सरकारी महाविद्यालय( स्वायत्त )कलबुर्गी प्रमुख अतिथि डॉ संघप्रकाश दुड्डे के कलकमलो द्वारा परम पूज्य डॉ बाबा साहब आंबेडकर जी की प्रतिमा का अनावरण
कर्नाटक सरकार कॉलेज और तकनीकी शिक्षण विभाग सरकारी महाविद्यालय( स्वायत्त )कलबुर्गी प्रमुख अतिथि डॉ संघप्रकाश दुड्डे के कलकमलो द्वारा परम पूज्य डॉ बाबा साहब आंबेडकर जी की प्रतिमा का अनावरण किया गया आरंभ में अतिथि गणों के कलकमलो द्वारा दिप अगरबत्ती धूप जलाकर पूजा पुष्प से पूजा की गई डॉ विजय कुमार भीमराव गोपाले जी के द्वारा त्रिशरण पंचशील बुद्ध धम्म संघ वंदना भीम स्तुति का पाठ किया गया इस वक्त प्रधानाचार्य डॉ सविता तिवारी ,डॉ जय देवी गायकवाड, डॉ अरुण कुमार नारोंणकर ,डॉ इरमा पाटिल ,डॉ प्रशांत एम परीक्षा नियंत्रक ,डॉ भुनेश्वरी आई उप परीक्षा नियंत्रक, डॉ कुमार सलीमेनी डीन स्नातक विभाग, डॉ राजकुमार सलगर डीन स्नातकोत्तर विभाग ,डॉअनुसया गायकवाड़ आदि 110 प्राध्यापक , विभिन्न विभाग के प्रमुख,बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित थे/
समारोह का आयोजन डॉ बीआर आंबेडकर सांस्कृतिक और खेल संगठन समिति द्वारा किया गया था/ इस वक्त साहित्य अकादमी कन्नड़ सदस्य डॉ जय देवी गायकवाड जी छात्रों को संबोधित करते हुए कहां की डॉ अंआंबेडकर जी का जीवन संघर्ष समझने के लिए उनके विचारों का अनुपालन तथा उनकी दिशा निर्देश के अनुसार हमें मार्ग क्रमण करना चाहिए उनका त्याग समर्पण और उनकी विचारधारा ही हमारे लिए प्रेरणादाई है भारत के संविधान द्वारा उन्होंने हमें बहुत सारा योगदान दिया है उसे योगदान को ध्यान में रखते हुए आज हम आगे बढ़ रहे हैं जिन्हें पढ़ने लिखने का अधिकार नहीं था वह अधिकार उन्होंने संविधान के द्वारा देने के कारण आज हर कोई व्यक्ति पढ़ रहा है आगे बढ़ रहा है लिख रहा है यह प्रगति बाबा साहब अंबेडकर जी के उसे महान त्याग के कारण बलिदान के कारण हो गई है हमें नहीं भूलना चाहिए संविधान के कारण ही आज महिला प्रधानमंत्री बन रही है राष्ट्रपति बन रही है शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है यह हमें नहीं भूलना चाहिए बाबा साहब आंबेडकर जी की विचारधारा में क्षमता स्वतंत्र बंधुता न्याय की भावना होने के कारण बुद्ध की विचारधारा ही विश्व को शांति दे सकती है इसलिए उन्हें उन्होंने हमें भगवान बुद्ध और उनका धर्म दे दिया है इस धर्म की ओर जाना हर एक का फर्ज बनता है इस प्रकार की विचारधारा उन्होंने प्रकट की/
प्रमुख अतिथि के रूप में अध्यापकों और छात्रों को मार्गदर्शन करते हुए डॉक्टर संघ प्रकाश दुड्डे ने कहा कि आज बाबा साहब आंबेडकर जी का व्यक्तित्व हमें प्रेरणा दे रहा है ललकार रहा है आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहा है हमें बाबा साहब आंबेडकर जी का आदर्श मानकर आगे बढ़ना ही जीवन का लक्ष्य है जब हम उनके विचारधारा को लेकर आगे बढ़ेंगे तब अन्य अत्याचार के खिलाफ लड़ने की ताकत बढ़ जाएगी वह स्कूल के बाहर बैठकर स्कूल में नंबर वन आने का प्रयास करते रहे यही प्रयास समय आगे ले जाना चाहिए हर छात्र को 18 घंटे की पढ़ाई करनी चाहिए जो कि बाबा साहब आंबेडकर 18 घंटे की पढ़ाई किया करते थे आज हमें सारी सुविधा होते हुए भी हम अध्ययन चिंतन मनन नहीं करते तो हमें बाबा साहब आंबेडकर की तरह 18 घंटे की बजा है 2 घंटे 3 घंटे की पढ़ाई तो अवश्य करनी चाहिए बाबा साहब का जीवन संघर्ष हमें प्रेरणा देता है 100 साल बकरी बनकर जीने के बाजार एक दिन शेर बनकर जियो का लॉकर उनकी विचारधारा से हमें प्राप्त होती है अन्य अत्याचार करने वाले के खिलाफ लड़ने की ताकत उनकी विचारधारा हमें देता है इसलिए पढ़ो संगठित बनो और संघर्ष करो यह नारा हमें कभी नहीं भूलना चाहिए बाबा साहब आंबेडकर जी ने पीपल्स एज्युकेशन सोसायटी की स्थापना करके सिद्धार्थ महाविद्यालय की स्थापना की मिलिंद महाविद्यालय की स्थापना की और इस महाविद्यालय के द्वारा उन्होंने शिक्षा की क्रांति करने का प्रयास किया अध्यापक का फर्ज बनता है कि वे शिक्षा दे अनुसंधान करें अनुसंधान करना ही उनका लक्ष्य होना चाहिए अध्यापकों को एचडी करना चाहिए यह बाबा साहब आंबेडकर जी की विचारधारा की पहल है अनुसंधान के द्वारा ही हम आगे बढ़ सकते हैं अनुसंधान ही हमारे लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है इसलिए बाबा साहब आंबेडकर जी की विचारधारा आज भी प्रासंगिक है हमें संविधान बचाना है संविधान को आगे ले जाना है आज संविधान खतरे में है इसे हमें ध्यान रखना चाहिए बाबा साहब आंबेडकर जी के अनुयाई ही इस संविधान को बचा सकते हैं इस प्रकार की विचारधारा उन्होंने प्रकट की/
अध्यक्ष समझ में प्रधानाचार्य डॉ सविता तिवारी जी ने अपनी बात रखी उन्होंने बाबा साहब आंबेडकर जी के सपनों को साकार करने की बात छात्रों के मन में दिलाने का प्रयास अपने अध्यापन के द्वारा करने का प्रयास में करती रही उन्होंने कहा कि आज के दोनों अतिथियों ने जो बातें रखी है वह हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है आज का दिन बहुत ही बड़ा ऐतिहासिक दिन है बाबा साहब आंबेडकर जी की प्रतिमा यहां पर स्थापित करते हुए उनके विचारों को आंबेडकर भवन के रूप में यहां साकार करने का प्रयास सारे अध्यापकों के द्वारा छात्रों के द्वारा किया गया पहला प्रयास यह बहुत ही महत्वपूर्ण है इस प्रकार का प्रयास हर महाविद्यालय में होना बहुत ही आवश्यक है इस प्रकार की विचारधारा उन्होंने प्रकट की जिन-जिन लोगों ने इस समारोह को सफल बनाने में सहयोग किया उनके प्रति भी उन्होंने आभार प्रकट किया
इस वक्त एनएसएस विभाग एनसीसी विभाग के छात्रों का सम्मान किया गया विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था उसमें निबंध प्रतियोगिता वाक्य प्रतियोगिता चित्र का कार्ट प्रतियोगिता खेल के विविध प्रतियोगिता विजेता छात्रों को सम्मानित किया गया कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि डॉ संघप्रकाश दुड्डे के कर कमल द्वारा विभिन्न शाखा के अध्यापकों का प्रतियोगिता में अव्वल अंक प्राप्त करने के कारण सम्मानित किया गया
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