हिंदी रोजगार की भाषा है-प्रो डॉ विष्णु सरवदे
संगमेश्वर महाविद्यालय हिंदी विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यान में हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर विष्णु सरवदे जी ने हिंदी में रोजगार की उपलब्धियां इस विषय पर दिनांक 26 अप्रैल 2022 को महत्वपूर्ण व्याख्यान दे दिया सबसे पहले उप प्रधानाचार्य प्रा डी एम मैत्री जीने उनका स्वागत किया हिंदी विभाग प्रमुख प्राध्यापक डॉ संघप्रकाश दुड्डे ने प्रास्ताविक और प्रमुख अतिथि का परिचय करके दिया इस अवसर पर डॉक्टर विष्णु सरवदे जी ने कहा कि" हिंदी जन-जन की भाषा है हिंदी भाषा के कारण देश को स्वतंत्रता मिली है हिंदी महासागर है उसे अनेक भाषा आकर मिलती है जो कि अनेक नदियों की तरह एक महासागर बनता है उसी प्रकार हिंदी भाषा है विज्ञान तकनीकी के क्षेत्र में हिंदी भाषा आगे बढ़ रही है एक प्रांत से दूसरे प्रांत में आने के बाद लोग हिंदी में बातचीत करते हैं और उन्हें रोजगार मिल जाता है देश की प्रगति में देश की भागीदे भागीदारी में भारतीय भाषा के ज्ञान को बढ़ाना जरूरी है मोबाइल पर आज लोग रोमन में लिखते हैं और उसे हिंदी समझ कर उसे पढ़ लेते हैं इस प्रकार से लोग हिंदी भाषा को सही रूप में जानने का प्रयास करना जरूरी है तभी हिंदी लिपि का देवनागरी का विकास होगा देवनागरी में लिखना बहुत ही आवश्यक है जो की भाषा का विकास उसी प्रकार से हो जाता है देवनागरी में लिखना ही जनता की भाषा का प्रयोग करना है जब तक हम जनता की भाषा में नहीं बोलेंगे तब तक हमें जनता की भाषा को आगे ले जाने के लिए कोई प्रयास नहीं रहेगा जैसे कि भारत में बहुत सारी भाषाएं हैं संस्कृत भाषा पाली भाषा अरबी भाषा मराठी भाषा पंजाबी भाषा कन्नड़ भाषा तेलुगु भाषा मलयालम भाषा लेकिन इन सभी भाषाओं को एक सूत्र में जोड़ने का काम हिंदी कर रही है इसलिए जनता के बीच में हिंदी में संवाद होना बहुत ही आवश्यक है बोलचाल की भाषा में भाषा का प्रयोग होना बहुत ही आवश्यक है हर प्रांत में अपने-अपने बोली भाषा बोली जाती हिंदी भाषा का प्रयोग करना इसीलिए जरूरी है क्योंकि हिंदी में संपादन किया जा सकता है लेखक आशिक किया जा सकता है हिंदी में और अन्य भाषाओं को भी सहने का जोड़ने का काम हो सकता है इसलिए हिंदी फिर एक बार जवान हो रही है इसलिए उत्साह जनता के बीच में होना बहुत ही आवश्यक है इसी कारण हिंदी जीवित बन सकती है हिंदी विभाग में ही हिंदी जन-जन की भाषा के रूप में पहुंचाने का काम किया जाता है अन्य विभागों में भी हिंदी का उपयोग होना बहुत ही आवश्यक है हिंदी का जल्लोष बहुत ही आवश्यक है भाषा गतिशील बन रही है इसे हमें समझना चाहिए राष्ट्रभाषा हिंदी दिवस के रूप में मनाते हुए हर दिन हिंदी का बोलबाला होना बहुत ही आवश्यक है आज हमें हिंदी ज्ञान की भाषा रोजगार की भाषा होना बहुत ही आवश्यक है हमारे ऊपर अंग्रेजी होती जा रही है हर गली में हर गांव में अंग्रेजी स्कूलों का अतिक्रमण हो रहा है हर देश में अपनी-अपनी भाषाओं में शिक्षा दी जाती है मातृभाषा में शिक्षा दी जाती है जापान में जापानीज खोली जाती है चाइना में चाइनीस बोली जाती है रशिया में रशियन बोली जाती है थाईलैंड में थाई बोली जाती है बर्मा में ब्राह्मी बोली जाती है श्रीलंका में खेली जाती है इस प्रकार से भारत में भी हिंदी का बोल बाल होना बहुत ही आवश्यक है मनोरंजन की भाषा उपभोक्ता की भाषा हिंदी बन रही है सिनेमा को केंद्र में रखकर हिंदी का विकास हो रहा है बहुत बड़े-बड़े आंकड़े दिखाई दे रहे हैं हिंदी भाषा को रोजगार के द्वारा हमें अलग-अलग क्षेत्र जो है का विश करना जरूरी है क्या मेरा मन हो संवाद लिखने वाला हो इन्हें रोजगार मिल रहा है सिनेमा से भाषा से रोमन भाषा से संवाद लिखे जाते हैं और अभिनेताओं से हिंदी में बोलता है यह सबसे बड़ी समस्या है यह सारे संवाद भी हिंदी में लिखना बहुत ही आवश्यक है अभिनेता कभी-कभी हिंदी में बात करते-करते अंग्रेजी में बोलता है भारत का उपभोक्ता हिंदी का बाजार महत्वपूर्ण है हिंदी ज्ञान की भाषा बननी चाहिए तब उसका विकास हो जाएगा रोजगार की भाषा बने जन-जन की भाषा बने शब्दकोश विज्ञान को हिंदी में बने पाठ्यक्रम हिंदी माध्यम से हो सारे के सारे पाठ्यक्रम सारे भाषा के पाठ्यक्रम हिंदी भाषा में अगर हो जाते हैं तो हिंदी का विकास बहुत ही तेजी के साथ होना बहुत ही संभव है इसलिए हिंदी को मातृभाषा के रूप में हिंदी का पाठ्यक्रम होना बहुत ही आवश्यक है यहां के मठाधीश प्रांतीय भाषा को दबाते हैं हमारे ऊपर थोपते हैं वर्चस्व वाद के नाम पर अंग्रेजी को हमारे ऊपर थोपा जा रहा है हिंदी ज्ञान की भाषा कला की भाषा संस्कृति की भाषा बने दुनिया को देखना है पुरस्कार के नाम पर अंग्रेजी लिखे जाते हैं विश्व के सभी लोग अपना मार्ग रमन कर रहे हैं राजनीति शिक्षा अन्य क्षेत्रों में भी विज्ञान टेक्नोलॉजी में भी हिंदी का उपयोग होना बहुत ही आवश्यक है हिंदी भाषा के माध्यम से शिक्षा देना चाहिए सारी शिक्षा का केंद्र हिंदी भाषा के प्रति आगे बढ़ना बहुत ही आवश्यक है हम हिंदी भाषा के रोजगार की उपलब्धियां कहां है हिंदी भाषा को किस किस तरह पर रोजगार उपलब्ध हो सकते हैं रोजगार की उपलब्धियां हमें ढूंढना बहुत ही आवश्यक है आज हिंदी राजभाषा अधिकारी के रूप में केंद्र राज्य सरकार में हर कार्यालय में हर कोई व्यक्ति हर कोई छात्र राजभाषा अधिकारी बनकर अपनी रोजी रोटी कमा सकता है हिंदी भाषा का विकास कर सकता है हिंदी अध्यापक बनकर स्कूल कॉलेज महाविद्यालय में अपनी नौकरी प्रस्तुत कर सकता है सेठ नेट बंद कर हिंदी में अपना करियर कर सकता है पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत सारी उपलब्धियां है उस क्षेत्र में भी छात्र अपनी योग्यता को आगे आगे ले जाकर अनुवाद के क्षेत्र में हर कोई व्यक्ति अपना करियर बना सकता है द्विभाषी का काम कर सकता है देश विदेश में 2 भाषाओं का ज्ञान बड़ा बड़ा कर अपना जीवन आगे बढ़ा सकता है दूरदर्शन चैनल पर संवाददाता सूत्र संचालक समाचार वाचक रेडियो जॉकी आदि बन सकता है अमीन साया का उदाहरण बिनाका गीतमाला के कारण आज भी हमारे कानों में उनकी आवाज उनकी हिंदी मीठी हिंदी आज भी गूंज रही है जैसे की फिल्म हो वैभव और टोल हो हिंदी लिखने वाले के लिए रोजगार के सारे क्षेत्र खुले हैं विज्ञापन के द्वारा आप रोजगार के सारे के सारे क्षेत्रों को आप अपना बना सकते हैं हिंदी के माध्यम से रोजगार प्राप्त हो सकते हैं हिंदी में रोजगार मिलते हैं इसीलिए हमें हिंदी लिखने समय गलतियां नहीं करनी चाहिए व्याकरण की गलतियां नहीं करनी चाहिए जोर-जोर से जो भी अच्छा खिलाड़ी होता है वह अपनी खिलाड़ी के कारण आगे बढ़ता है जिस प्रकार से ज्ञान के बल पर हर कोई व्यक्ति अपना अस्तित्व जो है सिद्ध करता है विज्ञापन के क्षेत्र में भी रोजगार जो है उपलब्ध हो रहे हैं विदेशों में जाकर शिक्षक बन सकते भारत एक सबसे बड़ा मार्केट है इस मार्केट में माल बेचना है तो हिंदी आना बहुत ही जरूरी है हिंदी के अंतर्गत रेडियो टीवी रोजगार हमें दे सकते हैं सरकार इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है सरकार केवल हिंदी का प्रचार और प्रसार करने का नाटक कर रही है अगर सरकार चाहती है तो हमें हिंदी के प्रति जागरूक बनना होगा जागरूकता के साथ हिंदी प्रचार और प्रसार हम करेंगे तो हिंदी का भविष्य सबसे बड़ा उज्जवल होगा हिंदी के रोजगार हर एक के लिए उपलब्ध हो सकते हैं इसलिए हमें तलाश करना होगा सही में निष्ठा लगन और मेहनत के बल पर बुद्धिमत्ता के बल पर ताकत के बल पर हर कोई व्यक्ति हिंदी में रोजगार पा सकता है " इस समय उन्होंने संगमेश्वर महाविद्यालय हिंदी विभाग का आभार प्रकट किया कि उन्होंने इस प्रकार का व्याख्यान आयोजित करके उन्हें बोलने का मौका दिया इस प्रकार संगमेश्वर महाविद्यालय हिंदी विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यान में विष्णु जी ने हिंदी में रोजगार की उपलब्धियां इस विषय पर अपनी महत्वपूर्ण बात रखी अंत में डॉ दादा साहब खांडेकर जी ने कृतज्ञता ज्ञापित किया इस व्याख्यान में भारतवर्ष से अध्यापक अध्यापिका छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे/ सूत्रसंचालन लक्ष्मी पुत्र करबसप्पा बगले ने किया/
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