पत्रकारिता सृजनात्मक आयाम स्पष्ट कीजिए

पत्रकारिता में "सृजनात्मक आयाम" (Creative Dimension) से तात्पर्य उस नवोन्मेषी, कलात्मक और विचारोत्तेजक पहलू से है जो पत्रकारिता को केवल तथ्यों की सूची देने के बजाय एक प्रभावशाली, आकर्षक और गहन अनुभव बना देता है।

सरल शब्दों में, यह "तथ्यों को कहानी की तरह सुनाने की कला" है।

सृजनात्मकता के मुख्य आयाम (Key Dimensions of Creativity in Journalism):

पत्रकारिता में सृजनात्मकता कई रूपों में प्रकट होती है:

1. कहानी कहने की कला (The Art of Storytelling):

· क्या है: केवल यह रिपोर्ट करना कि "क्या हुआ" इस पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, यह समझाना कि "यह किसे प्रभावित करता है" और "इसका क्या अर्थ है"।
· उदाहरण: किसी योजना के लाभार्थियों की व्यक्तिगत कहानियों के through उस योजना के प्रभाव को दिखाना। एक रिपोर्ट को नाटकीय ढंग से structure करना (शुरुआत, मध्य और अंत के साथ)।

2. लेखन शैली और भाषा (Writing Style and Language):

· क्या है: सूचनात्मक होते हुए भी साहित्यिक और जीवंत भाषा का use करना। रोचक उपमाएँ, रूपक और विशेषणों का प्रयोग।
· उदाहरण: एक खेल पत्रकार का मैच का ऐसा विवरण देना जिसे पढ़कर पाठक स्वयं को स्टेडियम में महसूस करने लगे।

3. दृश्य प्रस्तुति और डिज़ाइन (Visual Presentation and Design):

· क्या है: टेक्स्ट के साथ फोटोग्राफी, इन्फोग्राफिक्स, कार्टून, इलस्ट्रेशन और डेटा विजुअलाइजेशन का creative use।
· उदाहरण: एक जटिल आर्थिक सर्वेक्षण को समझने के लिए इन्फोग्राफिक्स का use करना। एक शक्तिशाली तस्वीर जो हज़ारों शब्दों का काम कर दे।

4. फॉर्मेट और प्रस्तुति का नवाचार (Innovation in Format and Presentation):

· क्या है: पारंपरिक खबरों के format से हटकर कुछ नया करना।
· उदाहरण:
  · लंबी पत्रकारिता (Long-Form Journalism): गहन शोध पर आधारित विस्तृत और संवादात्मक लेख।
  · इंटरएक्टिव पत्रकारिता (Interactive Journalism): पाठक की participation वाली रिपोर्ट्स, जैसे इंटरएक्टिव मैप्स, क्विज़।
  · पॉडकास्ट और डॉक्यूमेंटरी: आवाज़ और विजुअल्स के through एक विषय की गहराई में जाना।

5. गहन शोध और विश्लेषण (In-Depth Research and Analysis):

· क्या है: सतही जानकारी देने के बजाय घटना की जड़ तक जाना और उसके विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण प्रस्तुत करना।
· उदाहरण: 'स्तंभ लेखन' (Column Writing) जहाँ लेखक किसी घटना पर अपनी एक अलग और गहरी दृष्टि प्रस्तुत करता है।

6. डिजिटल और मल्टीमीडिया का रचनात्मक उपयोग (Creative Use of Digital & Multimedia):

· क्या है: डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की क्षमताओं का पूरा use करना।
· उदाहरण: 360-डिग्री वीडियो, Virtual Reality (VR) के through किसी युद्धक्षेत्र या आपदाग्रस्त क्षेत्र का virtual tour कराना।

सृजनात्मकता और वस्तुनिष्ठता का संतुलन:

पत्रकारिता में सृजनात्मकता का सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण पहलू यह है कि इसे तथ्यों और वस्तुनिष्ठता (Objectivity) से समझौता किए बिना ही प्रस्तुत किया जाना चाहिए। सृजनात्मकता का मतलब कल्पना या fiction से नहीं है। इसका आधार हमेशा सत्य और तथ्य ही होने चाहिए।

· सृजनात्मकता का अर्थ है: तथ्यों को और अधिक प्रभावी, समझने में आसान और याद रखने लायक बनाना।
· सृजनात्मकता का अर्थ यह नहीं है: तथ्यों को twist करना या sensation फैलाने के लिए उनके साथ छेड़छाड़ करना।

निष्कर्ष:

पत्रकारिता का सृजनात्मक आयाम ही उसे एक कला का दर्जा देता है। यह पत्रकारिता को एक यांत्रिक process से एक शक्तिशाली medium में बदल देता है जो न केवल लोगों को सूचित करता है, बल्कि उन्हें प्रभावित, जोड़ने और सोचने के लिए प्रेरित भी करता है। यही creativity एक सामान्य रिपोर्टर को एक अच्छा कथाकार (Storyteller) बनाती है।

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