यह डॉक्टर इरेश स्वामी जी की कृपा है इस प्रकार की सद्भावना उनके विचारों के प्रति उनके पूरे जीवन के प्रति उन्होंने अर्पित की छात्र जीवन की बहुत सारी यादें उन्होंने छात्रों के सामने रखी छात्रों को इस प्रकार से आगे बढ़ाना अपने जीवन के लक्ष्य को पूरा करना ही छात्र जीवन में महत्वपूर्ण होता है इस विचार पर उन्होंने महत्वपूर्ण बोल दिया इस समय डॉक्टर सुहास  पुजारी ने भी अपना मंतव्य प्रकट किया उसमें उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में तो पूर्ण जीवन होता है इसी जीवन में हमें अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए हौसला बढ़ाना चाहिए हमारी ताकत बढ़ाने चाहिए छात्र जीवन बड़ा अनमोल होता है इस छात्र जीवन में हमें अपनी जीवन की यात्रा पर करने के लिए हर मुसीबत का सामना करना चाहिए और आगे बढ़ते बढ़ते जीवन का लक्ष्य प्राप्त करना चाहिए इस प्रकार की मनोकामना उन्होंने की इस समय सुलेखन कन्नड़ प्रतियोगिता में आरती सिद्धराम यारडालें, साक्षी हरवालकर , जयश्री शिवसिद्ध गुरव, इन्हें सम्मानित किया गया मराठी सुलेखन में प्रतिक्षा बालासाहब गाड़वे ,पदमजा सुनील सावंत ,आमदार सिद्धाराम गायकवाड को सम्मानित किया गया हिंदी सुलेखन में इशरत इलियास शेख, अनुराधा कलशेट्टी ,ज्योति अन्नासाहेब सर्वगोड, को सम्मानित किया गया अंग्रेजी सुलेखन में स्नेहा एस कदम ,प्रतीक्षा बालासाहेब गाड़वे, अविनाश कोची को सम्मानित किया गया ब्राह्मी सुलेखन में कीर्ति देशेट्टी, संध्या सुजाता सिद्धाराम निंबाळ,शिवलीला बनसोडे को सम्मानित किया गया निबंध प्रतियोगिता में भाग्यश्री बसवराज बगले, BA सिविल सर्विस ,आमदार सिद्धाराम गायकवाड बीकॉम I सहिदा मणेरी  को सम्मानित किया गया कहानी लेखन में संध्या सुजाता सिद्धाराम निंबाळ ,इशरत एवं इलियास शेख, महादेवी नागनाथ जाधव को सम्मानित किया गया कविता लेखन में जैद हसन शेख, महादेवी नागनाथ जाधव, पद्मजा सावंत को सम्मानित किया गया भित्तिपत्रिका  में इरशाद शेख, कीर्ति देशेट्टी,प्राची देशमुख को सम्मानित किया गया रंगोली प्रतियोगिता में प्रणाली जाधव ,प्रतीक्षा विट्ठल कांबले  कीर्ति  देशेट्टी,को सम्मानित किया गया मेहंदी प्रतियोगिता में इशरत इलियास शेख, अल्फिया मोहम्मद यूसुफ हिप्परगी, श्रद्धा अरविंद देशमुख को सम्मानित किया गया इस प्रकार से 7 प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को ट्रॉपि  मेडल और प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित किया गया इस समय बहुत संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे NSS प्रमुख अन्नासाहेब साखरे ,दादा साहेब खांडेकर आदि अध्यापक गण भी उपस्थित थे इस समारोह को सफल करने के लिए BAफर्स्ट के छात्र तथा छात्राएं उन्होंने अपना योगदान दे दिया साथ ही साथ इस समारोह को चार चांद लगाने के लिए जिन-जिन छात्रों ने अपना योगदान दिया उन छात्रों के प्रति भी अंत में आभार प्रकटन डॉ दादा साहब खांडेकर ने किया इस समारोह में सभी छात्रों के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने के लिए जिन-जिन छात्रों ने इस समारोह में अपना योगदान दिया वैभव वडजे, प्रीति घोडके पूजा चराटे सबा शेख, फातिमा शेख उनके प्रति आभार प्रकटन किया गया इस कार्यक्रम का सूत्रसंचालन गायत्री मैट्रे  ने किया

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