प्रयोजनमूलक हिंदी की उपयोगिता

 प्रयोजनमूलक हिंदी की उपयोगिता अत्यंत व्यापक और बहुआयामी है। यह केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक व्यावहारिक कौशल (Practical Skill) बन गई है जिसकी उपयोगिता निम्नलिखित क्षेत्रों में स्पष्ट देखी जा सकती है:

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1. रोज़गार के अवसरों का सृजन (Creating Employment Opportunities)

· प्रयोजनमूलक हिंदी का ज्ञान सरकारी, अर्ध-सरकारी और निजी क्षेत्रों में अनुवादक, प्रलेखक, सहायक, कार्यालय अधिकारी आदि पदों पर नौकरी पाने के द्वार खोलता है।
· UPSC, SSC, राज्य स्तरीय परीक्षाओं में हिंदी भाषा और प्रशासनिक हिंदी से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

2. प्रशासनिक कार्यकुशलता में वृद्धि (Increasing Administrative Efficiency)

· यह सरकारी कार्यों को तेजी से और स्पष्टता से निपटाने में मदद करती है।
· देश के बड़े हिस्से की जनता तक सरकार की योजनाओं और नीतियों के बारे में सीधे और प्रभावी ढंग से संवाद स्थापित करना संभव बनाती है।

3. ज्ञान-विज्ञान का प्रसार (Dissemination of Knowledge and Science)

· उच्च शिक्षा और तकनीकी ज्ञान (इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन) को हिंदी माध्यम से उपलब्ध कराकर यह ज्ञान के लोकतंत्रीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
· अंग्रेजी में उपलब्ध जटिल जानकारी को सरल हिंदी में समझाकर आम आदमी तक पहुँचाती है।

4. राष्ट्रीय एकता एवं संपर्क भाषा का कार्य (National Integration and Link Language)

· यह देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों के बीच संवाद की सुविधा प्रदान करती है और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करती है।
· हिंदीतर भाषा-क्षेत्रों के लोगों के लिए यह एक सरल संपर्क भाषा (Lingua Franca) का काम करती है।

5. व्यवसाय एवं अर्थव्यवस्था में योगदान (Contribution to Business and Economy)

· एक विशाल उपभोक्ता बाजार तक पहुँचने के लिए कंपनियों के लिए विज्ञापन, Marketing और ग्राहक सेवा हिंदी में करना अनिवार्य हो गया है।
· हिंदी में व्यावसायिक समझ रखने वाले professionals की मांग बाजार में तेजी से बढ़ी है।

6. सूचना का अधिकार (Right to Information)

· प्रयोजनमूलक हिंदी ने आम नागरिकों को सरकारी योजनाओं, कानूनों और अपने अधिकारों की जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।
· इसने पारदर्शिता बढ़ाने और नागरिकों को सशक्त बनाने में मदद की है।

7. डिजिटल दुनिया में पहुँच (Access in the Digital World)

· इंटरनेट पर Hindi content की मौजूदगी तेजी से बढ़ी है। इसने डिजिटल खाई (Digital Divide) को पाटने में मदद की है।
· डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देकर, यह भारत के डिजिटल इंडिया अभियान की रीढ़ बन गई है।

8. सांस्कृतिक पहचान का संरक्षण (Preservation of Cultural Identity)

· व्यावसायिक और प्रशासनिक कार्यों में हिंदी के प्रयोग से भारतीय भाषाओं का गौरव और स्वाभिमान बढ़ा है।
· यह अंग्रेजी की एकाधिकार को चुनौती देकर भाषाई विविधता को बनाए रखने में मददगार है।

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निष्कर्ष (Conclusion):

प्रयोजनमूलक हिंदी की उपयोगिता केवल साहित्यिक अभिव्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोजगार, प्रशासन, शिक्षा, व्यवसाय और तकनीक जैसे व्यावहारिक क्षेत्रों में एक शक्तिशाली उपकरण (Powerful Tool) के रूप में उभरी है। यह राष्ट्र के विकास में सीधे योगदान देने वाली एक कार्यात्मक भाषा (Functional Language) है, जिसकी प्रासंगिकता और उपयोगिता समय के साथ और बढ़ती जा रही है।

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