संगमेश्वर में एकदिवसीय कार्यशाला- अनुसंधान प्रविधि और प्रक्रिया नये खोज कुँजी-डॉ राजकुमार वडजे

संगमेश्वर महाविद्यालय सोलापुर स्वायत्त हिंदी विभाग द्वारा आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला अनुसंधान प्रविधि और प्रक्रिया  इस विषय पर  15 अक्टूबर 2025 को  कार्यशाला संपन्न हो गई इस समय  में प्रमुख अतिथि विषय प्रवक्ता के रूप में डॉक्टर राजकुमार वडजे जी के कर कमल द्वारा दीपक प्रज्वलन किया गया संगमेश्वर कॉलेज के उप प्रधानाचार्य डॉक्टर सुहास पुजारी के करकमलों  द्वारा वडजे जी का सम्मान किया गया आरंभ में डॉ संघप्रकाश दुड्डे  ने प्रस्ताविक किया सबा  शेख ने प्रमुख अतिथि का परिचय करके दिया अनुसंधान प्रविधि इस विषय पर बात करते समय डॉक्टर राजकुमार वडजे जी ने कहा कि" अनुसंधान अलग-अलग विषयों पर होना बहुत ही आवश्यक है अनुसंधान की मांग ही नहीं खोज है नई खोज से ही अनुसंधान का नया विकल्प आरंभ होता है और उसकी खोज में अनुसंधान करता को अपना पूरा प्रयास करते हुए जो छिपा हुआ है उसे बाहर लाने का काम अनुसंधान के द्वारा करना आवश्यक है अनुसंधान की अलग-अलग शैलियां होती है जैसे कि पत्र लेखन शैली प्रश्नोत्तर शैली साक्षात्कार शैली ललित गद्य शैली भाषा विज्ञान शैली साहित्यिक शैली अलग-अलग शैलियों में अनुसंधान को अंतिम अंजाम दिया जा सकता है अनुसंधानकर्ता को हमेशा हमेशा अपने आप को सतर्क रखते हुए अध्ययन के आधार पर खोज के आधार पर नए तत्वों को प्रकट करना बहुत ही आवश्यक है जब तक नए तथ्य प्रकट नहीं होंगे तब तक अनुसंधान पूरा नहीं होगा अनुसंधान की पद्धतियों को अपनाना बहुत ही आवश्यक है अनुसंधान के द्वारा ही अलग-अलग विषयों का ज्ञान छात्र प्राप्त करते हैं अनुसंधान ही हमें नए लक्ष्य तक नए रोजगार तक नई उपलब्धियां तक पहुंचा देता है अनुसंधान के द्वारा ही आजादी का आंदोलन सामाजिक आंदोलन आर्थिक आंदोलन या ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करने का काम अनुसंधान के द्वारा अनुसंधान हमारी जिज्ञासा को पूरा करता है अनुसंधान में क्या कब क्यों किस लिए कर्म को खोजने अनुसंधान का महत्वपूर्ण पहलू समझा जाता है वडजे  जी ने अलग-अलग उदाहरण देकर अनुसंधान की प्रविधि कम शब्दों में बच्चों की समझ में आने के लिए अनेक उदाहरण के द्वारा उसे समझाने का प्रयास किया और इस अनुसंधान की गतिविधियों को आगे बढ़ने का संकल्प नई पीडिया के सामने आए हुए बहुत सारे चुनौतियों को भी उन्होंने उजागर किया इसके बावजूद अनुसंधान एक स्वतंत्र विद्या के रूप में उभर आएगी और उसमें नौजवान नव साथियों को योगदान देने की बहुत ही आवश्यकता है एक पीढ़ी दूसरी पीढ़ी को अनुसंधान का महत्वपूर्ण काम कर देती है इस प्रकार के अनमोल विचार उन्होंने प्रकट किया


दूसरे सत्र में अनुसंधान प्रक्रिया  प्रस्तुति में डॉक्टर विजय कुमार मुलिमनी  ने कहां की "अनुसंधान करने के लिए सबसे पहले संदर्भ ग का चयन करना संदर्भ ग की सूची तैयार करना संदर्भ ग को खोजना और सही टिप्पणी करना सही संदर्भ देना फुट नोट लिखना नंबरिंग करना साथ ही साथ प्रकाशक लेखक इनके तथ्यों को सत्य के आधार पर प्रस्तुत करना अनुसंधान का महत्वपूर्ण कार्य है संगमेश्वर महाविद्यालय में एक लाख से भी ज्यादा किताबों का समृद्ध भंडार है इन किताबों का नए अनुसंधान कर्ताओं को बहुत लाभ होगा इन किताबों में हजारों वर्षों का ज्ञान टीपा है नालंदा तक्षशिला विश्वविद्यालय के ग्रंथालय आज होते तो दुनिया कहां से कहां तक चली जाती लेकिन आज वह हमारे पास उपलब्ध नहीं है उसे जलाया गया आक्रमणकारियों के द्वारा इसे हमें इतिहास के पन्नों से खोज कर सही मन में यह ग्रंथ क्यों जलाए गए क्या इसका कारण था कौन इसे जलाने वाला था इसका अनुसंधान अनुसंधानकर्ता को करना बहुत ही आवश्यक है आज अनुसंधान की पद्धतियां बदल गई है अलग-अलग खोजने के द्वारा हम इसके परिणाम को देख सकते हैं इस प्रकार के अनमोल विचार उन्होंने प्रकट किया


 अध्यक्षीय मनोगत में उप प्रधानाचार्य डॉक्टर सुहास् पुजारी ने कहा कि "हिंदी विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला एक सफलता की ओर बढ़ने वाला कदम है इस कार्यशाला से पीएचडी करने वाले छात्रों को रिसर्च किस प्रकार से करना है शोध प्रबंध किस प्रकार से लिखना है फुट नोट कैसे लिखते हैं साथ ही साथ ग्रन्थों का चयन कैसे करना है इसकी विस्तृत जानकारी मिलने के कारण छात्रों को ऐसे कार्यशालाओं की बहुत ही आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति हिंदी विभाग ने की है उन्होंने प्राचीन काल से लेकर आज तक किए गए अनुसंधान की विस्तृत से चर्चा की और इस अनुसंधान को आगे बढ़ाने वाले सभी अनुसंधान कर्ताओं को बहुत सारी बधाई दी इस कार्यक्रम का सूत्रसंचालन डॉक्टर सतीश पनहालकर ने किया आभार प्रकटन शोध अनुसंधान छात्र  वैशाली मंजुले ने किया इस समय डॉक्टर दादा साहेब खांडेकर डॉक्टर रहीसा शेख बहुत संख्या से छात्र-छात्राएं उपस्थित थे

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