ब्राह्मी वर्णमाला-डॉ संघप्रकाश दुड्डे
ब्राह्मी लिपि की वर्णमाला में स्वर और व्यंजन के विभिन्न अक्षर होते थे। यहाँ पर मुख्य वर्णमाला के उदाहरण दिए जा रहे हैं:
स्वर (Vowels):
- अ𑀲𑁆𑀯𑀭𑁆 (Vowels):
𑀅
𑀆
𑀇
𑀈
𑀉
𑀊
𑀋
𑀌
𑀏
𑀐
𑀑
𑀒
𑀅𑀁
𑀅𑀂
𑀯𑁆𑀬𑀁𑀚𑀦𑁆 (Consonants):
𑀓
𑀔
𑀕
𑀖
𑀗
𑀘
𑀙
𑀚
𑀛
𑀜
𑀝
𑀞
𑀟
𑀠
𑀡
𑀢
𑀣
𑀤
𑀥
𑀦
𑀧
𑀨
𑀩
𑀪
𑀫
𑀬
𑀭
𑀮
𑀯
𑀰
𑀱
𑀲
𑀳 - आ
- इ
- ई
- उ
- ऊ
- ऋ
- ॠ
- ए
- ऐ
- ओ
- औ
- अं
- अः
व्यंजन (Consonants):
- क
- ख
- ग
- घ
- ङ
- च
- छ
- ज
- झ
- ञ
- ट
- ठ
- ड
- ढ
- ण
- त
- थ
- द
- ध
- न
- प
- फ
- ब
- भ
- म
- य
- र
- ल
- व
- श
- ष
- स
- ह
यह वर्णमाला ब्राह्मी लिपि की बुनाई गई थी और विभिन्न भाषाओं को लिखने के लिए इसका प्रयोग किया जाता था। यहाँ पर दिए गए अक्षर अनुक्रमित हैं, जिसमें स्वर और व्यंजन का विवेकशील आयोजन होता था।
ब्राह्मी लिपि वर्णमाला में स्वर और व्यंजन दोनों प्रकार के अक्षर शामिल होते थे। निम्नलिखित वर्णमाला ब्राह्मी लिपि की कुछ मुख्य अक्षरों को दर्शाती है:
स्वर (Vowels):
- अ
- आ
- इ
- ई
- उ
- ऊ
- ऋ
- ॠ
- ए
- ऐ
- ओ
- औ
- अं
व्यंजन (Consonants):
- क
- ख
- ग
- घ
- ङ
- च
- छ
- ज
- झ
- ञ
- ट
- ठ
- ड
- ढ
- ण
- त
- थ
- द
- ध
- न
- प
- फ
- ब
- भ
- म
- य
- र
- ल
- व
- श
- ष
- स
- ह
यह अक्षरों की वर्णमाला कुछ होती थी, जो कि भाषाओं के आधार और उच्चारण के अनुसार थोड़ी भिन्न हो सकती थी। ब्राह्मी लिपि का उपयोग विभिन्न भाषाओं के लिए होता था, इसलिए इसमें व्याकरणिक विवादों और बदलते समय के साथ विभिन्न अक्षरों का प्रयोग किया गया हो सकता है।
डॉ संघप्रकाश दुड्डे
हिंदी विभाग प्रमुख
संगमेश्वर कॉलेज सोलापुर
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