सामूहिक अत्याचार एक समस्या

सामूहिक अत्याचार। एक बहुत ही गंभीर समस्या बन गई है। पूरे भारतवर्ष में अगर देखा जाए। कहीं न कहीं किसी न किसी जगह पर। सामूहिक अत्याचार की घटनाएं हो रही है ऐसी खबरें समाचार पत्रों में टीवी चैनलों पर दूरदर्शन पर हमें दिखाई दे रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदार कौन है? जिसका भी हमें विचार करना बहुत ही आवश्यक है। जब तक ऐसी घटनाएं होती रहेगी तब तक महिलाएं असुरक्षित है यह में मानना ही पड़ेगा। स्कूल व कॉलेजों पाठशाला हो। किसी ना किसी बहाने महिलाओं को लड़कियों को घर के बाहर जाना होता। ऐसी हालत में अगर और की जगह पर जा रही है वहां पर अगर वह सुरक्षित नहीं है तो यह घटना हमारे लिए बहुत ही शर्मनाक है। ऐसा ही नहीं इतना ही नहीं एक अध्यापिका को भी जलकर। मार दिया गया उसके ऊपर अत्याचार किए गए यह घटना हमारे देश में घटित हो रही है। इसके लिए। ऐसा कानून बनना बहुत ही आवश्यक है जो भी कोई व्यक्ति सामूहिक अत्याचार करता हो या किसी प्रकार का अत्याचार करता हूं तो उसे तुरंत सजा दी जानी चाहिए यह सजा ऐसी होनी चाहिए कि अगर कोई दूसरा व्यक्ति अत्याचार करना चाह रहा है तो उसे सोचना पड़ेगा कि आरे अगर मैं अत्याचार करता हूं तो इसकी सजा बहुत ही कठिन और कठिन सजा सजा-ए-मौत होनी चाहिए लेकिन ऐसा होता नहीं। कानून के चक्कर में अगर पीड़ित व्यक्ति गरीब है साई है तो चुपचाप बैठ कर। यह सारा जुल्म जो है यह सारा अत्याचार जो है यह लेता है इसके लिए सरकार को ही एक अच्छा कदम उठाना चाहिए ताकि अगर ऐसी घटना कहीं भी होती है तो पीड़ित व्यक्ति को संरक्षण देना सरकार का काम है। यह करना बहुत ही आवश्यक है। इस प्रकार का काम नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ी में हमारा देश अत्याचार करने वाला देश अत्याचार से पीड़ित रहने वाली महिलाओं का देश कहलाएगा। इसलिए हमारी सभी व्यक्तियों की नागरिक लोगों की यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम किसी के ऊपर अत्याचार करेंगे नहीं अत्याचार हो रहा है। अन्याय हो रहा है तो उसका प्रतिकार करेंगे यही एक शक्ति है इसे रोकने की अगर हम चाहे तो उसे तुरंत सजा दे सकते हैं लेकिन ऐसा भी रहे हो ना हो कि जो सही माने में अत्याचार से पीड़ित है उसको तो सजा होनी चाहिए उसको तो न्याय मिलना ही चाहिए लेकिन बेकसूर लोगों को भी इसमें अगर कोई फसाना चाहे तो ना फंसे इसका भी ख्याल में करना चाहिए लेकिन जो पीड़ित है जो अन्याय ग्रस्त है उसे न्याय मिलना चाहिए।

Comments

Popular posts from this blog

10 New criteria of NAAC and its specialties - Dr. Sangprakash Dudde, Sangameshwar College Solapur

जन संचार की परिभाषा ,स्वरूप,-डॉ संघप्रकाश दुड्डेहिंदी विभाग प्रमुख,संगमेश्वर कॉलेज सोलापुर (मायनर हिंदी)

काल के आधार पर वाक्य के प्रकार स्पष्ट कीजिए?