जनसंचार माध्यम की प्रक्रिया एवं महत्व -डॉ संघप्रकाश दुड्डे
जन संचार की प्रक्रिया और महत्व के बारे में निम्नलिखित विवरण है:
जन संचार की प्रक्रिया:
संदेश तैयार करना: संचार की प्रक्रिया की शुरुआत संदेश या सूचना को तैयार करने से होती है। संदेश का विषय, सार, और उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए ताकि उसे संदेश प्राप्तकर्ता को सही रूप से पहुंचाया जा सके।
संदेश का चयन साधन: जन संचार के लिए विभिन्न संधान होते हैं जैसे अख़बार, टीवी, रेडियो, इंटरनेट, सोशल मीडिया, पोस्टर, विज्ञापन, पंडाल, सेमिनार, कार्यशाला, सम्मेलन आदि। संदेश के प्राधिकरण के अनुसार सही संचार साधन चयन करना महत्वपूर्ण है।
संदेश प्रेषण: संदेश को चयनित संचार साधन के माध्यम से संदेश प्राप्तकर्ता तक पहुंचाना होता है। संदेश प्रेषण के लिए विभिन्न तकनीक और रचनात्मक उपाय होते हैं जिनसे संदेश प्राप्तकर्ता तक संदेश पहुंचाया जा सकता है।
संदेश प्राप्ति: संदेश प्राप्तकर्ता संदेश को प्राप्त करते हैं और उसे समझते हैं। संदेश प्राप्ति के बाद प्राप्तकर्ता को संदेश का उद्देश्य समझने और उसके अनुसार कार्रवाई करने का मौका मिलता है।
संदेश के प्रतिसाद: जन संचार का एक महत्वपूर्ण पहलू है संदेश के प्रतिसाद का प्राप्त होना। लोग संदेश के प्रतिसाद में अपने विचारों और भावनाओं को साझा करते हैं और संदेश प्रेषक को फीडबैक देते हैं।
जन संचार का महत्व:
जागरूकता और शिक्षा: जन संचार जनता को जागरूक बनाता है और उन्हें विभिन्न विषयों में शिक्षित करता है। संचार के माध्यम से जनता को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक ज्ञान प्राप्त होता है।
सामाजिक संबंध और समरसता: जन संचार सामाजिक संबंध और समरसता को बढ़ाता है। संचार के माध्यम से लोग अपने विचारों, भावनाओं, और महत्वपूर्ण विषयों पर समझौता कर सकते हैं और समरसता और सदभाव के माहौल का निर्माण कर सकते हैं।
सरकारी नीतियों के प्रचार-प्रसार: जन जनसंचार माध्यमों द्वारा सरकार की नीतियों का प्रचार और प्रसार किया जाता है ताकि जनता की मांगे जनता की भलाई हो सके जनता के बीच जनता की सरकार के रूप में यह सारी बातें जनसंचार माध्यमों द्वारा प्रसारित की जाती है
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