जीवन की सफलता-डॉ संघप्रकाश दुड्डे

मनुष्य का जीवन बहुत बड़ा अनमोल है इस अनमोल जीवन को सार्थक करने के लिए सोच समझकर हमें आगे बढ़ना चाहिए जीवन की सच्चाई क्या है हम आए हैं किस लिए आए हैं जा रहे कहां है और हमारी मंजिल क्या होनी चाहिए हमारा सपना क्या होना चाहिए हमें आगे बढ़ने के लिए क्या करना चाहिए जो काम हमें करना है वो काम ठीक ढंग से हो रहा है या नहीं इसे देखना बहुत ही आवश्यक है जीवन की सार्थकता उसमें है जो सपना हम देखते हैं उस सपने को साकार करने में जी-जान मेहनत लगाकर उस मंजिल तक पहुंचना यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए भाइयों और बहनों जीवन की सच्चाई समझ लेना बहुत ही आवश्यक है मनुष्य कुछ दिनों का मेहमान है और इस जीवन की सार्थकता मनुष्यता में मनुष्यता की ओर एक दूसरे को समझना एक दूसरे को सम्मान करना एक दूसरा दूसरों का आदर करना यह बहुत ही आवश्यक है जीवन अनमोल इसलिए है कि जीवन बार-बार हमें मिलने वाला नहीं है बार-बार जन्म लेते हैं हम इस दुनिया से विदा होते हैं लेकिन कितना समय चला जाता है इसका कोई अंदाजा नहीं हम कर सकते हैं जीवन की सार्थकता सुखी जीवन जी लेने में सुख क्या है माने तो सुख है ना माने तो दुख है जीवन बहुत लंबा होता है और इस लंबे जीवन में अगर हम हिसाब करें तो दुख ज्यादा और सुख के दिन बहुत कम आते हैं हमेशा हमेशा दुख रहने वाला नहीं है और सुख भी हमेशा हमेशा रहने वाला नहीं है दुख की सार्थकता उसमें है जब हम आशा तृष्णा मोह माया के जाल में फस जाते हैं तो दुख का द्वार अपने आप खुल जाता है अगर हम इन माया जंजाल से छूट जाते हैं तो हमारा सुख का द्वार हमारे लिए खुला हो जाता है हर एक व्यक्ति को सोचना है समझना है कि मुझे सुख का द्वार चाहिए या दुख का द्वार चाहिए सुख चाहिए तो हमें अपनी गलतियों को सुधारना और उसके अनुसार जीवन में नया संकल्प करना बहुत ही आवश्यक होता है सार्थकता जीवन की उसमें है जब हम हमारे पूरे सामाजिक जीवन को पूरे मनुष्यता के विकास को हमारा सहयोग होना बहुत ही आवश्यक है जब तक हम अपनी मंजिल सही ढंग से चल रहे हैं तब तक ठीक है रास्ते में कांटे हैं या फूल बिछे है इसे देखना बहुत ही आवश्यक है संघर्ष जीवन का दूसरा नाम है संघर्ष के बिना जीवन अधूरा है संघर्ष है तो ही जीवन है संघर्ष नहीं है तो जीवन जीने में उतना आनंद नहीं आएगा हर समस्या को हर मुसीबत को हर तकलीफ को झेलते झेलते कटु अनुभव प्राप्त कर लेना जीवन का सार है अपने लोग ही दुख देते अपने लोग ही सुख देते हैं इस बात को जब हम समझते हैं तो मान लेना चाहिए कि सुख और दुख एक ही सिक्के के दो पहलू है इन्हें समझ लेने के लिए पूरी जिंदगी चली जाती है जो व्यक्ति इसे समझता है तो उसके लिए सुख का द्वार खुल जाता है सुख के द्वार में जो भी लोग आते हैं छाया उन्हीं को मिलती है जो सुख समृद्धि के साथ जीवन जीने के लिए अपना मन तन एक करके समर्थ बन जाते हैं हमें कोशिश करनी चाहिए कि जब भी हम काम करेंगे तो हमारा सत्कार होने वाला नहीं है सम्मान होने वाला नहीं है इसलिए जो भी काम हमें करना है उस काम में निस्वार्थ भाव होना बहुत ही आवश्यक है कोई सूची करें कोई प्रशंसा करें इसकी और ध्यान ना देते हुए आगे बढ़ना बहुत ही आवश्यक है जब हम आगे बढ़ेंगे तो उसी में जीवन की सार्थकता है हम आगे नहीं बढ़ेंगे रुकना बस जीवन का अंत है चलना जीवन का आरंभ है जो रुकता है बस उसकी प्रगति रुक जाती है जो चलता है निरंतर चलता है रात दिन हमेशा हमेशा के लिए अपनी मंजिल प्राप्त करने के लिए नींद खो देता है होशियारी के साथ सजगता के साथ सारे के सारे काम करता है वह व्यक्ति जीवन में सफल जरूर होता है

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