काशीनाथ सिंह का जीवन परिचय स्पष्ट कीजिए

 काशीनाथ सिंह हिंदी साहित्य के एक प्रमुख लेखक, उपन्यासकार और निबंधकार हैं। यहाँ उनका संक्षिप्त जीवन परिचय दिया गया है:

काशीनाथ सिंह: जीवन परिचय (जन्म: 1937)

जन्म एवं शिक्षा:

· काशीनाथ सिंह का जन्म 5 जनवरी, 1937 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के चकिया गाँव में हुआ था।
· उनकी उच्च शिक्षा काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी में हुई, जहाँ से उन्होंने हिंदी साहित्य में एम.ए. और पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उनका शोध विषय "आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का आलोचना साहित्य" था।

कार्यक्षेत्र:

· उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की और लंबे समय तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग में प्रोफेसर के रूप में अध्यापन कार्य किया।

साहित्यिक परिचय: काशीनाथ सिंह हिंदीसाहित्य की 'नई कहानी' और 'समानांतर' आंदोलन की पीढ़ी के प्रमुख रचनाकारों में गिने जाते हैं। उनकी रचनाओं में आम आदमी का जीवन, यथार्थ का चित्रण और सामाजिक विसंगतियों पर तीखा व्यंग्य मिलता है। उनकी भाषा-शैली बेहद सहज, मुहावरेदार और लोकप्रिय है।

प्रमुख रचनाएँ:

1. उपन्यास (Novels):
   · काशी का अस्सी (Kashi Ka Assi): यह उनका सबसे प्रसिद्ध और चर्चित उपन्यास है। यह वाराणसी (काशी) के अस्सी घाट और आस-पास के इलाके के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक जीवन का एक जीवंत दस्तावेज है। इस पर आधारित "मोहल्ला अस्सी" नाम से एक लोकप्रिय फिल्म भी बनी थी।
   · अपना मोर्चा
   · रेहन पर रग्घू
2. कहानी संग्रह (Short Story Collections):
   · सुबह का डर
   · शाम का बोझ
   · काली घटा का बोझ
   · कुछेक कहानियाँ: चार लघु उपन्यास
   · पाँच जोड़ा आँखें
3. यात्रा वृत्तांत (Travelogue):
   · चीन यात्रा: यह चीन की यात्रा पर आधारित एक रोचक यात्रा वृत्तांत है।
4. निबंध (Essays):
   · आछे दिन पाछे गए
   · महुआ चरित

पुरस्कार एवं सम्मान:

· उन्हें 'काशी का अस्सी' उपन्यास के लिए वर्ष 2011 का साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया।
· उन्हें शिरोमणि सम्मान और व्यास सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है।

विशेषताएँ:

· काशीनाथ सिंह की रचनाओं में बनारस (वाराणसी) का सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन बहुत गहराई से उभरकर आता है।
· उनकी भाषा में स्थानीय बोली (भोजपुरी) के शब्दों और मुहावरों का सुंदर प्रयोग मिलता है, जो उनके लेखन को एक विशिष्ट पहचान देता है।
· वे व्यंग्य के मास्टर माने जाते हैं और सामाजिक और राजनीतिक विद्रूपताओं पर करारा प्रहार करते हैं।

निधन: हिंदीसाहित्य के इस महान रचनाकार का 19 मार्च, 2023 को वाराणसी में निधन हो गया।

संक्षेप में, काशीनाथ सिंह हिंदी साहित्य के एक ऐसे सशक्त हस्ताक्षर थे, जिन्होंने अपने लेखन से सामान्य जन के जीवन की गहरी पड़ताल की और अपनी अनूठी शैली से पाठकों के दिलों में विशेष स्थान बनाया।

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