एस .पी.कडलक जी को विनम्र अभिवादन
एस. पी.कडलक जी का निधन कल होने की खबर प्राप्त हो गई बहुत ही दुखद समाचार प्राप्त हुआ एस पी कडलक ऐसे बौद्ध धम्म प्रचार-प्रसार थे सोलापुर शहर ही नहीं पूरे भारतवर्ष में उनका धर्म का प्रचार और प्रसार का काम सराहनीय है उन्होंने धम्म यात्रा के लिए लोगों को आज तक ले जाने कर लोगों के लिए धर्म का प्रचार और प्रसार करने का काम उन्होंने किया है उसकी नीव उन्होंने डाली है मुझे भी उनके साथ धम्म की यात्रा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ 90 के दशक में 1990 में उनके साथ बौद्ध गया सारनाथ कुशीनगर लुंबिनी तथा अन्य बौद्ध स्थानों पर उन्होंने लोगों को ले जाकर धम्म की यात्रा आरंभ की और इस यात्रा में उन्होंने जो लोगों की सेवा की वह बहुत ही अनूठी सेवा रही है उनके कारण ही हम धम्म की यात्रा हम कर सके कडलक साहब के द्वारा ही नजाने कितने लोग धर्म के प्रचार में जुड़े रहे बौद्ध भिक्षु प्रचार करने वाला उपासक हो उन्हें ध्यान देना धम्म के लिए प्रचार प्रसार करना यह उनका अनूठा काम हमेशा हमेशा के लिए याद रहेगा बाबा साहब अंबेडकर जी का जो कारवां मुझे धम्म को आगे ले जाना है कडलक साहब अपना योगदान देने के बाद भी पूरा का पूरा समय वे धम्म प्रसार प्रसार के लिए उन्होंने दिया है भीमा कोरेगांव में उन्होंने विहार का निर्माण कर के वहां पर भी बुद्ध की मूर्ति प्रतिष्ठा पित्त की है वहां पर आने वाले लोगों की सेवा उन्हें भोजन देने की सेवा धर्म का प्रचार और प्रसार करने का काम उन्होंने अंत तक किया है आज हमारे बीच में नहीं है बहुत ही दुख होता है कडलक साहब हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनका योगदान हमारे सामने सदैव रहेगा धर्म का प्रचार-प्रसार अंत तक करना यह अगर किसी सीखना है तो हमें कडलक साहब से हमें यह सीखना है कि धर्म का प्रचार और प्रसार करते करते अंत तक वे 83 वर्ष की उम्र तक भी धर्म का प्रचार और प्रसार करते रहे यह हमारे लिए बहुत ही सराहनीय काम है वह हमारे बीच में नहीं है उनके प्रति हम सद्भावना प्रकट करते हैं उन्हें सद्गति प्राप्त हो इस प्रकार की मंगल कामना मैं उनके प्रति करता हूं
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