मेरा भारत महान

हां मुझे गर्व है कि मेरा भारत महान है क्योंकि इस भारत भूमि पर ही ढाई हजार वर्ष पूर्व सिद्धार्थ गौतम ने सुख शांति समृद्धि संपन्नता समता न्याय बंधुता का संदेश दिया था बहुजन हिताय बहुजन सुखाय लो कान कंपास का नारा भी भगवान बुद्ध ने इसी भूमि पर दिया और इस भूमि पर शांति का पहला पाठ उन्होंने इस विश्व को दिया भगवान बुद्ध के इस शांति पथ के कारण विश्व गुरु बना भारत आज पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान केवल और केवल भगवान बुद्ध के नाम के कारण है हमें युद्ध नहीं हमें बुद्ध चाहिए बुध हमें हमेशा हमेशा के लिए शांति की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है करुणा की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है बुद्ध का विचार हमें हमारे जीवन को आगे ले जाने के लिए एक ऐसा शांति पाठ है जिसके द्वारा हम अपने विचारों के बल पर स्वयं को बदल सकते हैं औरों को बदल सकते हैं जो लोग हिंसा मारपीट और अन्य बुरे कर्मों में लगे हैं उन्हें भी बदलने की ताकत बुद्ध की विचारधारा में बुद्ध हमें यह नारा देते हैं कि अत दीप भव स्वयं स्वयं के दीप बनो इस प्रकार का नारा देकर भगवान बुद्ध ने जो लोग अंधकार में फंसे हैं उन लोगों को अंधकार से बाहर आने का एक मेव रास्ता इस मार्ग के द्वारा भगवान बुद्ध ने दिया है इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि बुद्ध के इस रास्ते पर हमें चलने के लिए मार्ग निर्माण करना होगा बुद्ध तो केवल मार्ग दाता है बुद्ध हमें रास्ता दिखाते हैं उस रास्ते पर चलना तो हमें स्वयं को है उस रास्ते पर चलेंगे तो ही हमें अच्छा सुख शांति का पद मिलेगा नहीं तो हमारे जीवन में अंधकार ही अंधकार है बुद्ध के कारण हमारे जीवन में एक नई रोशनी पैदा हो गई है आए उस रोशनी को पहचाने और उस रोशनी के साथ चलने का प्रयास करें सबका मंगल हो

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