माता रमाई आंबेडकर को नमन

आज मातोश्री रमाबाई अंबेडकर जी का। जन्मदिन है 7 फरवरी। इस जयंती के उपलक्ष में माता रमाई को मैं सबसे पहले नमन करता हूं रमाई बाबा साहब अंबेडकर जी की अर्धांगिनी बनकर उनका साथ दे दिया इसी कारण बाबा साहब आंबेडकर महान युगपुरुष बन गए। बाबा साहब अंबेडकर जी जब अमेरिका में। पढ़ाई करने के लिए चले गए उस वक्त। माता रमाई उन्हें। खर्चा पानी के लिए काम जो भी कुछ उन्हें मिलता था वह करके उन्हें पैसे भेजने का काम माता रमाई कर दी थी। इतना ही नहीं 4 बच्चे गुजर जाने के बाद भी उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर को इसकी खबर नहीं दी एक ही कारण था कि बाबा साहब अंबेडकर जी का मन पढ़ाई में लगे घर की चिंता वे ना करें। इस कारण उन्होंने दुखद इसी कारण उन्होंने दुखद समाचार भी डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर जी को नहीं बताया इतनी महान त्याग मूर्ति के रूप में रमाबाई अंबेडकर थी बाबा साहब अंबेडकर जी के जीवन को आगे ले जाने वाले बाबा साहब की अर्धांगिनी के रूप में उन्होंने जो काम किया है वह बहुत ही सराहनीय है उनका योगदान श्रेष्ठतम योगदान है कहा जाता है किसी महापुरुष के पीछे किसी एक स्त्री का हाथ होता है। सही है। बाबा साहब अंबेडकर के पीछे खड़ी थी। मातोश्री रमाबाई अंबेडकर जी उनके कारण ही बाबा साहब अंबेडकर भारत के संविधान पिता बन गए बाबा साहब अंबेडकर युग पुरुष बन गए। बाबासाहेब आंबेडकर महान तत्व वे ता बन गए बाबा साहब आंबेडकर महान युग क्रांतिकारक बन गए इसके पीछे। मातोश्री रमाबाई अंबेडकर थी इसे हमें नहीं भूलना चाहिए आज के उनके जन्मदिन के उपलक्ष में मैं उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूं।

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