समाचार लेखन-डॉ संघप्रकाश दुड्डे

समाचार लेखन एक महत्वपूर्ण प्रकार का पत्रकारिता है जिसमें विभिन्न विषयों पर ख़बरों और घटनाओं की सूचना प्रसारित की जाती है। समाचार लेखन का मुख्य उद्देश्य लोगों को सटीक, निष्पक्ष, और उपयुक्त सूचना प्रदान करना होता है ताकि वे जागरूक और जानकार रह सकें।

समाचार लेखन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को निम्नलिखित रूप में समझाया जा सकता है:

  1. शीर्षक (Headline): समाचार लेख का शीर्षक उस ख़बर के सार को संक्षेप में दिखाता है। यह ऐसा होना चाहिए जो पठनीयता और ध्यान आकर्षित करे।

  2. लेखक का नाम (Byline): समाचार लेख के अंत में लेखक का नाम उपस्थित होता है।

  3. पूर्वावलोकन (Lead): समाचार लेख का पूर्वावलोकन उस ख़बर का मूल तथ्य और महत्वपूर्ण जानकारी देता है। यह भाग सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह लोगों को ख़बर के अहमीयत को समझने में मदद करता है।

  4. संपूर्ण जानकारी (Body): पूर्वावलोकन के बाद, समाचार लेख के शरीर में पूरी जानकारी प्रस्तुत की जाती है। इसमें ख़बर के सभी पहलु, संदर्भ, विचार और उपयुक्त बिंदुओं को शामिल किया जाता है।

  5. संपर्क जानकारी: समाचार लेख के अंत में, लेखक की संपर्क जानकारी उपलब्ध कराई जाती है ताकि पाठक या संपादक आवश्यकता होने पर संपर्क कर सकें।

समाचार लेखन के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण नियम होते हैं, जैसे सटीकता, तत्कालिकता, निष्पक्षता, और सामर्थ्य। समाचार लेखन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो समाज में जागरूकता बढ़ाता है और लोगों को सही और विश्वसनीय सूचना प्रदान करता है।

समाचार लेखन एक विशेष प्रकार का लेखन है जो ताज़ा और महत्वपूर्ण समाचार घटनाओं को प्रस्तुत करता है। समाचार लेखन का मुख्य उद्देश्य लोगों को विभिन्न विषयों में जानकारी प्रदान करना होता है, जो देश और विदेश में घटित होने वाली घटनाओं, विकासों, खेल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, कला, साहित्य, विज्ञान और अन्य क्षेत्रों से संबंधित होती हैं।

समाचार लेखन के महत्वपूर्ण तत्व:

  1. शीर्षक (Headline): समाचार लेख की पहचान शीर्षक से होती है। शीर्षक को आकर्षक और संक्षेप में रखने का प्रयास किया जाता है जो पठक का ध्यान खींचे।

  2. उद्दीपक (Lead): समाचार लेख की प्राथमिक जानकारी उद्दीपक में दी जाती है। यहां पर समाचार लेख की मुख्य बातें प्रस्तुत की जाती हैं। उद्दीपक को संक्षेप में लिखा जाता है जिससे पठक अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए रुचि रखता है।

  3. पूरक (Body): उद्दीपक के बाद समाचार लेख का पूर्वांग दिया जाता है जिसमें विस्तृत जानकारी और बिल्कुल सटीक घटना का विवेचन किया जाता है। इसमें संबंधित जानकारियों, विवरणों, गवाहों के सटीक उद्धरणों का उपयोग किया जाता है।

  4. निष्कर्ष (Conclusion): समाचार लेख के अंत में निष्कर्ष प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें समाचार की अधिक महत्वपूर्ण पहलुओं पर भरोसा किया जाता है और आगे की प्रस्तावना दी जाती है।

  5. संचार: समाचार लेखन का संचार अच्छे शब्द संग्रह, भाषा, व्याकरण और स्पष्टता पर निर्भर करता है। यह समाचार को पठकों के साथ सही और तात्कालिक रूप से संवाद करने में मदद करता है।

समाचार लेखन का उद्देश्य समाचार की विभिन्न तारीखों पर प्रस्तुति, जानकारी, जागरूकता और विचारों को साझा करना होता है। एक अच्छा समाचार लेख अधिकतर उच्चतम जैसी अद्भुत विचारधारा को अवसर देता है जिससे पठक जागरूक और समझदार निर्णय ले सकते हैं।

डॉ संघप्रकाश दुड्डे

हिंदी विभाग प्रमुख

संगमेश्वर कॉलेज सोलापुर

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